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सतधांमा
( ७१० )
सतरूप
संतधांमा--पु० [सं० शतधामा] भगवान विष्णु का एक नाम। | सतम-पु० [फा० सितम] अनर्थ , गजब । सतधा-क्रि० वि० [सं० शतधा] १ सौ प्रकार से । २ सौ बार । | संतमख-पु० [सं० शतमख] १ वह व्यक्ति जिसने सौ यज्ञ किये
-वि० ३ सौ गुणा । ४ सौ तरह का । ५ सो भागों में। हों। २ इन्द्र । ३ उल्लू । ४ कौशिक । सतधार-पु० [सं० शतधार] १ वज्र । २ इन्द्र का वज्र ।-वि० सतमत-पु० सतीत्व का भाव । ___ सो धारों वाला।
सतमन, सतमनू, सतमन्यु-पु. [सं० शतमन्यु] १ इन्द्र । २ उल्लू । सतधारवन-पु० [सं० शतधारवन] एक तीर्थ का नाम । सतभयुख (मयूख)-पु० [स० शतमयूख] चांद, चन्द्रमा । सतध्रत (ति, ती)--पु० [स० शतध्रति] १ इन्द्र। २ ब्रह्मा। सतमाय-स्त्री० सोतेली मां ।
३ ब्राह्मण । ४ सत्य को धारण करने वाला पुरुष । सतमिण-स्त्री. १ वेश्या, रंडी। २ व्यभिचारिणी स्त्री। ५ स्वर्ग, वैकुण्ठ ।-सुत-पु. नारद । जयंत ।
सतमेव-क्रि० वि० निश्चय ही, जरूर ही। सतन-पु० [सं० स्तन्य] १ दुग्ध, दूध । [सं० स्तन] २ कुच, | सतरग-पु० [सं० सप्तरंग] प्राकाश, गगन ।-वि० जिसमें सात स्तन ।
| रग हों, सप्तरगी। सतनी-पु० [सं० स-स्तन्य] स्तन में उत्पन्न होने वाला पदार्थ, सतरंगी-स्त्री० [सं० श्वेतरंगी) यश, कीर्ति ।-वि० सात रंगों दूध ।
वाला, सप्तरगी। सतप-पु० [सं०] १ गर्मी, उष्णता। २ तीक्षण प्रकाश ।-वि० | सतरज-स्त्री० [फा० शत्रंज] चौसठ खानों की बिसात पर खेला
१ तापवाला, उष्णता वाला । २ प्रकाशमान, तेजोमय । । जाने वाला प्रसिद्ध भारतीय खेल । शतरंज । चतुरंग। सतपत (पत्र)-पु० [सं० शतपत्र] १ कमल । २ सेवती। सतरंजी-स्त्री० १ विभिन्न रंगों की दरी। २ शतरंज खेलने की ३ मोर पक्षी । ४ सारस पक्षी । ५ तोता ।
बिसात । सतपवम-पु० [सं० शत-पद्म] एक प्रकार का श्वेत कमल । सतर-स्त्री० [अ० सत्र] १ पक्ति, कतार । २ रेखा, लकीर । सतपरब-पु० [सं० शत पर्वन् ] बांस ।
३ देखो 'सतरन'। ४ देखो 'सत्रु'। ५ देखो 'सतरै'। सतपरबीका-स्त्री० [सं० शतपरविका दूब, दूर्वा ।।
६ देखो 'सितर'। सतपरव, सतपरवा-स्त्री० १ दूब, दूर्वा । २ प्राश्विन मास को सतरक-वि० [सं० सतर्क] १ सावधान, सचेत, होशियार ।
पूणिमा । ३ शुक्राचार्य की एक पत्नी का नाम । ४ गन्ना, २ तर्क शील, तकसहित । ईख । ५ बांस ।
सतरकता-स्त्री० [सं० सतर्कता] सावधानी, होशियारी। सतपुडो-पु०१ एक पर्वत का नाम । २ हथेली में होने वाला | सतरदा-देखो 'सत ह्रदा।।
एक फोड़ा । ३ वृक्षों में रस-विकार से उत्पन्न होने वाला | सनरन-पु० गुजरात प्रदेश का एक नाम । पदार्थ । ४ एक प्रकार का व्यंजन ।।
सतरमाळियौ-पु. प्राकस्मिक मृत्यु या वीरगति प्राप्त व्यक्ति सतपुठो-पु० छकड़े के नीचे लगा लकड़ी का डंडा ।
का, अाश्विन कृष्णा चतुर्थदशी को किया जाने वाला श्रद्ध। सतपुरी-स्त्री. सतियों को प्राप्त होने वाला लोक, सत्य लोक, सतरमी (वीं)-स्त्री० १ किसी सम्प्रदाय विशेष के साधु की वैकुण्ठ । ।
मृत्यु पर सत्रहवें दिन का संस्कार। २ इस दिन किया जाने सतपोतक-पु. भगंदर रोग का एक भेद ।
वाला भोज। सतबळ (बळि, बळी)-पु० [सं० शतबलि] १ श्रीराम की सेना सतामो (वौं)-वि० सोलह के बाद वाला । सत्रह के स्थान वाला।
का एक मुख्प वानर । २ सात जगह से बलखाई हुई। | सतरांम-पु० १ शव को प्रमशान भूमि लेजाले समय सतभइयो-वि० जिसके सात भाई हों।
वाली ध्वनि, राम-नाम सत । २ दादूपंथियों का परस्पर सतभाम (भामा)-स्त्री० [सं० सत्यभामा] श्रीकृष्ण की पाठ ।
अभिवादन, रामा-सामा। पटरानियों में से एक।
सतरात्र (त्रि, त्री)-पु० [सं० शतरात्रि] सो रात्रियों में पूर्ण
होने वाला यज्ञ विशेष । सतभाव-पु० [सं० सद्भाव] १ सद् विचार अच्छे विचार ।
सतरि-१ देखो 'सित्तर' । २ देखी 'सतरन' । २ सच्ची धारणा । ३ विद्यमानता।
सतरुद्र-पु० [सं० शतरुद्र] १ इच्छित रूप बनाने वाले एक सतभिख, सतभिखा, सतभिस, सतभिसा, सतभीखा-स्त्री०
प्राचीन ऋषि । २ सो मुख वाला एक रुद्र । ३ वेद का [स० शतभिषा] सताईश नक्षत्रों में से चौबीसवां नक्षत्र।
एक प्रकरण । ४ एक शक्ति । सतभूमियो (भोमियो)-पु० सात मंजिल का ।
सतरूपा-स्त्री० [सं० शतरूपा ब्रह्मा की मानस कन्या व सतमंडळ-पु० सूर्य, भानु।
स्वायंभुव मनु की पत्नी।
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