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विधूस
बिनस्वरता
विधूस-देखो "विध्वंस'।
विध्वस्त-वि० [सं०] १ नष्ट,बरबाद । २ संहारित, मारा हमा। विध सण-पु० [सं० विध्वंसन] नाथ, संहार।. . विनंत-देखो 'वनिता। विधूसरणी (बी)-क्रि० [सं० विध्वंसनम्] १ नाश करना, | विन-देखो 'बिना'।
विध्वंस करना । २मारना, संहार करना । ३ तोड़ना, भंग | विनउ-देखो 'विनय'। करना। ४ लूट-खसोट करमा । १ बर्बाद, तहस-नहस | विनड़रणो(बी)-क्रि.1 विनम्र होना । २ देखो 'विन्नभणी (बी)। करना । ६ रति क्रीड़ा करना, मैथुन करना ।
बिनडो (बो)-क्रि० १ दुःख देना,कष्ट देना । २ वेष बदलना । विधू-१ देखो विधु' । २ देखो 'वधु'।
३ देखो 'विनड़णों' (बी)। ४ देखो 'विनखणी' (बी)। विधसणी (बी)-देखो 'विधूसरणों' (बी)।
विनत-पु. [सं०] १ राम की सेना का एक वानर जो साठ विधेय-वि० [सं०] १ जिसका करना उचित हो, करणीय । लाख वानरों का सेनापति था। २ एक दिग्गज। ३ देखो
विधान के योग्य । २ जिसे जानने का विधान हो। ३ माज्ञा विनीत'। के वशीभूत, माज्ञापालक । ४ जिसके द्वारा कुछ कहा | विनतक-पु० [सं०] एक पर्वत का नाम । जाय, कथ्य । ५ योग्य । -पु. १ कर्तव्य । २ नायिका की | विनता-स्त्री० [सं०] १ कश्यप ऋषि की एक पत्नी और पक्षियों एक चेष्टा विशेष ।
की माता। २ एक राक्षसी । [सं० वनिता] ३ स्त्री, विधयक-पु० [सं० विधेयकन्] किसी कानून या विधान का | भौरत । ४ स्त्री, पत्नी । ५ प्रेमिका स्त्री।
प्रारूप जो विधान सभा के विचारार्थ रखा जाय । विनताक (ग)-पु० [सं० वृन्ताकि बेंगन नामक शाक । विषयकरम-पु० [सं० विधेय-कर्म] १ उचित कार्य, कर्तव्य । | विनतासुत (सुनु)-पु. [सं०] गरुड, अरुण।
२ नियमानुसार, वैधानिक कार्य । ३ शास्त्रोक्त कर्म। | विनति (ती)-स्त्री० [सं० विनतिः] १ अनुनय, विनय, प्रार्थना। विधेयाविमरस-पु० [सं० विधेय-प्रविमर्श] साहित्य में होने | २ नम्रता, विनय । ३ प्रावेदन ।। वाला एक वाक्य दोष।।
विनम्र-वि० [सं०] विनयशील, नम्र, विनीत । विधोगत (ति. ती)-क्रि० वि० १ विधिवत्, यथाविधि । विनय-स्त्री० [सं० विनय] १ नम्रता, विनम्रता । २ अनुनय, - २ ढगसे, नियमानुसार । ३ यथायोग्य ।
। प्रार्थना। ३ शील, सतीत्व । ४ शिष्ट व्यवहार। ५ बात्तर विधोरणी (को)-क्रि० मिटजाना, मिटना ।
कलामों में से एक । ६ जितेन्द्रिय पुरुष । विधोविध, विधौविध-क्रि० वि० १ विविध प्रकार से भिन्न |
विनयवंत-वि० [सं०] विनम्रता से युक्त, विनयशील, विनीत । __ भिन्न प्रकार से । २ यथाविधि, विधिवत् । ३ यथार्थ में ।
विनयवान-वि० [सं० विनयवान] विनयशील, विनीत । विध्य-देखो 'विधि'।
विनयसील-वि० [स० विनयशील] विनम्रता से युक्त । विध्यांन-देखो 'विधांन'।
विनवणी (बी)-क्रि० विनय करना, प्रार्थना करना। विष्या-देखो विद्या।
विनस-पु० सरस्वती नदी के प्रदृश्य रहने का स्थान । विध्याता-देखो "विधाता'।
विनसरण-पु० [सं०] १ विनाश, बरबादी । २ संहार । विघ्रत. विप्रति (तो)-पु० [सं० विधुति] १ एक सूर्य वशा| विनसरणी-वि० विनष्ट होने वाला, नाशवान । राजा । २ प्रभूतरजस् देवों से एक देव ।-स्त्री०२ वैधृति
विनसणौ (बो)-क्रि० १ नष्ट होना, मिटना । २ संहार होना, नामक देवतामों की माता।
__ मरना । ३ तहस-नहस होना, बरबाद होना। विध्रम (म्म)-देखो "विधरम'।
विनसति (ती)-देखो वनस्पति'। विमी (म्मी)-देखो "विधरमी'।
विनसाणी (बो), विनसावणी (बो)-क्रि० १ नाश करना, नष्ट विध्वंस-पु०[सं०] १ विनाश । २ तहस-नहस, बरबाद ।
करना । २ संहार करना, मारना । ३ तहस-नहस करना । ३ विनाश, सहार। विध्वंसक-वि० [सं०] १ विनाश करने वाला। २ बरबाद ।।
बिनस्ट-वि० [सं० विनष्ट] १ जो नष्ट हो चुका हो। २ तहसकरने वाला। ३ संहारक ।
नहस व बरबाद । ३ मरा हमा, मृत । ४ बिगड़ा हुमा, विध्वंसण-पु. [सं० विध्वंसन्] माश, संहार ।
विकृत। विध्वंसरणी-वि० (स्त्री० विध्वंसणी) १ नाश होने वाला, नाश-विनस्वर-वि० [सं० विनश्वर] १ नष्ट होने वाला, नाशवान् ।
वान् । २ मरने वाला । ३ तहस-नहस, बरबाद होने वाला। २ जो बहुत दिनों तक न रह सके, अनित्य ।
४ नाश, संहार करने वाला । ५ बरबाद करने वाला। बिनस्वरता-स्त्री० [सं० विनश्वरता) १ नाशवान् होने की विध्वंसपो (बो)-देखो 'विधू सणो' (बौ)।.
अवस्था । २ अनित्यता।
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