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सरपक
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५ नाग
का एक प्रशुभ योग । ४ ग्यारह रुद्रों में से एक । केसर । ६ पृथ्वी, भूमि । ७ पक्षी ८ गमन । मध्य लघु की पांच मात्रा का नाम ।.१० देखो 'सरवि' । - अरि-पु० गरुड़, मयूर, मोर, नेवला।-काळ, काल-पु० गरुड़ नेवला मोर - स्टू-पु० सांप का विष दंत, विष देत का घाव । - पति-पु० शेषनाग - प्रिय-पु० चंदन :- भुज-पु० मयूर, मोर, सारस, बडा सर्प-माळी-पु० शिव, महादेव । - राज-पु० शेषनाग । विद्या स्त्री० सर्प को वश में करने की विद्या ।
( vix )
सरपक ( ख ) - १ देखो 'सरप' । २ देखो 'सरपिख' । सरपगंधा स्त्री० [सं० सर्पगंधा ] नागदवन नामक एक जड़ी सरपगत, ( गति, गती ) - स्त्री० [सं० सपंगति ] १ सर्प के समान चाल, कपट चाल, वक्रगति । २ कुटिल प्रकृति वि० कुटिल, वगति वाला। सरपड़ो-देखो 'सरप' ।
सरपतीह-स्त्री० [सं० सर्प जिला] १ एक प्रकार की बटार
२ कोई कटार ।
सरपट - स्त्री० १ घोड़े की एक तेज चाल । २ दौड़ते हुए चलना । - क्रि० वि० तेजी से शीघ्रता से ।
सरपणी - स्त्री० [सं० सर्पिणी] नागिन, सांपिन ।
सरगड़ तेज पु०चिपटे सरपारि सरपारी- पु० [सं० सर्पारि ] नेवला ।
मयूर
सरपास देखो 'सिरपाव' ।
१
का पोड़ा जो शुभ माना जाता है।
गरुड़ । २ मोर,
सरफ पु० [० शरफ] १ बड़ाई २ सोभाग्य ३ महत्व | सरकणी (बी) कि० हवा में फरना, हवा के झोंके खाना, हिलना-डुलना
सरफल १० [सं०] शर-फलम् ] तीर की नोक ।
सरफास - स्त्री० घास-फूस आदि का नुकीला भाग । सरकी - पु० १ प्रौषधि में काम पाने वाला एक पौधा विशेष । [फा० सर्फ | २ खच, व्यय । ३ फिजूल खर्च, अपव्यय । ४ मितव्ययता । ५ गुजर-बसर । सरबंग-पु० [म० सर्वाग] १ सब देह सब अंग २ एक सय । विशेष । ३ दवा बांटने (पीसने ) का संगमरमर का घोटा
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४ देखो 'सरभंग' क्रि०वि० पूर्ण रूप से, सर्वथा 1 सरबंगी- वि० १ साम-दाम प्रादि नीतियां जानने वाला, नीतिज्ञ । २ देखो 'सरभंगी' ।
सरब १ देखो 'सरभ' २ सरबगळ-वि० १ सबको
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सरबंद (ध) - पु० [सं० शरबंध] १ शिर पर बांधा जाने वाला वस्त्र पड़ी साफा २ स्थियों के शिर का प्राभूषण विशेष |
३ एक प्रकार का यज्ञ ।
सरबजी० [सं०] सर्वजीव] ब्रह्मा का एक नाम। सरबत - पु० [प्र० शवंत] १ फल, मेवे शादि का, शक्कर की चासनी के साथ बना रस २ गुड़ चीनी प्रादि का पोने लायक रस । ३ मुसलमानों में सगाई की एक रश्म । ४ इस रश्म के अनुसार कन्या पक्ष की घोर से वर पक्ष को दिया जाने वाला घन ।
सरबती पु० [० मरवती ] कुछ पीलापन लिए लाल रंग का एक नगीना । २ एक प्रकार का वस्त्र । ३ नींबू की एक जाति । ४ एक प्रकार का ग्राम। वि० १ शरबत का, शरबत संबंधो। २ रसदार, सरस । ३ हल्का पीला व सुखं ।
सरपासण (न) - पु० [सं० सर्प-प्राशन् ] १ गरुड़ । २ मोर, मयूर । ३ नेवला । ४ भगवान विष्णु ।
सरबाटो 'सर सरवदा-देखो 'सरवदा'।
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सरपाहार पु० [सं०] सर्व चाहार) १ नेवला २ मोर, मयुर सरबमंगळा स्त्री० [सं०] सर्वमंगला] तांत्रिकों को एक देवी ] । १३ गरुड़ [सं० सर्प द्वारं] ४ शिव, महादेव ।
[सं० सर्पिष ] घृत, घी ।
सरपि, सरपिख, सरपिखि (खी ) - पु० सरपेच- देखो 'सिरपेच' । सरपोस पु० [फा०] सरपोश] बाल यादि ढकने का वस्त्र
सरपो, सरप्प-देखो 'सरप' ।
करने वाला । ३ देखो 'सरवग्रास' ।
सरबसुख
देखो 'सरव' |
हजम करने वाला । २ सबको स्वाहा
सरग्यांनी सरजांस देखो 'सरवानी।
सरबजीत - वि० [सं० सर्वजित्] सबको जीतने वाला, सर्वोत्तम, ० १ काल या मृत्यु २ इक्कीसवां संवत्सर ।
सर्वश्रेष्ठ
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सरमुख- देखो 'सरखमुख' ।
सरबर-१ देखो 'सरोवर' । २ देखो 'सराबोर' । सरबरस पु० [सं० सवरसं] ज्ञान वि० बारा सरबरा, सरबराह - स्त्री० [फा० सरबराह ] १ खातिर, भाव
भगत । २ प्रावभगत करने की सामग्री । ३ प्रबन्ध, व्यवस्था - वि० १ प्रबंधक, व्यवस्थापक । २ स्वागतकर्त्ता । ३ मजदूरों का मुखिया ।
सरबराकार पु० [फा०] सरवराह] व्यवस्थापक, प्रबंधकर्ता सरबरित पु० [सं० सर्वरत] १ शिव, महादेव । २ श्रीकृष्ण । ३ ईश्वर । सरबरी-देखो 'सरवरी' ।
सरबलील- वि० सब पदार्थ खाते वाला, सर्वभक्षी । सरबस - देखो 'सरवस्व' ।
सरबसहा देखो 'सरवसहा' ।
सरबसुख- पु० [सं० सर्व सुखम् ] पानी, जल ।