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समवेग
। ७२७ )
समाद
समवेग-पु० श्रीकृष्ण के एक घोर का नाम ।
एक शाखा । ३ भाटियों की एक शाखा (यादव)। -पु. समवेत-वि. १ अटूट व निरन्तर गने वाला। २बहु संख्यक । [म.] ४ प्राकाश, गगन । ५ दृश्य, नजारा ।-क्रि०वि० ३ एकत्र, मिला हुमा ।
१ हो । २ देखो 'समय' । समसत, समसत्त, समसष-देखो 'समस्त' ।
समाइई)-वि० [सं० समाधि] समाधिस्थ, ध्यान मग्न । समसमा, समसमी-वि० बराबर, समान ।
(जैन)-स्त्री. १ समाधिस्थ या ध्यानमग्न होने की समसर, समसरि-पु० महादेव, शिव ।
क्रिया या भाव। २ प्रात्मा में समभाव रखने की क्रिया समसाण-पु० [सं० श्मशान] १ जहां शव दाह किया जाय, अवस्था या भाव । ३ क्षमा करने की क्रिया । ४ माला
मरघट । २ कब्रिस्तान । -काळिका-स्त्री० देवी का एक जपने या ध्यान लगाकर बैठने को क्रिया। रूप विशेष । -पति-पु. शिव, महादेव । -पाळ-पु. समाक-पु० [40] अत्यन्त कठोर पत्थर । श्मशान का चौकीदार, चांडाल । -भैरवी. वासणी-स्त्री० | समाऋत-वि० [स० समाकृति) १ समान प्राकृति का । २ एक श्मशानवासी एक देवी। -वासी-पु० शिव, महादेव । समान अनुरूप। चांडाल ।
समागम-पु० [सं०] १ प्रागमन, मिलन । २ भिड़त, मुठभेड़ । समसिउ-पु० समस्या।
३ मथुन, संभोग। ४ पवमर, संयोग। ५ मिलन । समसेर-स्त्री० [फा० शमशेर] तलवार, खङ्ग ।
६ सत्संग । ७ बहुत लोगों के एकत्र होने की स्थिति या समसेरी-पु० खङ्गधारी।
क्रिया। समस्टी-स्त्री० [सं० समष्टि] सब का समूह, एक साथ । समाचरण, समाचार-पु० [सं० समाचार:] १ भली प्रकार समस्त-वि० [सं०] १ सब, कुल, समग्र । २ समास द्वारा पाचरण । २ सदेश, खबर। ३ सामान्य बात। ४ हाल, मिलाया हुमा, संयुक्त ।।
ब्योरा। समस्नु-स्त्री० [सं० शमस्नु मूछ।
समाज (जि, जी)-पु० [सं० समाजः] १ बहुत से लोगों का समस्या-स्त्री० [सं०] १ सलाह, मशविरा, विचार । समूह । २ समान धर्म एव पाचरण वाले लोगों का वर्ग,
२ उलझन, परेशानी। ३ कठिन प्रसंग । ४ संकेत, समुदाय । ३ समूह, दल । ४ साथी, सगी। ५ सभा । इशारा। ५ प्रश्न ।
६ सामान, सामग्री। ७ हस्ती, हाथी। ८ परिग्रह । समस्सेर-देखो 'समसेर'।
समाजोग-पु. १ मेल, मिलाप । २ संसर्ग, सम्बन्ध । ३ शुभ समहती-वि० सीमा का, शरहद का।
योग। ४ कोई प्राकस्मिक घटना। ५ कई लोगों का मिलन, समहर (रि, री)-पु. १ तलवार । २ देखो 'समर'
सम्मेलन । ६ संयोग, इत्तिफाक । ७ भीड़, जनसमूह । समहो-देखो 'साम्हों।
८ देवयोग। ९ दोस्ती, मैत्रो । १० कारण, हेतु । समां-देखो 'समय'।
११ सम्भावना। १२ अवसर, मौका । १३ भाग्य, समारण-१ देखो 'समान' । २ देखो 'सम्मान'।
तकदोर। समारणी-वि० १ समवयस्का, हम उम्र की । २ समान, समारणौ (बी)-क्रि० १ अवसान या मृत्यु होना। १ व्याप्त बराबर, तुल्य । ३ पूरा, सम्पूर्ण ।
होना, फैलना। ३ विद्यमान होना। ४ फैलना । '५ एक समान-पु० [सं० समानः] शरीर में नाभि स्थित दश वायुषों में रूप होना । ६ मिलना, विलीन होना। ७ विलीन होना।
से एक । -वि० १ बराबर, तुल्य । २ अनुसार, मुनाबिक । ८ समाहित होना। ९ धंसना, गढ़ना। १० मिल जाना। ३ एक जैसा, अनुरूप। -क्रि०वि० ४ ही। ५ देखो ११ परश्य होना, मोझल होना, लुप्त होना। १२ लीन 'सम्मान'। ६ देखो 'सामान'।
होना । १३ समाधिस्थ होना, अंतर्धान होना । समानिका-स्त्री० एक प्रकार का वर्णवृत्त ।
१४ स्थित होना । १५ धारण करना। १६ मिटना, समानोवरज-पु० [सं० समान:-उदयं] सगा भाई, सहोदर । अंत होना। १७ स्थिर होना। १८ निवास होना। समाम-स्त्री० [अ० शमाम] सुगंध, महक ।
१९ प्रविष्ट होना। २० कुछ होना। २१ अनुरक्त समर्मामी-स्त्री० [सं० सामान्य वैभव, ऐश्वर्य ।
होना । २२ देखो 'मावणो' (बी) । २३ देखो समामी-वि० (स्त्री० समांमी) १ वोर, बहादुर। २ बढ़िया, 'संभाणी' (बी)।
उत्तम । ३ अनुकूल, पक्षीय । ४ मिलनसार । ५ अनुरूप, | समातार-पु० सदस्य, सभासद । समान । ६ बराबरी का, जोड़ का।
समाय-वि० १ कार किए हुर, आये हुए । २ देखो 'समरथ' । समा-स्त्री० [फा० शमा] १ मोमबत्तो। २ लहंगा जाति की समाव-देखो 'समाधि'।
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