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विदवेसी
( ६११ )
विवोखणी
विदवेसी-देखो विद्वेसी'।
विदुख-देखो "विदुस'। विदांत, विदांतो-देखो 'वेदांत'।
| विद्युत, विदुति-देखो "विद्यत' । विदाम-पु. १ एक छोटा सिक्का (महाजनी) । २ देखो विदुसम-पु० भगवान विष्णु का एक नाम । 'बिदाम' । ३ देखो 'बादाम'।
विदुर (क)-पु. [सं. विदुर] १ पांडु के छोटे भाई जो अर्थ, विदामी-देखो 'बादामी'।
धर्म व राजनीति में निपुण थे। २ पंडित व ज्ञानी पुरुष । विवा, विदाई, विवायी, विवा-स्त्री० [अ० वदाम] १ प्रस्थान,
३ दासी पुत्र, सेवक । ४ विदूषक, मसखरा। रवानगी । रुखसत । २ प्रस्थान की अनुमति । ३ प्रयाण या| विदुला-स्त्री० [सं०] सावार देश की राजरानी व संजय पलायन की क्रिया। ४ प्रस्थान के समय दी जाने वाली | विदुस-वि० [सं० विदुष] (स्त्री० विदुसी) । विद्वान, पंडित, भेंट । ५ कार्य मुक्त करने की क्रिया।
___ज्ञानी । २ कवि । ३ चतुर, होशियार । ४ ज्योतिषी। विवारक-वि० [सं०] १ चीरने वाला, फाड़ने वाला, विदीर्ण | विदुसरणी (बो)-देखो "विदूसरणो' (बी)।
बालाबार करने वाला नदी की पहाडी विदूरण-पु० विभीषण का एक मंत्री। या वृक्ष ।
विदूर-वि० [सं०] बदुत, दूर। -पु० १ एक पर्वत जहा वैदूर्घ्य विदारण-पु० [सं० विदारणः] १ अमियों का नाश करने | मरिण मिलती है । २ पुरु राजा विदूरथ का एक नामान्तर ।
वाले भगवान विष्णु । २ युद्ध, संग्राम । ३ नदी के बीच का विदूरप-पु० [सं०] १ पुरुवंश का एक राजा। २ एक यदु
वृक्ष । ४ चीर-फाड़। १ मारना, हत्या करना क्रिया। वंशीय राजा। ३ सावणि मनु के पुत्रों में से एक । विवारणी (बी)-क्रि० [सं० विदारणम्] १ चीरना, फाड़ना;
४ वृष्णिवंशीय एक क्षत्रिय । ५ श्रीराम को सेना का एक विदीर्ण करना।२ मारना, हत्या करना, संहारना । ३ नाश
वानर । करना, मिटाना।
विसक-पु० [सं० विदूषक] (स्त्री० विदूसिका) १ दूसरे के दोष विवारिकव-देखो विदारीकंद'।
बताकर हंसी करने वाला व्यक्ति । २ हास्यास्पद चेष्टाएं विवारिक-पु. शरीर के संधि स्थलों में होने वाला एक फोड़ा।।
करने वाला व्यक्ति, हास्य अभिनेता, मसखरा । ३ एक विवारीकंव-पु० [सं०] एक प्रकार की लता व उसका कंद।
प्रकार का नायक । ४ कामुक या विषयी व्यक्ति। विवारीगंधा-स्त्री० [सं०] शालपर्णी नामक झाड़ी विशेष ।
विदूसण-पु० [सं० विदूषण] किसी पर विशेष रूप से दोष विदारुण-पु. एक प्राचीन राजा।
लगाने की क्रिया या भाव । विदावत-पु० १ कुटिल युक्ति, छल, प्रपंच । २ गुप्त रहस्य । विदूसणा (बा)-क्रि० १ कलाकत करना, दोष लगाना । २ कष्ट विवाह-पु० [सं०] १ पित्त प्रकोप भादि से होने वाली शरीर होनेवाली
देना दुःख देना, सताना । में जलन । २ उत्सर्ग, दान ।
विदे'-पु० [सं० विदेश] अन्य देश, पराया देश।
विवेसि, विदेसी (को)-वि० [सं० विदेशी] परदेश का, परदेश विवाहक-वि० [सं०] विदाह से उत्पन्न ।
संबंधी ।-पु. १ परदेश का निवासी । २ परदेश की वस्तु । विवाही-पु० [सं० विदाहिन] जलन उत्पन्न करने वाला पदार्थ । विदित-वि० [सं०] १ अवगत, ज्ञात । २ सूचित किया हुमा ।
या विवेह-पु० [सं०] १ मिथिला नरेश निमि तथा सीरध्वज जनक प्रसिद्ध, विख्यात । ४ इकरार किया हुमा ।
का एक नाम । २ मिथिला नगर। ३ मिथिला का
निवासी । ४ अन्य देह, देह परिवर्तन । ५ कामदेव ।-वि० विरिया-देखो "विद्या'।-घर: "विद्याधर'।
.१ देह रहित, निराकार । २ देह को चिंता से मुक्त । विविस, विविसा, विविसि, विविसी-स्त्री० [सं० विदिशा]
३ मृत ।-कुमारी-स्त्री० सीता, जानकी ।-पुर, पुरी१ मालवा की एक पौराणिक नदी। २ एक प्राचीन राज
स्त्री० मिथिला नगरी। घानी।
विदेहक-पु० [सं०] एक पर्वत का नाम । विदीया-देखो 'विद्या'।
विवेहधी-स्त्री० [सं० विदेह-धीता] जनक सुता, जानकी, सीता। विदीरण-वि० [सं० विदीर्ण] १ बीच से चिरा हुपा । विदेहपुर (पुरी)-स्त्री० [सं० विदेह-पुर] मिथिला पुरी।
फाड़ा हमा। २.टित, नष्ट । ३ संहार किया हुमा, मृत। विदेहा, विदेही-स्त्री० [सं०] १ जनक पुरी, मिथिला । विगेरणी (बी)-क्रि० [सं० विदीर्णम] १ फाड़ना, चीरना। २ जानकी, सीता । -पु. १ ब्रह्म ।
२ मारना, संहार करना । ३ नाश करना । ४ मिटाना। | विदेहेस-पू० [सं० विदेह-ईश] राजा जनक । विदु-पु. [सं०] १ घोड़े के कान के नीचे का हिस्सा । २ हाथी विदोखरणों (बौ)-क्रि० १ अवलोकन करना, देखना। २ देख
के मस्तक के बीच का भाग ।-वि० विद्वान, पंडित । विदूसो ' (बो)।
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