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वसंततिलका
(१७४ )
वसीकरण
वसंततिलका-पू० [सं० वसंततिलकः] एक वणिक छन्द विशेष ।। ५ बंध्या स्त्री। ६ गो, गाय । ७ बांझ गौ। ८ हथिनी । वसंतदूत-पु० [सं०] १ कोयल । २ चैत्र मास । ३ भाम का | ९ मेद । १० चरबी, मांस । ११ मस्तिष्क । वृक्ष । ४ पंचम राम।
वसाकेतु-पु० [सं०] पश्चिम में उदय होने वाला एक तारक वसंतदूती-स्त्री० [सं०] १ कोयल । २ माधवीलता। वसतपचमी (पांचम, पांचिम)-स्त्री० [सं० वसंतपंचमी] १ माघ वसाड़णी (बौ), वसारणी (बो)-देखो 'बसाणो' (बी)। ___शुक्ला पंचमी । २ इस दिन मनाया जाने वाला पर्व । वसारेळ-पु० [सं० वसु+रा. रेळ] इन्द्र । वसंतबधु-पु० [सं०] कामदेव ।
वसाळ-पु. भेड़। वसंतभैरवी-स्त्री० [सं०] एक रागिनी का नाम ।
वसाव, वसावट-देखो 'बसाव' । वसंतमारू-पु. सम्पूर्ण जाति का एक राग।
वसावणो (बो), वसावणो (बी)-देखो 'बसाणी' (बो)। वसंतमालतीरस-पु० एक प्रसिद्ध रसौषधि, 'स्वर्ण-मालिनी-रस'। | वसाह-पु० नगर या शहर के चौहटे का नाम । वसंतरत-देखो 'वसंत'।
वसि-१ देखो 'वसी'। २ देखो 'वस'। वसंतरमण (णि, रणी)-पु. एक छंद विशेष ।
बसितव, वसिता-देखो 'वसित्व'। वसंतरित (रितु)-देखो 'वसंत'।
वसितागाधा-स्त्री० गाथा छंद का एक भेद । वसंतवाक-पु० [सं० वसतवाक्] संगीत दामोदर के चौदह । वसित्व-पु० [सं० वशित्व] १ वशता, अधीनता । २ एक प्रकार तालों में से एक।
___ की सिद्धि।
.. वसंतसख (सखा)-पु० [सं० वसंतसखः] कामदेव का एक नाम । | वसिमा-देखो 'वसी'। वसति (ती)-वि० [सं० वसंती] १ वसंत ऋतु का, वसंत ऋतु | बसियकरण-देखो 'वसीकरण' ।
सबधी । २ वसत में होने वाला, चलने वाला । ३ बसंती | वसिस्ट, वसिस्ठ-पु० [सं० वसिष्ठ[ १ ब्रह्मा का मानस पुत्र (पोले) रंग का ।-स्त्री. १ वसंत ऋतु की देवी, सरस्वती।
एक लब्ध प्रतिष्ठित ऋषि । २ अयोध्या के सूर्यवंशीय २ हल्का पीला रंग। ३ जूही।
नरेशों के प्रोहित की उपाधि । ३ एक स्मृतिकार ऋषि । वसख-देखो विसिख।
४ रैवत मन्वन्तर के एक ऋषि । ५ प्राठवां वेदव्यास बसणु-१ देखो 'व्यसन' । २ देखो 'बसण' ।
जिसे इन्द्र ने ब्रह्माण्ड पुराण सिखाया था। ६ एक शिल्प वसरणी (बो)-देखो 'बसणी' (बो)।
शास्त्रज्ञ । ७ विदेह-राज निमि का प्रोहित, पमस्त्य ऋषि वसतु, बसत्त-देखो 'वस्तु'।
का छोटा भाई। वसत्र-देखो 'वस्त्र'।
वसिस्ठपुरांण-पु० [सं० वसिष्ठ पुराण] लिंग पुराण नामक बसवे, वसदेव-१ देखो 'वसुदेव' । २ देखो 'वासुदेव' ।
| एक उप पुराण। वसधा-देखो वसुधा'।
| वसी-पु० स० वसि:] १ गृह, घर, निवास स्थान । २ वस्त्र । वसधापत (पति)-देवो 'वसुधापति' ।
[सं० वश्य:, वशिः] ३ नोकर, चाकर, दास, अनुचर। बसन-पु. [सं० वसनं] १ वस्त्र, कपड़ा, परिधान । २ कफन ।
४ जागीरदारों द्वारा लिया जाने वाला एक कर विणेष । ३ भावरण, गिलाफ, भाच्छादन ४ स्त्रियों के कमर का
५ जागीरदार का विशेष कृपापात्र व्यक्ति । ६ बसने के प्राभूषण, करधनी । ५ देखो 'विस्णु' । ६ देखो 'बसण' ।
लिये दी जाने वालो जागीरी, स्थान । ७ निवास । वसनस-पु० [सं० वस्नसा] स्नायु, रग, नाड़ी।
८ पधिकार, कब्जा। ९ अधीनता । १० मन मोहकता। वसना-देखो 'वसन'।
-वि० १ बसाया हुमा । २ पाकर बसा हुमा । ३ वश में वसन-देखो 'वसन'। वसमगत (गति)-देखो 'विसमगति'।
रहने वाला। वसरांमरणो (बी)-देखो "विसरांमणो' (बो)।
वसीकर, वसीकर-वि० [सं० वशीकर] १ वश में करने वाला। वसराळ-देखो 'विसराळ' ।
२ मोहित या मुग्ध करने वाला। वसव- देखो विस्व' । २ देखो विस'।
वसीकरण, वसीकरणि, वसीकरण, वसीकरणि-पु० [सं० वशीवसवान-देखो 'वसीवान'।
करण] १ वश में करने की क्रिया या भाव । २ किसी को वसांमध-पु. पाटल नामक वृक्ष ।
वश में करने संबंधी एक मंत्र । ३ अष्टसिद्धियों में से एक वसा-स्त्री० [सं० वशा, वसा] १ पौरत, नारी, स्त्री। २ पत्नीः सिद्धि । ४ कामदेव के पांच बाणों में से एक । ५ वश में
भार्या, जोरू । ३ लड़की, पुत्री । ४ पति की बहन, ननद । । करने का कोई साधन ।
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