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विपरीतरति
( ६१८ )
विप्रबंधु
६ कुटिल । ७ झूठा, मिथ्ण। ८ अप्रिय । ९ अशुभ। विपिनतिलका-पु. १ एक वर्ण वृत्त । २ एक मात्रिक छन्द । १० भयंकर, भयावह । ११ नियम विरुद्ध। १२ सीधा, | विपिनबिहारी (विहारी)-देखो 'विपनबिहारी'। चित ।
विपुळे (ल)-वि० [सं० विपुल] १ प्रचुर, पर्याप्त । २ अधिक विपरीतरति-स्त्री० [सं०] रतिक्रिया का एक ढंग ।
बहुत । ३ विशाल, बड़ा। ४ गहरा, अगाध । १ रोमांचित । विपरीतलक्षण-पु० १ प्रशुभ संकेत, चिह्न। २ व्यंगात्मक
६ विस्तृत । पु०-१ सुमेरु पर्वत का पश्चिमी भाग । अभिव्यक्ति।
२ वासुदेव व रोहिणी का एक अन्य पुत्र । ३ एक पर्वत विपरीता-स्त्री० [सं०] दुश्चरित्रा स्त्री, बदचलन पौरत । । जिसकी अधिष्ठात्री देवी विपुला है। ४ हिमालय पर्वत । विपरीति (ती)-स्त्री०१ विपरीत होने की अवस्था या भाव, विपुळता, विपुलता-स्त्री. १ प्रचुरता, बहुतायत । २ महानता; वैमनस्यता। २ देखो "विपरीत' ।
विशालता। विपक्षत, विपस्त-देखो 'विपरीत' ।
विपळमति, विपुलमती-स्त्री० २८ प्रकार की लब्धियों में से विपळ (ल)-पु० [सं० विपल] १ समय का एक छोटा विभाग, नवमी लब्धि। पल का पाठवां अश। २ काल गणना को एक इकाई ।
पाठवां अशा २काल गणना को एक कार्ड विपुळस्वांन-पु० सुकृष के पिता एक ऋषि । . ३ देखो 'विपुळ'।
विपुळा (ला)-स्त्री० [सं० विपुला] १ पृथ्वी, भूमि, धरती।
२ एक देवी । ३ बहुला सती का नामान्तर । ४ विपुला विपळव, विपलव, विपळव-देखो 'विप्लव'।
देवी का पीठस्थान । ५ एक प्रकार का छन्द । ६ पार्या विपला, विपला, विपला-देखो 'विपुला' ।
छन्द का एक भेद । विपली (लो), विपलो-वि० (स्त्री० विपळी) १ अविश्वसनीय ।। २ संदेहास्पद ।-पु. १ भूत, प्रेत । २ प्रेत बाधा ।
| विपोहरणो (बी)-क्रि० [सं० वि+पोषण] १ मिटाना, नाश विपसंचित, विपसचित्त, विपसंची-पु० [सं० विपश्चित] कवि
करना, समाप्त करना । २ दूर करना, हटाना। जन, पंडित ।-वि. पंडित बुद्धिमान, सूक्ष्मदर्शी।
विप्त-१ देखो 'विप्र'। २ देखो 'विप्पला'। विपाड, विदुर-वि० [सं०] पीला, पीत।
विप्पोसहि (ही)-स्त्री० एक प्रकार की लम्धि । विपाक-पु० [सं० विपाक:] १ कर्मों का फल, परिणाम ।
विष्फरपो (बी), विप्फुरणी (बी), विष्फुरणो (बी)-देखो २ स्वाद, जायका । ३ कठिनाई, लकलोफ। ४ परिपक्व
___विफरणी' (बी)। व पका होने की अवस्था। ५ पूर्ण दशा में पहुंचने की विप्र-पु० [सं०] १ ब्राह्मण। २ ब्राह्मण या पुरोहित जाति । दशा चरमोत्कर्ष।
३ इस जाति का व्यक्ति । ४ विद्वान ब्राह्मण । ५ परब्रह्म । विपाकसूत्र-पु० एक सूत्र पथ का नाम ।
६ कर्म निष्ठ पुरुष । ७ पीपल, सिरस प्रादि पेड़ों विपाट (8)-पु० [सं०] १ एक प्रकार का तीर; बाण ।। के नामान्तर । ८ ध्र ववंशीय एक राजा। गण के २ कर्ण का एक भाई।
पांचवें भेद का नाम । १० विद्वान या मेधावी व्यक्ति । विपाटल-वि० गहरा लाल।
|-विप्रक-पु० [सं०] नीच या धर्मभ्रष्ट ब्राह्मण। विपाठा-स्त्री० [सं०] दुर्गम राजा की एक पत्नी ।
विप्रकार-पु० [सं०] १ हार, पराजय । २ अनादर, तिरस्कार । विपाप-पु० [सं०] १ कश्यप एवं दनु के पुत्रों में से एक ।
३ अपकार। २ एक पिशाचगण समूह ।
| विप्रचरण-पु० [स०] भगवान विष्णु के हृदय पर अंकित भृगु विपादिका-स्त्री० [सं०] एक प्रकार का कुष्ठ रोग ।
ऋषि के चरण प्रहार का चिह्न। विपाप-पु. शिवावतार के एक शिष्य का नाम ।
विप्रचित्त (ति), विप्रजित्त (ति)-पु० [सं० विप्रचित्ति] १ राहु विपापमन, विपाप्मन-पु० [सं० विपाप्मनः] १ अग्नि का एक ग्रह । २ एक दानव राजा । ३ व्यष्टि नामक प्राचार्य का पुत्र । २ मत्स्यानुसार मायु राजा का एक पुत्र ।
शिष्य। ४ हिरण्यकशिपु का सेवक एक राक्षस । विपास, विपासा-स्त्री० [सं० विपाश] पंजाब की शतलज नदी | विप्रपो-देखो 'विप्रो'। . का एक नाम।
विप्रता-स्त्री. ब्राह्मण होने की अवस्था, ब्राह्मणत्व । विपिन (विपुन)-पु० [सं० विपिन] १ वन, जंगल । २ उपवन, | विप्रतिसार, विप्रतीसार-पु० [सं०] १ रोष, क्रोध; गुस्सा ।
वाटिका । -घर-पु० जंगल में रहने या विचरण करने २ दुष्टता। वाला प्राणी। -पत, पति, पती-पु. वन का राजा विप्रबंधु-पु० [सं०] १ धर्मभ्रष्ट ब्राह्मण, नीच ब्राह्मण । शेर, सिंह।
२ मंत्र द्रष्टा मुनि ।
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