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वीरकंठ
( ६५२ )
वीरय
वाला। २ शक्तिशाली, साहसी। ३ विशिष्ट कार्यों में | वीरतराय-पु० विजयाधिपति, श्रेष्ठ वीर।
अन्यों से बढ़कर । ४ कर्मठ, कर्मशील । ५ वाक्पटु चतुर। | वीरतवंत-वि. १ बहादुर वीर, साहसी । २ शक्तिशाली, वीरकंठ-पु०१ वीरध्वनि । २ डिगल का एक गीत ।
बलवान । वीरक-पु० [सं०] १ चाक्षुक मन्वन्तर के सप्तऋषियों में से | वीरता, वीरताई-स्त्री० वीर होने की अवस्था या भाव ।
एक। २ राजा शिबि का एक पुत्र । ३ देखो 'वीर'। २ साहसिक कार्य । ३ बल, पराक्रम । ४ जोश। ४ देखो 'व'।
वीरति, वीरती (त, ति, ती)-१ देखो 'वीर' । २ देखो वीरकळहळ-स्त्री० वीर ध्वनि ।
'वीरता'। वीरकांम-वि० [सं० वीर-कार्य] १ वीरोचित कार्य करने वाला। | वीरयाट-पू० सेना, कोज । २ पुत्र की कामना करने वाला ।
वीरवाण-देखो विरुद'। वीरकाव्य-पु० [सं० वीर-काव्य] वीर रस की कविता, | वीरदेत (दैत)-देखो "विरुदैत । काव्य।
बीरनंद (६)-पु. वीरों की सन्तान, वीर पुत्र । वीरकुक्षि-स्त्री० [सं०] १ वीर पुत्र की माता। २ वीरों की | वीरनाव-स्त्री० [सं०] वीरध्वनि, वीर गर्जना । भूमि, वीरों का क्षेत्र।
वीरपउतार-वि० वीरों को उत्साहित करने या प्रेरणा देने . वीरक्क-१ देखो 'वीर' । २ देखो 'वीरक' ।
वाला। बोरखेत-पु० [सं० वीर-क्षेत्र १ युद्ध स्थल । २ वोरों की भूमि | वीरपण (पणी)-पु. वीरत्व, वीरता । बहादुरी, साहस । या क्षेत्र । ३ वीर पुत्र की माता ।
वीरपारण (न)-पु. वीरों के पीने का एक मादक पेय । वीरखेती-स्त्री० युद्ध, लड़ाई।
वीरपाटी-पु० वीर रस की शिक्षा । वीरगत (ति, ती)-स्त्री० [सं० वीरगति] रणक्षेत्र में वीरों | वीरपुरी (रो)-स्त्री० १ वीरों की नगरी। २ श्रावण शुक्ला . को प्राप्त होने वाली मृत्यु गति, मुक्ति ।
तृतीया का एक पर्व। वीरगाथा (गाहा)-स्त्री० [सं० वीरगाथा] वीर रसात्मक | वीरप्रसु (सू)-स्त्री०१ वीर संतान की माता । २ वीरों की काध्य।
- भूमि । वीरघंट (टु, टो)-पु० [सं० वीर-घंट] देवालयों या हाथियों | वीरबहूटी (बहोड़ी)-स्त्री० वर्षा ऋतु में होने वाला एक लाल के लटकाया जाने वाला बड़ा घंटा।
कीड़ा, इन्द्रवधू। वीरचक्र-पु० [सं०] साहसिक कार्यों के बदले सैनिकों को दिया | वीरबाहु-पु० [सं०] १ भगवान विष्णु का एक नाम । २ रावण जाने वाला पदक । -
का एक पुत्र । वीरचाळी-पु. १ युद्ध, झगड़ा। २ भूत-प्रेतादि का उपद्रव । | वीरभवर (भद्द, भद्र)-पु. [सं० वीरभद्र] १ भगवान शंकर ३ वीरों का कार्य या चरित्र ।।
का प्रसिद्ध गण । २ श्रेष्ठ योद्धा, वीर। ३ पश्वमेध के वीरचाव-पु० युद्ध. झगड़ा।
लिये उपयुक्त घोड़ा । ४ सुगंधित घास, खसः । वीरज (जु)-पु० [सं० वीर्य] १ शरीरस्थ सप्त धातुपों में से | वीरभाव-पु. वीरत्व, बहादुरी, शौर्य । बल, पराक्रम ।
एक धातु, शुक्र, रज । २ किसी पदार्थ का सार भाग । | वीरभूम (भूमि, भोम)-स्त्री० [सं० वीरभूमि] १ युद्धस्थल, ३ पराक्रम, तेज । ४ बल, सामर्थ्य, वीरता। ५ अन्नादि रणांगन । २ वीरों को जन्म देने वाली भूमि । ३ श्मशान । का बीज । ६ पुसत्व । ७ प्रजनन शक्ति । ८ साहस, हड़ता।। वीरमंत्र-पु० [सं०] श्मशान में भूत-प्रेतादि को जगाने का ९ मामा, कांति, चमक । १० फुतिलापन, स्फूति। ११ पुत्र, मंत्र । बेटा । -वि. निर्मल, स्वच्छ ।
वीरमरिण-पु० वीरों में श्रेष्ठ। वीरजा-स्त्री० वीरांगना, वीर स्त्री।
वीरमति (पी)-स्त्री० भारत में बहने वाली एक प्राचीन नदी। वीरडो-देखो 'वीर'।
वीरमात (माता)-स्त्री० १ वीर पुत्रों की माता । २ पृथ्वी। वीरण-पु. १ कांस नामक तृण । २ एक प्रजापति ।
३ एक देवी विशेष । वी'रणी (बी)-क्रि० १ विस्मरण होना, भूलना। २ देखो | वीरमारग-पु. वीरों का मार्ग, स्वर्ग, वैकुण्ठ।। __ 'विहरणों' (बी)।
वीरमुठ (मूठ)-पु. राजा द्वारा कवि को दिया जाने वाला वीरत-स्त्री० [सं० वीरत्व] १वीरता, बहादुरी, शौर्य, बल । एक नगद पुरस्कार । २ देखो वति'।
| वीरय (व्य)-देखो वीर'।
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