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विसेस
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( ६४० )
विसेस वि० [सं० विशेष ] १ साधारण से अधिक परे या प्रतिरिक्त, असाधारण । २ अधिक, ज्यादा । ३ मुख्य, खास, प्रधान । ४ विलक्षण, अनोखा । पु० १ अन्तर, भेद । २ हर्ष, खुशी । ३ पदार्थ, वस्तु । ४ अधिकता, उत्तमता । ५ विचित्रता अद्भुदता । ६ सार तत्त्व । ७ प्रकार, किस्म । ८ दमन नामक शिवावतार का शिष्य । ९ सात प्रकार के पदार्थों में से एक (वैशेषिक दर्शन ) ।
११ एक प्रकार का अर्थालंकार । विशेषता उत्पन्न करने वाला । समवृत्त वणिक छन्द । २ एक
१० एक प्रकार का पद्य विसेसक - वि० [सं० विशेषक] - पु० १ एक प्रकार का प्रकार का अर्थालंकार | विसेसग्य - वि० [सं० विशेषज्ञ ] किसी विषय या शास्त्र का विशेष ज्ञाता, पंडित ।
विसेसण - पु० [सं० विशेषरण ] व्याकरण में एक प्रकार का विकारी शब्द- वि० विशेषता या विशेष गुण बताने
विसेसन्नु - वि० विशेषज्ञ ।
विसेसि देखो 'विसेस' ।
विसेसोक्ति - स्त्री० [सं० विशेषोक्ति] एक प्रकार का अलंकार । विसेसी देखो 'विसेस'
विसेस्य पु० [सं० विशेष्य) वह संज्ञा जिसके साथ विशेष लगा हो । वि० गरण श्रादि द्वारा भेद बतलाने योग्य । मुख्य, प्रधान । विसं - देखो 'विसय' ।
विसोक - पु० [सं० विशोक ] १ अशोक नामक वृक्ष । २ ईश्वर
परमात्मा । ३ भीमसेन का सारथि । ४ पाण्डव पक्षीय एक राजा । ५ ब्रह्मा का एक मानस पुत्र ६ श्रीकृष्ण का एक पुत्र, नारद का शिष्य । वि० १ जिसे शोक न हो, शोक रहित । २ शोक युक्त, शोकग्रस्त । ३ सुखी । - द्वादसी स्त्री० पाश्विन कृष्णा द्वादशी की तिथि । इस तिथि का व्रत व लक्ष्मीपूजन
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एक मातृका
विसोग देखो 'विमोक
विसोतर (रि, री) विसोत्तर ० एक सौ बीसको संख्या विसोधन पु० [सं० विशोधन ] पापों का नाश करने वाला ईश्वर । विसोधनी - स्त्री० [सं० विशोधनी] ब्रह्मपुरी का नाम ।. विसोनी - स्त्री० शरपुखा नामक पौधा ।
विसोबा देखो 'विसवो' ।
विसोभित - वि० [सं० विशोभित] १ शोभा रहित, भद्दा । २ विशेष सोचा बुख
विसोबम - वि० [सं० विषोपम] विष के समान, जहर सदृश । विसोवावीस, विसोहावोस देखो 'विसवावीस' ।
वाला ।
बिसेसता स्त्री० [सं० विशेषता ] विशेष दुरा, खासियत, विचित्रता, विस्क पु० [सं० विष्क] बीस वर्ष का हाथी अनोखापन ।
बिस्ल
विसोही - वि० [सं० विशोही ] श्रात्मा का विशेष शोधन करने वाला । स्त्री० विशुद्धि ।
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विसौ वि० [स्त्री० विसी) वैसा जैसा समान विस्कम, विरकमक पु० [सं० विष्कंभ, विष्कमक] १ ज्योतिष के २७ योगों में से एक २ योगियों का एक बध । ३ नाटक का एक अंक जो प्राय: वर्मा के निकट होता है । ४ वृत्त का व्यास । ५ प्रसार, लंबाई । ६ रोक, घड़चन । ७ स्तंभ, खंभा । ८ वृक्ष । धर्गला । १० इमारत में लगने वाला शहतीर ।
विस्तंभी पु० [सं० [विण्डम्भिन् १ शिव का एक नामान्तर
२ देखो 'विस्कभ' |
विस्कर पु० [सं० विष्कर ] १ पक्षी चिडिया । २ पूर्व कालिक
एक राक्षस ।
विकल पु० [सं०] विकल] सूपर कर
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विस्कर ० [सं० विष्किर १ पक्षी चिड़िया २ विस्टड पु० [सं० विष्टि ] संदेशवाहक दूत । विस्टकार पु० १ दूत संदेशवाहक
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गाली ।
व्यक्ति । विस्टकारी - स्त्री० १ दूत का कार्य २ अपशब्द, विस्टप - पु० [सं० विष्टप] ससार, जगत । विस्टर - पु० [सं० विष्टर ] १ प्रासन, बैठक । २ यज्ञ में ब्रह्मासन पेड़ वृक्ष ४ देखो 'विस्तर' ।
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२ अपशब्द कहने वाला
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विस्टरास (स्व) - पु० [ स० विष्टराश्व ] एक सूर्यवंशी राजा. विस्टाकारी- देखो 'विस्टकारी' ।
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विस्टाळ (ळु, लु. ळू, लू, कौ, लौ)- वि० [सं० विष-टालनम् ] बीच-बचाव या मध्यस्थता करने वाला । - पु० १ मध्यस्थता करने वाला व्यक्ति । २ सुलह समझौता ।
विसोका - स्त्री० १ श्रीकृष्ण की एक पश्नी । २ स्कंद की धनुचरी विस्टि - पु० [सं० विष्टि: ] १ ज्योतिष में एक करण । २ जीव
का नरकवास । ३ धर्म सावरण मन्वन्तर का एक ऋषि । विस्टिव्रत पु० [सं० विष्टिव्रत] एक प्रकार का व्रत । विस्टी (ठौ), विस्टी-पु० [सं० विष्ठा] मस, टट्टी, पाखाना,
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मेला |
विस्ठाघर, विस्ठाघर पु० [सं० विष्ठा गृह] शौचालय, तारत विस्ठामुक (मुख) - पु० [सं० विष्ठामुख ] सूपर शूकर । विरम देखो 'विष्णु'