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संलाप
। ६९५ )
संवाहक
संलाप-पु० [सं०] बाचचीत, वार्तालाप ।
संबराणी (बी), संवरावणी (बी)-क्रि० १ जीर्णोद्धार कराना, संलापक-पु० [सं०] १ नाटक में एक प्रकार का संवाद । २ एक मरम्मत कराना । २ साफ कराना, समतल कराना। प्रकार का उप रूपक ।-वि० वार्तालाप करने वाला।
३ सजाना, अलंकृत कराना। ४ किसी को सुन्दर बनाना। संलिप्त-वि० [सं०] १ लीन, लमा हुमा । २ घुला-मिला हुप्रा ।। ५ कार्यादि सुधराना। संलीण (न)-वि० [सं०] १ आच्छादित, ढका हुपा । २ अच्छी संवळ-स्त्री० १ एक प्रकार की मछली। २ देखो 'सापळो' ।
तरह लगा हुमा, संलग्न । ३ संकुचित, सिकुड़ा हुमा। । ३ देखो 'संबळ' । संलेखणा, संलेहण (णा)-स्त्री. १ संथारा से पूर्व अनशन की | संवळी-स्त्री० १ चील पक्षी । २ देखो 'संवळी' (स्त्री०)। . क्रिया । २ एक प्रकार की तपस्चर्या ।
संवळी-पु० (स्त्री० संवळो) मांसाहारी एक काला पक्षी ।-वि० संलोडरणो (बो)-क्रि० १ झकझोरना, हिलाना। २ मथना, | १ अमुकूल । २ सीधा, सरल। ३ उत्तम, श्रेष्ठ, बढ़िया। इधर-उधर करना । ३ उथल-पुथल करना ।
४ सम्मुख, सामने । ५ देखो 'सांवळी' । संवच्छर-देखो 'संवत्सर'।
संवह-पु० [सं०] १ एक वायु मार्ग । २ देवतामों का विमान संवच्छरदाण-पु. एक वर्ष तक किया जाने वाला दान । __ चालक । ३ अग्नि की एक जिह्वा । संवच्छरी-देखो 'संवत्सरी' ।
संवाद-पु० [सं०] १ वार्तालाप, बात-चीत । २ खबर, संवटरणौ (बी)-देखो 'सिमटणो' (बो)।
समाचार । ३ प्रसंग । ४ सहमति, अनुमति । ५ बहस, संवत-प्रव्य० [सं० संवत्] १ ईसा से ५६ वर्ष पूर्व प्रारंभ किया वाद-विवाद।
गया विक्रमादित्य वर्ष, विक्रमी वर्ष । २ वर्ष, साल। संवादक-वि० [सं०] १ संवाद करने वाला, बातचीत करने ३ किसी विशिष्ट गणनाक्रम वाला काल । समय ।
वाला । २ बोलने वाला । ३ समाचार देने वाला। संवतसर-देखो 'संवत्सर' ।
| संवादन-पु० [सं०] १ भाषण । २ बातचीत, संवाद । संवत्सर-पू० १ वर्ष, साल । २ फलित ज्योतिष में वर्ष । संवादी-वि० [सं०] १ सहमत होने वाला। २ बातचीत करने ३ शिव, महादेव । ४ विष्णु। ५ विक्रमी संवत । ६ वर्ष
वाला । ३ बराबर, साहश ।-पु० संगीत का एक स्वर। . का अधिष्ठाता ।-दांग, दान-पु. एक वर्ष तक किया
संवादौ-पु० १ लघ काव्य । २ देखो 'संवाद'। जाने वाला दान ।
संवार-स्त्री० १ खेत में पड़े मिट्टी के ढेले तोड़ने व भूमि को संवत्सरी-स्त्री० [सं०] १ भाषाढ़ शुक्ला चतुर्दशी से भादव
समतल व नरम करने का कृषि उपकरण । २ सुधारने व शुक्ला चतुर्दशी तक किया जाने वाला व्रत (जैन) २ बरसी।
सजाने की क्रिया। ३ हजामत। ४ बचत। ५ सवेरा, ३ पयूषण के बाद का दिन (जैन) ।
प्रात:काल । संवदण (न)-पु० [सं० संवदन] १ बातचीत, वार्तालाप । २ वशीकरण, सम्मोहन । ३ परीक्षा । ४ मंत्र ।
| संवारण-स्त्री० १ सजाने, सुधारने की क्रिया या भाव । २ निषेध, संवर-पु० [सं०] १ दुराव, छिपाव । २ सहनशील होने की |
| विरोध । ३ हटाना क्रिया । -वि० सुधारने वाला ।
| संवारणी (बौ)-क्रि० १ अलंकृत करना, सजाना । २ कोई वस्तु दशा । ३ जल, पानी। [सं० संवरः] ४ सिकुड़न । ५ पुल, सेतु । ६ एक प्रकार का हरिन । ७ एक दैत्य का नाम ।
सुधारना, सुदर बनाना। ३ रचना, निर्मित करना। ८ जैन मतानुसार इन्द्रिय और योगों की प्रशुभ प्रवृत्तियों
४ व्यवस्थित करना। ५ सुसज्जित करना, सजाना ।
६ संभालना, ठीक करना । ७ गुणों में वृद्धि करना। से पाते हुए कर्मों को रोकने की क्रिया या ढंग । संवरण-पु० [सं०] १ रोक । २ चुनाव । ३ पाच्छादन ।।
८ साफ करना, बुहारना। ९ अन्तिम रूप देना। १० तेज
करना, तीक्षण करना । ११ ठीक करना, जीर्णोद्धार करना। ४ बहाना, मिस । संवरत-पु० [सं० संवत्तं] १ वर्ष । २ संसार का नैमित्तिक
१२ ठीक काम चलाना। प्रलय । ३ अंगिरा ऋषि के पाठ पुत्रों में से एक ।
संवार-प्रव्य० [सं० श्वः] १ माने, वाला दिन । २ प्रातः काल, संवरतक-पु० [सं० संवर्तक] १ प्रलयाग्नि। २ प्रलयकालीन । तड़का।
बादल । ३ बलराम का एक नाम। ४ बलराम के हल | संवाळा--देखो 'सुवाळी'। का नाम ।
संवास-पु० [सं०] १ साथ' बसना या रहमा, सहवास । २ पारसंवरत्तकास्य-पु० एक शास्त्र विशेष ।
स्परिक संबंध । ३ सभा, समाज। ४ घर, मकान । ५ सावं. संवरणो (बो)-क्रि० १ संवारा जाना । २ देखो 'संवराणो'(बौ)। जनिक खुला स्थान । ६ स्त्री प्रसंग, मैथुन । ३ देखो 'समरणो' (बो)।
| संवाहक-वि० [सं०] १ ले जाने वाला । २ पहुंचाने वाला।
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