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रित्र परण
( ४८६ )
रित्र पररण-पु० [सं० ऋतु-पर्ण] इक्ष्वाकुवंशीय एक राजा ।। रिपुता-स्त्री० शत्रु होने की अवस्था या भाव, शत्रुता । रित्विज-पु० [सं० ऋत्विज] यज्ञ का पुरोहित ।। रिपुप्रताप-पु. शत्रु का प्रभाव, रोब। -वि. गर्म * रिव-पु. [सं० हृद] १ जलाशय, सरोवर, तालाब । २ झील । | रिपू-देखो 'रिपु' ।
३ ध्वनि, मावाज । ४ किरण । ५ देखो "हिरदो। रिबकरणो (बो)-क्रि० इधर-उधर भटकना, भटकते फिरना। रिव्य, रिवि, रिवी-देखो 'हिरदो'।
रिबको-पु. कष्ट, तकलीफ । रिख-पु. [सं० ऋद्ध] १ विष्णु का एक नामान्तर । २ देखो | रिवणी (बी)-कि० १ कष्ट या तकलीफ पाना । २ व्याकुल रिद्धि'।
होना. त्रस्त होना । ३ तड़फना, छटपटाना। रिद्वि-स्त्री० [सं० ऋद्धि] १ लक्ष्मी देवी । २ पार्वती देवी। रिभ. रिभू-पू० [सं० ऋभु देवता ।
३ कुबेर की पत्नी। ४ गणेश की अनुचरी एक देवी। रिभूको, रिभूखी-पु० [सं० ऋभुक्षिन] इन्द्र । ५ वरुण की पत्नी । ६ एक अलौकिक शक्ति । ७ धन, | रिमद, रिम-प० [स० परिम] शत्र, दुश्मन, रो। द्रव्य, पूंजी, निधि । ८ ऐश्वर्य, बंभव । ९ सफलता ।
रिमक-झिमक-देखो 'रिमझिम। १० वृद्धि, बढ़ोतरी। ११ पूर्णता । १२ एक लता विशेष ।
रिमजोळ देखो 'रिमझोळ' । १३ एक प्रौषधि विशेष । १४ मार्या छन्द का भेद विशेष । |
रिमझिम-स्त्री० [अनु०] १ छोटी-छोटी बूंदों की धीमी वर्षा, -बाता-वि० दानी । लक्ष्मी ।-नायक-पु. गणेश ।
वर्षा की फूहार । २ पायल या नूपुर की ध्वनि । ३ झन्कार गजानन ।-पत, बती-पु. धनवान, वैभवशाली ।-सार-वि.
ध्वनि, शब्द ।-क्रि० वि० धीरे-धीरे, हल्का शब्द धनवान ।
करते हुए। रिद्धि-सिद्धि-स्त्री० [सं० ऋद्धि-सिद्ध] १ गणेश की दो पत्नियां, | रिमनिमक-स्त्री० झन्कार, ध्वनि । देवियां । २ समृद्धि, वैभव, यश, प्रभाव । ३ द्रव्य, धन ।
धना रिमझोळ-स्त्री०१घुघरूदार, पैर की पूड़ी, नूपुर, पायल । रिशी, रिखो-देखो 'रिद्धि'।
२ मस्त घूमने की क्रिया। रिध-पु.१ तरह, भांति, प्रकार । २ घर, मकान । बरया विशेष भोज में, सर्वप्रथम अलग लेकर रखा जाने वाला
रिमथाटचूर-वि• शत्रुदल का संहारक । भोजन का प्रश। ४ देखो रिद्धि' ।-दाता='रिद्धि-दाता।
रिमपथल्ल-वि० शत्रुदल को मार कर भगाने वाला। -वत, बत-'रिद्धिवंत'।-सार='रिद्धिसार'।
रिमराह-वि० शत्रुषों के लिए राष्ट्र या काल रूप । वि-सिध-देखो 'रिद्ध-सिद्धि'।
रिमरेसौ-वि० शत्रुषों को पराजित करने वाल। रिधि, रिधी-देखो 'रिद्धि'।
रिमहर रिमहरि रिमहरी-वि० शा का वंशज, शत्र। रिधि-सिधि, रिधीसिधी-देखो 'रिद्धि-सिद्धि' ।-वाता
रिमांराह-देखो 'रिमराह'। रिद्धि-दाता'।
रिमांसाळ-वि० शत्रुषों के लिये शक्ष्म रूप । रिधु, रिध-वि० १ निश्चित, तय । २ अटल, कायम, स्थिर ।
रिमि-देखो "रिम'। समद्धिशाली, वैभवशाली । ४ उत्तम, श्रेष्ठ।-क्रि.वि. रिमिक-सिमक-क्रि०वि० छम-छम करती, छन-छन करती। १ नित्य, हमेशा, प्रतिदिन । २ देखो 'रिडि'।
रिमिजोळ-देखो "रिमझोळ' । रिधि-देखो "रिदि'।
रिमिझिम-स्त्री. १ वर्षा की हल्की फुहार । २ पावों की पायन, रिन-देखो 'रण'।
नूपुर । ३ शब्द, ध्वनि, झन्कार ।-क्रि.वि. १ नन्ही
मन्ही बूदों के रूप में, धीरे-धीरे । २ छम-छम करते हुए। रिप-देखो 'रिपु'। रिपइयो-देखो 'इपयो।
रिमिझिमि-देखो 'रिमझिम'। रिपनाट-वि० शत्रु के मागे न झुकने वाला।
रिमिझोळ-स्त्री. १ स्त्रियों के पैरों की घुघुब्वार पायल, रिपपतंग-पु० [सं० पतंम-रिपु] दीपक।
चूड़ी । २ नूपुर । ३ मस्ती में धूमने की क्रिया या भाव। रिपबळी-पु. इन्द्र।
रिमिथाटपुर-वि. शत्र दल का संहारक । रिपियो-देखो 'इपयो।
रिमिपथल्ल-वि० शत्र दल को पराजित करने वाला । रिपु, रिपुम्ग-पु० [सं० रिपुः] १ शत्रु, वैरी, दुश्मन । २ वह रिमिराह-पु० सत्रों के लिये राहू रूप। वस्तु जो किसी अन्य वस्तु के गुण या प्रभाव नष्ट करदे । रिमिरेसी-वि० शत्र घों को परास्त करने वाला। जन्म कुंडली में लग्न से छठा स्थान ।
| रिमिहर, रिमिहरि, रिमिहरी-वि.शत्र का वंशज, पत्र
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