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विसरग
विसहरा
विसरग-पु० [सं० विसर्गः] १ दान, प्रदान, मेंट । २ छोड़ देना, नीरस । ४ जोश पूर्ण, जोश युक्त। ५ भयंकर, भयावह ।।
त्याग देना । ३ विसर्जन । ४ मोक्ष, मुक्ति। ५ व्याकरण के ६ निन्दाजनक काव्य रचना करने वाला। ७ कर्णकट,
अनुसार संस्कृत में एक वरणं जिसका चिह्न खड़े दो बिदू(:)। कड़वा । -पु० निन्दा युक्त कविता । विसरजरण-पु० [सं० विसर्जन] १ दान, प्रदान मेंट । २ परित्याग, | विसरावणो (बो), विसराणी (बो), विसराहणो (बो)-देखो त्याग ।
विसराणो' (बी)। विसरण (न), विसरण-पु. [सं० विसर्जन] १ परित्याग, विसलूमो-पु. एक प्रकार का कड़वा फल ।
त्याग । २ दान या भेंट । ३ प्रस्थान, विदा । ४ मल त्यागने | विसल्या-पु० [सं० विशल्या] १ रामानुज लक्ष्मण को पत्नी, की क्रिया। ५ पूजन में अंतिम उपचार, षोडशोपचार। उमिला। २ वरुण की सभा में रहने वाली एक नदी। ६ सभा विसर्जन । ७ पूजनोपरांत मूर्ति का जल में| ३ एक प्रौषधि विशेष । विसर्जन । ८ विस्मरण, भूल । ६ समूह, व्यूह । -वि० | विसव-पु० [सं० विश्व] १ पृथ्वी, धरती, भूमि । २ स्वभाव, [सं० विशरण माश्रयहीन, अनाथ ।
प्रकृति, भादत । ३ देखो "विस्व' । विसरणी(बी), विसरणो(बी)-क्रि०१ गलती होना । २ फैलना।
विसवक्रमा-देखो "विस्वकरमा'। ३ कुपित या क्रुद्ध होना । ४ विस्मरण होना, भूलना।
विसवतरेखा-स्त्री० [सं० विषुवरेखा] पृथ्वी के ठीक मध्य में विसरप-पु० [सं० विमपं] १ रेंगने या फिसलने की क्रिया या
पूर्व से पश्चिम चारों पोर होने वाली रेखा । भाव । २ भनिष्टकारी प्रारब्ध । ३ शीतला या चेचक
विसवनाथ-देखो "विस्वनाथ' । रोग:
विसवयोनि-देखो 'विश्वयोनि'। विसरमो, विसरमो-वि० [सं० वि-शर्म] जिसे शर्म नहीं पाती, |
| विसवाद-पु० [सं० विषवाद] १ बहत्तर कलापों में से एक । निर्लज्ज ।
२ देखो 'विखवाद'। विसरांत-पु० मधुरा का विश्राम घाट।
विसवाबीस, विसवाबीस-देखो "विसवावीस'। विसरांम-पु० [सं० विधाम] १ सहारा, माश्रय, पनाह ।
विसवामंत्र (मित,मितर,मिति, मित्र, मित्रि)-देखो 'विस्वामित्र'। २ माराम, चैन । ३ सुख शांति, प्रानन्द । ४ प्राश्रम विसवावीस-प्रव्य. १ निश्चय ही, जरूर । २ ठीक, सही, व्यवस्था में संन्यास माश्रम। ५ अवसान, मौत, मृत्यु ।
सत्य । ३ निस्सन्देह । ४ वस्तुतः यकीनन । ५ पूर्णरूप से। ६ कार्य के बीच का अवकाश। ७ ठहरने का स्थान। विसवास, विसवास-देखो "विस्वास'।-घात-"विस्वासघात' । विधाम स्थल । ८ ठहराव । ९ अध्याय, प्रकाश । | विमवासणीबोर.विसवामणौ ।
| बिसवासणी (बो), विसवासणी (बो)-देखो विस्वासणी' (बी)। १. वाक्य के पन्त का बिराम। ११ पद्य या छन्द प्रादि विसवासिआ-स्त्री.मार्या या गाहा छन्द का एक भेद । में यति ।
विसवासी, विसवासी-पु० [सं० विश्वाची] १ एक प्रकार का विसरांमरणो-वि० १ विश्राम करने वाला। २ प्राराम देने | वात रोग । २ देखो 'विस्वासो'। वाला । ३ सहारा देने वाला, सहायक ।
विसवाहीवीस-देखो 'विसवावीस'। विसरामणी (1)-क्रि० [सं० विश्रमण] १ पाराम करना, विवि-देखो 'विस्व'। विश्राम करमा। २ मरना, अवसान होना। ३ युद्ध में
विसबेस-देखो 'विस्वेस'। वीरगति प्राप्त होना। ४ ठहरना, रुकना। ५ सहारा या |
विसवी-पु. १ कृषि भूमि का एक नाप, एकड़ का पचासवा पाश्रय देना।
भाग । २ अंगुलियों के संधिस्थल । ३ मंगुलियों के संधिस्थलों विसरांमी-वि० १ विश्राम करने वाला । २ विधाम देने वाला। की रेखा । ४ वस्तु का भाग या अंश । ५ एक वणिक छन्द ३ देखो "विसर्गम'।
विशेष । ६ सांड या भैसे के लिये लाया जाने वाला हरि विसरांमो-देखो "विसरांम' ।
फसल का भाग। विसराणो(बी),विसराणो(बो)-क्रि० १ विस्मरण करना,भूलना।
विसवावीस-देखो "विसवावीस' । २ गलती करना। ३ त्यागना, छोडना। ४ भुला देना
विससन-पु० [सं० विशसन] एक नरक का नाम । स्मृति से निकाल देना।
विसहर-पु. [सं० विषधर] सर्प, सांप । -वि. विष का प्रभाव विसरायण, विसरायण, विसरारण-पु० दान ।
मिटाने वाला। विसराळ (ळी. ळो)-वि० [स० विष+रा.प्र. राळी] १ दिषला, विसहरतिय (तिथि)-स्त्री. नागपंचमी।
जहरीला। २ क्रोधी, क्रोध युक्त । ३ रसहीन, कड़वा, विसहरा-स्त्री० [सं० विषहरा] मनसादेवी का नामान्तर ।
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