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वितीत
( ६१० )
विदवेसणी
बितीत (ति, ती)-देखो 'व्यतीत' ।
विथक-वि० थका हुमा। वितीपात-देखो 'व्यतिपात'।
विथकणी (बो)-क्रि० थकना, थकावट महसूस करना । वितीपाती-देखो 'व्यतिपाती'।
वियत-देखो 'वितथ'। वितुड-देखो "वितंड'।-वाव: "वितंडावाद।
विधरणी (बी)-देखो "विस्तरणो' (बौ)।। वितु-वि० [सं० वतुल] १ गोलाकार, वतुंलाकार । ३ देखो| विथराणो (बो)-देखो 'विस्तारणो' (बी)। 'वित'।
विथा-देखो 'गथा'। वितोड़णो (बी)-क्रि. तोड़ना ।
वियार-देखो 'विस्तार'। वितोल-वि० [सं० वितुल्य मतुल्य बलशाली।
विधारण-वि. विस्तार करने या फैलाने वाला। वित्त-पु० [सं०] १ धन, सम्पत्ति, द्रव्य । २ एक प्राचार्य । | विचारणी (बो)-देखो "विस्तारणों' (बी)। ३ एक देव । ४ देखी 'वित'।
वियित-देखो 'व्यथित'। वित्तगोप्ता-पु० [सं०] कुबेर के भण्डारी का नाम ।
वियुरणौ (बो)-देखो "विस्तरणो' (बी)। वित्तग्यांन-पु० [सं० वित्त-ज्ञान] ७२ कलाभों में से एक । विथ्य-पु० [सं० वीथि] पथ, मार्ग, रास्ता । वितरणौ (बो)-देखो 'बीतणी' (बी)।
विवंड-पु० [सं०] द्रोपदी के स्वयंबर में उपस्थित एक राजा। वित्तदा-स्त्री० [सं०] एक स्कन्द मात्रिका विशेष।
विव-वि० [सं०] १ जानकार, ज्ञाता। २ पंडित, कवि । वित्तनाप-पु० [सं० वित्त-नाथं] । कुबेर २ कोषाधिकारी।। -पु० १ एक प्राचीन ऋषि । २ देखो "विध' । वित्तप (पत, पति, पती)-पु० [सं० वित्तप, वित्तपति) १ धन | विदकरणों (बो), विक्करणो (बौ)-क्रि० चौंकना, चमकना । पति, कुबेर । २ कोषाध्यक्ष ।
विदकाउ-देखो 'विदको'। वित्तपाळ (ल)-पु० कुबेर का एक नाम ।
विदग-देखो 'वीदग'। वित्तपुर (पुरी)-स्त्री० कुबेर की अलकापुरी।
विदर-१ देखो 'विदरी'। २ देखो 'विदुर'। वित्तरणी (बी)-१ देखो "विस्तरणो' (बी) । २ देखो "वितरणी' | विवरण-देखो 'विदीरण' । (बो)।
विदरणी (बी)-देखो 'विदीरणो' (बी)। वित्तहीण (न)-वि० [सं० वित्त-हीन] १ धन के प्रभाव वाला।
विदरम-पु० [सं० विदर्भ] १ नौखण्डाधिपति ऋषभदेव के नौ
पुत्रों में से एक । २ माधुनिक बरार प्रदेश का प्राचीन नाम । २ गरीब निर्धन । ३ दरिद्र ।
३ एक यदुवंशी राजा । ४ एक ऋषि । वित्ति-देखो 'बीति'।
विवरमजा-स्त्री० [सं. विदर्भजा] १ अगस्त्य ऋषि की वित्तिकरु (रू)-वि० [सं०] वृत्तिकर्ता।
पल्ली लोपामुद्रा का एक नाम । २ राजा नल की पत्नी वित्तेस-पु. [सं. वित्त-ईश] धनपति कुबेर । वित्तेसर (सुर, स्वर)-पु० [सं० वित्त-ईश्वर] धनपति कुबेर।
दमयन्ती का एक नाम । ३ श्रीकृष्ण की रानी रुक्मिणी वित्ती-सर्व० उतना।
___ का एक नाम । वित्थर (रि, री)-देलो 'विस्तार'।
विदरभा-स्त्री० [सं० विदर्भा] विदर्भ देश की राजधानी । वित्थरणो (बी)-देखो "विस्तरणो' (बी)।
विदरभि-स्त्री० [सं० विभि] एक प्राचीन ऋषि का नाम । वित्यार-देखो "विस्तार'।
विदरांणी-स्त्री० दासी, सेविका । वित्यारणो (ग)-देखो "विस्तारणों' (बो)।
विदरी-स्त्री०१ हुक्का । २ देखो 'विदुर'। वित्युरो (बी)-देखो 'विस्तरणों' (बो)।
विदळ (ल)-पु० [सं० वि-दल] १ हीजड़ा, जनखा। २ शत्रु वित्रप्त-वि० [सं० वितृप्त] १ जो तृप्त न हो, पतृप्त ।
| सेना । ३ एक राक्षस । ४ लाल रंग का सोना । २ असंतुष्ट ।
विदळणी (बी)-क्रि० दलित करना, नष्ट करना। वित्रभव-स्त्री० पूर्व व ईशान दिशा के मध्य की दिशा, कोण। विदल्ल-पु. ध्र व संधि नामक राजा का मंत्री। वित्रस-वि० [सं० वितृष] तृषा रहित, संतुष्ट ।
विदवान-देखो 'विद्वान' । चित्रण-वि० [सं० वितृष्ण] तृष्णा रहित. निस्पह. उदासीन। विदवीं-वि० सुन्दर, मनोहर । वित्रहोत (होत्र)-देखो 'वीतिहोत्र'।
विदवेस-देखो '
विस'। वित्रा, वित्रासुर-देखो त्रासुर'।
विदवेसक-देखो 'विद्व सक'। विष-देखो 'व्यथा'।
विदवेसणी, विदवेसिणी-देखो "विद्व सिणी'।
वित्रप्त-का) देखो विस्तारको (क)।
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