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बजराक
( ५५५ )
वज्रमुस्ठि
वजराक (ग)-देखो 'बजराक' ।
१४ विश्वामित्र का एक पुत्र । १५ श्रीकृष्ण का एक प्रपौत्र । बजरेसुरी (स्वरी)-देखो 'वज्र स्वरी'।
१६ वार-नक्षत्रों का एक योग । १७ फलित ज्योतिष में वजवजणी (बी)-क्रि० [सं० भज्] १ प्रतिष्ठा पाना, प्रसिद्धि एक योग । १८ कोकिलाक्ष नामक वृक्ष । १९ सफेद कुश । पाना, प्रभाव रखना । २ वैभव प्राप्त करना।
२० सेहड़, सँहुड़ । २१ अकलबीर पौधा । २२ वज्र पुष्प । वजह-स्त्री० [अ० बजह] १ कारण, हेतु, निमित्त । २ उद्देश्य, २३ त्रिकोण । -वि० [सं०] १ प्रत्यधिक कठोर
अभिप्राय, प्रयोजन । ३ कोई असाधारण परिस्थिति । सख्त, कडा । २ दृढ़, मजबूत । ३ तीव्र,उग्र।-अंग,अंगी%3D ४ मुखाकृति, चेहरा । ५ प्रकृति ।
'बजरंगी।-ककट-पु. हनुमान । हीरकरणी। कोकिलाक्ष वजाडणी(बी),बजाणी(बौ। वजावणी(बी)-देखो 'बजाणी' (बो)। वृक्ष । थूहड़ ।-कपाट-पु० वज्र के बने अथवा दृढ़ व मजवजित्र, वजित्रि-देखो 'वाद्ययंत्र' ।
बूत कपाट ।-तुड-पु० गणेश । गरुड़ । गिद्ध। मच्छर । वजीफादार-वि० [फा०] वजीफा या सहायता पाने वाला। थूहड़ ।-दंड-पु० इन्द्र से प्राप्त अर्जुन का एक प्रस्त्र ।वजीफो-पु० [फा० वजीफः] १ प्रार्थिक सहायता, निर्वाह | दंत-पु० सूअर, शूकर, वराह । चूहा ।-धर-वि० शस्त्र
भत्ता । २ पेंशन । ३ छात्रवृत्ति । ४ मंत्र पाठ, जाप । । । धारी।-पु०-इन्द्र । प्रादि बुद्ध । -धार, धारिन, धारी-पु० वजीर, वजीर-पु० [फा०] १ बादशाह का प्रधान, सचिव, इन्द्र । विष्णु । -पारण, पाणि, पाणी-पु० इन्द्र विष्णु, शस्त्र
मंत्री, प्रमान्य । २ राजदूत । ३ रावणा राजपूतों का धारी। ब्राह्मण, एक देवयोनि ।-पात-पु. बिजली का एक संबोधन । ४ शतरंज का एक मोहरा।
गिरना । विनाशकारी प्रस्त्र का पात । इससे होने वाली वजीरात, वजीरात-स्त्री० [फा०] १ वजीर का कार्य या पद ।। क्षति । शस्त्र प्रहार । दुर्घटना । भयंकर विपत्ति ।-बाहु२ वजीर का कार्यालय, कचहरी।
पु० इन्द्र, विष्णु । रुद्र । अग्नि । -मय-वि० हढ़, मजबूत । वजीरी-स्त्री० [फा०] १ वजीर का कार्य, पद, नोकरी । प्रबल, शक्तिशाली। हीरे का,हीरे संबंधी। लोह संबंधी।-- २ बलूचिस्तान के घोड़ों की एक जाति ।
माग- पु०प्राकाश, व्योम । -सरीर-वि० बलवान ।--सार बजुपात, वनपात-स्त्री० [फा०]१ वजह का बहुवचन ।२ कारण -वि० अत्यन्त, कठोर । -पु. हीरा ।--सोह-पु० वन की
चोट, प्रहार । बजू-पु० [अ० वुजू] नमाज से पूर्व हाथ-पांव धोने की क्रिया। वज्रक वज्रक-पु० [सं०] १ हीरा । २व वक्षार । ३ सूर्य का एक वजूब-पु० [अ०J१शरीर, देह । २ सत्ता, अस्तित्व ।
उपग्रह । ४ चर्म रोग का एक तेल । बजे-स्त्री० १ तरह, भांति, प्रकार । २ देखो 'वजह'। वज्रकीट वज्रकीट-पु० [सं०] पत्थर में छेद करने वाला एक कीड़ा, वजोग-१ देखो 'बिजोग' । २ देखो 'वियोग' । वज्जो (बो)-देखो 'बजणो' (बी)।
वज्रकूट-पु० [सं०] हिमालय का एक शिखर, चोटी। वज्जपरिण (रणी) देखो 'वज्रपाणि' ।
वज्रक्षार-पु० [सं०] वैद्यक का एक रसायन योग। वज्जमओ-देखो 'वज्र मय'।
वज्रगोप-पु० [सं०] वीरबहूटी नाम कीट । वज्जया-देखो 'विजिया'।
वज्रघट-पु० [सं०] लंका का एक राक्षक । वज्जर, बज्जर-देखो 'वज'।
वज्रदंती, वज्रदंती-स्त्रो [सं०] १ प्रौषधि विशेष । २ इस प्रौषधि वज्जरणो (बो) क्रि० [सं० वज्जरं]-१ कहना, बोलता । २ क्रोध | का पौधा। में बड़बड़ाना।
वज्रनाभ (नाभ्र)-पु० [सं०] १ श्रीकृष्ण का एक चक्र । वज्र गो-देखो 'वजरंग'!
२ एक सूर्यवंशी राजा। ३ एक राक्षस विशेष । ४ स्कन्द वज्रद-वि० सं० वज + इंद्र] १ जबरदस्त, जोरदार। का एक सैनिक। ५ प्रद्युम्न का एक पुत्र। ६ विश्वामित्र २ प्रचंड, भयंकर । ३ महान् । -पु० इन्द्र का दज्र।
__ का एक पुत्र। वन, वज्र (वजउ)-पु० [सं०] १ इन्द्र का प्रधान शस्त्र। वज्रपोस-पु० कवचधारी योद्धा। २ सुदर्शन चक्र । ३ विनाशकारी शस्त्र-प्रस्त्र । ४ भाला
वज्रप्राणघातक-पु. एक प्रकार का शस्त्र विशेष । बरछा । ५ शिव का त्रिशूल । ६ तलवार । ७ विद्युत,
वज्रभाखी-वि० [सं० वज्रभाषिन् ] रढ़ प्रतिज्ञ । बिजली । ८ फौलाद धातु, स्टील । होरा । १० हीरा वज्रभास-वि० दृढ़, मजबूत । काटने का उपकरण ।११ एक प्रकार का खंभा (वास्तु विद्या), वज्रमुस्ठि-स्त्री० [सं० वज्र मुष्ठि] १ इन्द्र । २ तीर चलाने समय १२ चन्द्रमा की एक बनावट । १३ व्यूह रचना विशेष । की हाथ की मुद्रा।
बनरोहू ।
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