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भड्दि
। २६६ )
भजारपो
भडिय-पु. १ विस्फोट की ध्वनि । २ भारी वस्तु के गिरने या | मचाभच-स्त्री० १ प्रहार या वस्तुमों के टकराने की ध्वनि । टकराने की ध्वनि।
२ शिर दर्द । ३ शीघ्रता। भडिक-देखो 'भड़क'।
मचीड़-पु. १ प्राघात, प्रहार । २ टक्कर । ३ प्रहार या टक्कर भडियाळ-वि० टक्कर लेने वाला ।
से उत्पन्न ध्वनि । ४ कूट-मार । ५ दुःख, कष्ट । ६ हानि, भड़द-देखो 'भडिद'।
नुकसान । ७ दर्द, चीस । ६ भटकने की क्रिया । ९ कपाट भाडीड-स्त्री० १ प्रहार, चोट या टक्कर । २ प्रहार, चोट या __जड़ने की ध्वनि। टक्कर की प्रावाज।
भचीड़णी (बो)-क्रि० १ बंद द्वार को हिलाना, खटखटाना । मड़ीती-पु० [सं० भटित्र या भृष्ट] १ सींचकों पर भुना हुमा २ टक्कर या माघात करना । ३ कूटना, मारना। ४ हानि
मांस । २ पालु, बैंगन प्रादि का सालन। ३ दबकर या| पहुँचाना । कुचलकर विकृत हुमा पदार्थ ।
भचीड़ो-देखो 'भचीड़। भड़ीहार-पु. भटिहार।
भचेड़णी (बो)-देखो 'भचीड़णो' (बी) । महस-पु० बिना पानी के सफेद बादल ।
मच्च-देखो 'भच'। मच-क्रि० वि० शीघ्र, तुरंत ।
भच्छ-देखो 'भक्ष'। भडोची-वि० भड़ौच संबधी, भड़ौंचका। -पु. भड़ौंच प्रदेश | भच्छणी-देखो 'भक्षणी' । का घोड़ा।
मच्छरणो (बो)-देखो 'भक्षणी' (बी)। भड़ोलियौ-पु० वट वृक्ष का फल ।
मच्छनी-देखो 'भक्षणी'। भच-पु० १ शिर में होने वाली पीड़ा विशेष । २ झटका, मजरो (बी)-क्रि० [सं० भज्] १ अपने इष्ट या ईश्वर का
धक्का । ३ झटके की ध्वनि। -क्रि० वि० १ शीघ्र. भजन करना, भक्ति करना । २ स्मरण या ध्यान करना। तुरंत । २ सहसा, एकदम। .
३ जपना, जाप करना । ४ ध्यान मग्न होना, अनुरक्त होना। मचक-स्त्री. १ भय, प्रातक । २ प्रहार से उत्पन्न ध्वनि ।
५ हर समय याद करना । ६ अधिकार या कब्जे में करना। ३ टक्कर, भिड़त । ४ शिर में दर्द का लगने वाला
७ कहलवाना। ८ प्राश्रित होना । ९ बटवारा करना । झटका।
१० उपभोग करना । ११ सम्मान करना । १२ सेवा शुश्रूषा मचकणी (बी)-क्रि० १ पाश्चर्य में चौंकना, भौंचक्का.
करना । १३ पसंद करना, चाहना । १४ स्वीकार करना, रहना । २ झटका लगना। ३ प्रहार करना। ४ काटना।
भगीकृत करना । १५ सभोग करना, भोगना । १६ धारण ५ देखो "भिचकणो' (बो)।
करना, वहन करना। १७ देखो 'भंजणी' (बी)। १५ देखो मचक-क्रि० वि०१ शीघ्र, तुरंत । २ सहसा, अचानक ।
- 'भाजणी' (बी)। भचको, भचक्क-देखो 'भचक' ।
भजन-पु० [सं०] १ पूजा, उपासना, सेवा । २ भक्ति, कीर्तन, भचक्करणौ (बी)-देखो 'भचकणी' (बी)।
नाम जपन । ३ स्मरण, ध्यान । ४ ईश्वर या किसी देवता भचक्को-देखो 'भधक'।
के गुणानुवाद का गीत या पद।-मानंद-पु. ईश्वर भक्ति मचक्र-पु० [सं०] १ नक्षत्रों का समूह । २ ग्रहों के भ्रमण
| से मिलने वाला सुख ।-मानंदी-वि० ईश्वर भक्ति में की कक्षा।
'मस्त रहने वाला। -उपदेसक-वि० भजन के माध्यम से भाड-स्त्री० १ सहसा उखाड़ने की क्रिया । २ इस क्रिया से
उपदेश करने वाला। उत्पन्न ध्वनि । ३ जोर से चबाकर खाने की क्रिया या | उससे उत्पन्न ध्वनि । ४ देखो भचीड़' ।
" भजनी, भजनीक-वि० भजन करने वाला, भक्ति-पद गाने वाला। भचणी (यो)-क्रि० १ टक्कर खाना । २ भच-भच ध्वनि ।
भजनेर-देखो 'भटनेर'। होना । ३ बड़े-बड़े ग्रास लेकर जोर-जोर से खाना। मजन्न-देखो 'भजन'। ४ खटखटाना।
भजाड़णी (बो)-१ देखो 'भजाणी' (बी) । २ देखो 'भजाणी' भचमवाणी (बी)-क्रि० १ शीघ्रता करना । २ सड़खड़ाना, (बी)। खटखटाना।
भजाणो (बी)-क्रि० १ ईश्वर या इष्ट का भजन कराना, भक्ति भवभेड़ो-देखो 'भचोड़ो'। .....
.कराना । २ स्मरण या ध्यान कराना । ३ जाप कराना, भचाक-स्त्री. १ प्रहार, चोट । २ प्रहार की ध्वनि । -क्रि०वि० जपवाना । ४ ध्यान में मग्न करना, अनुरक्त करना । ५ हर १ 'भच' की ध्वनि के साथ । २ सहसा।
समय याद कराना । ६ अधिकार या कब्जे में कराना ।
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