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सलहदार
( ७४३ )
- सलूक
सलहदार, सलहिवार, सलहीदार-देखो 'सिलहदार'।
३ प्रशंसा, सराहना । ४ स्वाभिमान । ५ चापलूसी । सलाम, सलामठी-पु. [म. सलाम] १ नमस्कार, अभिवादन । | ६ इच्छा, अभिलाषा ७ सेवा, परिचर्या ।-वि०१ लाभयुक्त । २ वदना, स्तुति।
२ सुन्दर, अच्छा। सलामत-वि० [५० सलामत] १ एक मांगलिक सम्बोधन । | सलाहसूत-पु० विचार-विमर्श ।
२ जो सकुशल हो। ३ सुरक्षित । ४ पूर्ण, पूरा । ५ जीवित, | सलिद्री-स्त्री० द्रौपदी का एक नाम ।
जिन्दा । ६ स्वस्थ, तन्दुरुस्त । ७ मौजूद, उपस्थित। सलिता-देखो 'सरिता'। सलामति (ती)-स्त्री० [अ० सलामती] १ सलामत होने की सलिताकत-पु. समुद्र ।
अवस्था या भाव । २ अमन, चैन, शांति । ३ स्वस्थता, | सळियळ-ति १ सम्पूर्ण, पूर्ण रूपेण । २ देखो 'सलिल'। तन्दुरुस्ती। ४ देखो 'सलामत'।
सळियौ, सळियौ वि० (स्त्री० सळो) १ घास-फूस, ककर-पत्थर सलामी-स्त्री० [अ० सलमई] १ प्रणाम, नमस्कार, अभिवादन | से रहित । २ स्वच्छ, साफ । ३ सीधा, सरल ।
की क्रिया । २किसी उच्चाधिकारी का सैनिक दल द्वारा | सिलल, सलिलि-पु० [सं०] जल, पानी -चर-पु. जलचर किया जाने वाला स्वागत । ३ किसी के स्वागत में किया प्राणी ।-ज-पु. कमल ।-जन्मा-पु. कमल । कीचड़ । गया कार्य, तोप, मतिशबाजी धादि । ४ नित्य सेवा चाकरी ___ सिंघाड़ा । जल-चर ।-निध, पत, पति, पती, राज-पु. करने वाला । ५ एक निश्चित रकम जो अधीनस्थ जमींदार | समुद्र, सागर, वरुणदेव ।
अपने सार्वभौम शासक को कर के रूप में देता था। सलिलेंदर, सलिलेंद्र, सलिलेस, सलिलेसर (सुर, स्वर)-पु० १ जल सला'-देखो 'सलाह।
का देव, वरुण । २ समुद्र । सलाई, सळाई-स्त्री० [सं०शलाका] १ किसी धातु की बनी पतली | सळी, सळी-स्त्री०१ साही नामक, कांटेदार जीव । २ घास या
छड़ । २ कपड़ा, जरसो प्रादि बुनने का उपकरण, सूमा। बांस की नुकीली फांस । ३ देखो "सिळी' । ३ तीली, काड़ी।४ सालने' की मजदूरो। ५ पत्नी की सलीकाबंद, सलीकामंद-वि० शिष्ट, सभ्य । '
बहन, साली। ६ स्वर्णकारों का एक प्रोजार विशेष । सळीको-पु० रह-रह होने वाली पोड़ा, चीस, टीस । सलाक, सलाक (ख)-पु० [फा० सलाख] १ बाण, तीर। सलोको-पु०प्र० सलीक:] १ शिष्टता, सभ्यता। २ हुनर,
२ सर्प गति से बिजली की चमक । ३ मांस युक्त हड्डी का लियाकत । ३ योग्यता, तमीज । ४ प्रबंध, व्यवस्था । टुकड़ा जो साथ में पकता है । ४ सुरमा डालने की तीली।। ५ संधि, सुलह, समझोता। ६ सुघड़ापा । ५ तृण, तिनका । ६ रेखा, लकीर।
सळीटी, सळीटी-पु. रेंग कर चलने वाला जीव । सलाको-पु० [सं० शलाका] १ लोह या लकड़ी की सलाका।। सलोण-वि० मुग्ध, मोहित । . .
२ सुरमा लगाने की तीली।३ तीर, बाण। ४ भाला, सलीता-देखो 'सरिता'। बरछी । ५ छाते की तीली, ताडी। ६ पांव की नली को सलीती-पु० सामान डाल कर ऊंट पर लादने का जूट का हड्डा । ७ कोयल । ८ दांत साफ करने की कूची। ९ जूपा लम्बा थैला। द्यूत का एक पासा। १० पीडा, दर्द, चीस ।
सलीम-वि० [अ०] १ शांत, गम्भीर। २ शांतिप्रिय, सलाहणी(बी)-क्रि०१ मारना, पीटना । २ देखो 'सिलाड़णों (बौ) | सहनशील । सलाज-वि० लज्जावान, लज्जालु ।
सलीमकोट-पु० बह स्थान जहां प्रतिष्ठित सामन्तों को नजरसलाजीत-देखो 'सिलाजीत'।
बन्द रखा जाता था । (जोधपुर) सलाट, सलाटु, सलाटू-पु० [सं० शिलाघटक] १ दफन या | सलील-वि० [सं०] १ खिलाड़ी । २ लंपट; कामुक ।
अन्त्येष्टि के स्थान पर बनाया जाने वाला चबूतरा।। सलुक-देखो 'सलूक' । इमारत, स्मारक । २ सिलावट । ३ बीस तुला के वजन सलुणो-देखो ‘सलूगों'। का नाम । ४ कच्चा फल ।
सलू भरणी (बी)-क्रि० लूमना, लटकना। सलात-स्त्री० बिजली की चमक ।
सलूभौ-वि० लाभयुक्त, सलाम । सलाबति, सलाबती-१ देखो 'सलामत' । २ देखो 'सलामति' । सळू-पु० १ गेहूं, जो मादि की बाली पर होने वाले तीक्ष्ण रेशे, सलामोलि-पु० [सं० शलाभोलि] ऊंट ।
___ बाल । २ कांटा। ३ देखो 'साळू'। सलाव-देखो "सिळाव' ।
सलूक-पु० [प०] १ व्यवहार, बर्ताव । २ मेल-जोल, मेल सलासूत-पु०१ राय, सलाह । २ विचार-विमर्श ।
मिलाप । ३ शिष्टता, सभ्यता; अदब । ४ विचार । सलाह-स्त्री० [अ०] १ राय, सम्मति । २ विचार-विमर्श। ५ निर्वाह । ६ प्रबन्ध, व्यवस्था । ७ ढंग, तौर-तरीका ।
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