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सरसत
(
७३९ )
सरहरति
सरसत (ति, ती, ति, ती)-देखो 'सरस्वती'।
सरसूषण-देखो 'सूथण'। सरसतीसयन-पु० पाश्विन मास.के प्रारंभ में मूल नक्षत्र व सरसेज्या, सरसंजा-देखो 'सरसज्या' श्रवण नक्षत्र पर्यन्त का समय ।
सरसेरो-वि० अधिक, ज्यादा। सरसर, सरसराट-पु. [मनु.] १ वायु की मंदगति से उत्पन्न सरस-वि० समान, तुल्य, सहश ।
ध्वनि । २ सपं प्रादि के रेंगने से उत्पन्न ध्वनि ।-क्रि० वि० सरसयो-पु. ऊट । धीरे-धीरे ।
सरसो-वि० [सं० सदृश्] समान, तुल्य । सरसराणी (बी)-क्रि. १ सर-सर ध्वनि होना । २ सनसनाना। सरस्यू-देखो 'सरसू'। सरसरी-क्रि०वि० [फा० सरासरी] १ जल्दी। २ साधारणतया, | सरस्वत-वि० [सं० सरस्वत्] १ रसदार, रसीला। २ सुन्दर, मोटे तौर पर । -स्त्री० [सं० सुरसरी] गंगा।
, मनोहर । ३ भाव पूर्ण । -पु. १ समुद्र, सागर । २ नदी, सरसव (वि, वी)-देखो 'सरसू।
सरिता ।३ झील । ४ वायु पवन। सरसवणी (बो)-देखो 'सरसों ' (बी)।
सरस्वती-स्त्री० [सं०] १ सत्वगुणों से सम्पन्न वाणी एव ज्ञान सरसवान-पु० समुद्र, सागर ।
की अधिष्ठात्री एक देवी, शारदा। २ वाणी, गिरा। सरसवेल-पु० [सं० सपतैलम्] सरसों का तेल ।
३ भाषा। ४ भारत में बहने वाली एक प्रति प्राचीन नदी। सरसांणो-देखो 'सरसावणों'।
५ कोटेश्वर के पर्वत से निकल कर कच्छ की खाड़ी में सरसा-वि० १ स्वादिष्ट, रसपूर्ण । २ श्रेष्ठ, उत्तम ।
गिरने वाली एक नदी। ६ गिरनार के जगलों में बहने वाली सरसाणी (बी)-क्रि० हराभरा होना। २ शोभित होना । एक अन्य नदी। ७ लूनी नदी की पूर्वोत्तर नदी का
३ मालूम होना, प्रतीत होना । ४ खुश होना, प्रफुल्लित नाम । 5 साबरमती नदी का एक नाम । ९ गंगा-यमुना होना। ५ बढ़ना, फैलना । ६होना । ७ फैलाना, बढ़ाना। के संगम के समय मिलने वाली नदी। १० गौ, गाय। ८ दिखाना, प्रकट करना, बतलाना । ९ बजाना, ध्वनि ११ दशनामी संन्यासियों की एक शाखा । १२ इस करना।
शाखा का कोई व्यक्ति । १३ चौसठ योगिनियों में से एक। सरसायन-पु. भक्तिरस ।
१४ हठ योग की सुषुम्ना नाड़ी। १५ सोमलता। १६ दुर्गा सरसाळ-वि०१ महत्वपूर्ण, महत्व की। २ फायदे की, फायदे का एक नाम । १७ नदी, सरिता। १८ उत्तमा स्त्री।
मन्द, लाभप्रद । ३ रसपूर्ण, रसयुक्त।४मानन्द दायक। १९ बौद्धों की एक देवी । २० कर्नाटक पद्धति की एक सरसावखो-वि० (स्त्री० सरसावणी) १ रसिक, रसीला । रागिनी।
२ प्रकटित । ३ शोभित । ४ मानन्ददायक। ५ मधुर, | सरस्वतीकंठाभरण-पु० [सं०] १ ताल के साठ भेदों में से एक । मीठा । ६ प्रकट करने वाला।
२ एक प्राचीन पाठशाला जो धारनरेश भोज द्वारा स्थापित सरसावरण (बो)-देखो 'सरसाणी' (गे)।
की हुई थी। सरसि-वि०१ मोठा, मधुर, रसपूर्ण । २ सुसज्जित । सरस्स-देखो 'सरस'। सरसिज-वि०१ललाई लिये हुए श्वेत रंग का। २ जो ताल | सरहंग-पु० [फा०] १ सेनापति । २ पैदल सिपाही।३ चौबदार।
में होता हो। ३ काला, श्याम। ४ लाल, रक्त ४ कोतवाल । ५ पहलवान, मल्ल । -पु. कमल ।
सरह-स्त्री० [५० शरह] १ किसी विषय को टीका, व्याख्या । सरसिजजीनि (योनि)-पु. [सं० सरसिजगोनि] कमल से उत्पन्न २ दर; भाव। ३ ऋतु विशेष में होने वाला, फल तथा फल - होने वाले, ब्रह्मा:
विशेष की ऋतु । ४ ऋतु फल का मास्वादन ।-वि०स्थिर, मसिब-देखो 'सरसू"।।
प्रचल । २ देखो 'सरभ' । ३ देखो 'सरहद'। ४ देखो सरसी, सरसीऊ-स्यो० [सं० सरसी] १ तालाब, जलाशय । ___'सुरभि'। २ बांध । -वि० बराबर, समान ।
सरहद-स्त्री० [म.] १ किसी देश, राज्य या प्रदेश की सीमा। सरसीय-वि०१ समान, सहश । २ देखो 'सरसिज'।
हद । २ सीमान्त प्रदेश । सरसीरह, सरसीरह-पु० [सं० सरसीकह] १ कमल । २ कर्नाटक | सरहदी-वि० [म.] १ सीमा का, सीमा संबंधी। २ सीमा पद्धति का एक राग।
रक्षक। सरसुति, सरसुती (त्ति,ती)-देखो 'सरस्वती'।
सरहर, सरहरउ-देखो 'मिरहर'। सरसू-स्त्री० [सं०सर्षप] राई से कुछ बड़े दानों वाला एक | सरहरति, सरहरी-स्त्री० लगातार सीधी व समान रूप से बहने प्रसिद्ध तिलहन।
| वाली नदी।
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