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सरजीवरण
सरतन
सरजीवण-देखो 'सजीवण'।
सरगाणो (बौ)-कि० तेज ध्वनि व मावाज करना । सरजीवत-देखो 'सजीव'।
सरणाय, सरणायत-१ देखो 'सरस्सागत'। २ देखो 'सहनाई। सरजु सरजू, सरज्यु-देखो 'सरयू' ।
सरणायांसाधार, सरणायांसोहड़(ड), सरणासधार, सरणासाधार सरनोड, सरजोर-देखो "सिरजोर'।
-वि० शरणागत वत्सन, शरणागत को रक्षा करने वाला। सरज्जणी (बो)-देखो 'सरजणी' (बी)।
सरणारथी-वि० [सं० शरणार्थिन] शरण या अभय चाहने सरत-पु० [सं० शरटः] १ गिरगिट । २ कुसुम । ३ पवन, वाला, शरण में पाया हुमा ।
वायु। ४ धागा । -स्त्री० ५ निशाना लगाने की क्रिया। सरणि, सरणी-वि. १ शरणार्थी । २ शरण देने वाला, ६ देखो 'सरठ'।
पाश्रयदाता। -स्त्री० [सं० सरणि, सरणी] १ दो सरटि, सरटो-पु० [सं० सरटिः] १ पवन, हवा। २ बादल, पर्वत श्रेणियों के बीच का तंग संकरा मार्ग, घाटी। मेघ । ३ छिपकली। ४ लाजवती स्त्री।
२ मार्ग, रास्ता। ३ सीधी रेखा। ४ गले का रोग सरठ-पु. १ सरकार द्वारा निश्चित अनाज का भाव । _ विशेष । ५ ढग, तोर, तरीका। ६ भूमि, जमीन ।
२माल क्रय-विक्रय का एक नियम विशेष। ३ निशाना, ७ देखो 'सरण'। लक्ष्य । -बंदियो, बंधियो-पु. सरकार द्वारा निर्धारित सरणी-पु० प्राश्रय, शरण । कीमत पर बिकने वाला सामान । माल ।
सरणी (बी), सरणी (बी)-क्रि० [सं० सृ] १ सिद, होना, सरग, सरदो-पु. (स्त्री० सरडी, सरढ़ी) ऊंट ।
सफल होना । २ बनना, पूर्ण होना। ३ पार पड़ना । सरण-स्त्री० [स० शरण] १मात्रय, पनाह । २ प्रोट, पाड़। ४ शक्ति या सामर्थ्य के प्रमुखार होना । ५ कार्य का निर्वाह
३ सहास । ४ वात-विकार के कारण होने वाला रोग होना, पूरा होना । ६ लक्ष्य सिद्ध होना। ७ परिपूर्ण होना, विशेष । ५घर, मकान। ६ रास्ता, पथ। ७मात्रय पर्याप्त होना । ८ संभव होना । ९ होना। १.रूप, गुण स्थल, बचाव स्थान । ८ विधाम, प्रवास। १ कोठरी, मादि का किसी से मेल खाना । ११ चमना, निमना । कमरा । १० भगवान विष्णु का एक नाम । ११ मागे ममन १२ घूमना, फिरना, विचस्ति होना । १३ व्यतीत होना, करने की क्रिया या भाव। १२ लोहे का जंग। -वि. बीतना । १४ पड़ना, विवश होना । १५ रहना, परना । १ शरण में पाया हुमा, शरणामत । २ गतिशील । ३ | सरोदेवो-स्त्री० चौहानों की कुल देवी का नाम। पश्चिमी राजस्थान का एक क्षेत्र विशेष ।
सरण्य-वि० [स.] १ शरणागत की रक्षा करने वाला। सरणईसातार, सरणसधार (साधार)-देखो 'सरणायांसाचार'। । २ जिसका भाग्य खराब हो। -पु. [सं० शरण्यं] १ माश्रय सरगांव-देखो 'सरलाट'।
स्थल, पाश्रय स्थान । २ रक्षा करने वाला व्यक्ति । सरलाई-वि० १ शरणागत, शरण में पाने वाला। २ देखो ३ रक्षा, सुरक्षा । ४ अनिष्ट, अपकार। ५ शिव, महादेव । ___'सहनाई।
सरण्या-स्त्री० [सं० शरण्या] दुर्गा का एक नाम । सरणाईराय-वि० राजा-महाराजामों को शरण देने वाला। सरण्यु-पु० [सं० शरण्युः, सरण्यु] १ रक्षा करने वाला व्यक्ति । सरणाईसधार, सरणाईसधोर, सरणाईसाधार, सरणाई- २ मेघ, बादल । ३ हवा, पवन । ४ वसन्त ऋतु । ५ यमसोहा (ड)-देखो 'सरणायांसाधार'।
राज, धर्मराज । ६ प्राग, अग्नि । ७ जल, पानी।-स्त्री. सरणागत-पु० [सं० शरणागत] शरण में पाया हमा जीव या ८ सूर्य की पत्नी का नाम । व्यक्ति ।
सरतग, सरतत-देखो 'सरतन'। सरणागति (ती)-स्त्री० [सं० शरणागति] १ शरणामत होने | सस्त-पु० [सं० शरद] १ संवत्, वर्ष। [सं० शर] २ तीर, की क्रिया या भाव । २ देखो 'सरणामत'। .
बाण । ३ सरोवर, तालाब। -स्त्री० [म. शतं] ४ किसी सरणाट-पु. १ फूक वाद्यों(शुषिर) से उत्पन्न ध्वनि; मावाज । कार्य या बात की सिद्धि के लिए जरूरी बातें, शर्त, कोम
२ तीव्र गति से उत्पन्न ध्वनि, सनसनाहट । ३ छकी या बेंत | वचन । ५ दाव, पेच, बाजी। ६ दाव पर लगाने का धन । के प्रहार की ध्वनि । ४ प्रस्त्र की गति। ५ पक्षी ७ कत्र्तव्यः । ८ देखो 'सरिता'।
मादि के उड़ने की बनि । -क्रि०वि० तीव्रता से तेजी से। सरलमधीस-पु० [स० सरिता-प्रधीश] समुद्र। सरणाटे (है)-क्रि०वि० तेजी से, वेग से।
सरतकाळ-देखो 'सरदकाळ' । सरणाटो-पु० [सं० सनष्ट] १ निस्तब्धता, सुनसान व शान्त | सरतन, सरतन-पु० १ इंतजाम, बदोबस्त, प्रबन्ध । २ सामान,
वातावरण, सन्नाटा। २ पवनाघात । ३ मामसिक उत्त- सामग्री।३ साधन, उपाय । ४ वैभव. माथिक स्थिति। जना या चित्त की व्यग्रता, जोश । ४ तेज वायु की ध्वनि ।। ५ पाचरण, बर्ताव, व्यवहार ।
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