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बरनानियो
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( ५६६ )
बरखायियों रागियो-१० [सं०] वरां] रूप-रंग व वराधिप, व्रणाधिप पु० [सं० वधि | ब्रह्मादि वर्णों के प्रधिपति ग्रह ।
वरणामद, वरणाद-पु० १ सूर्य । २ इन्द्र । ३ वरुण । ४ जल । वरणाव, वरणाव- देखो 'वरन' ।
वणास्रम, वरणास्रम - पु० [सं० वर्णाश्रम] १ प्रायं संस्कृति के अनुसार समाज की व्यवस्था । २ ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास प्राश्रम
वरणि, बरणि-देखो 'बरणी'।
वरणियो, बरणियो पु० डाभ का बना मोटा रस्सा |
बरणी, दरणी-वि० [सं० व
१ व का, वर्ग संबंधी। ३ रंग-रूप से युक्त । स्त्री०
२ किसी रंग से संबंधित
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१ यज्ञ, अनुष्ठान श्रादि में नियोजित ब्राह्मण मडली । [सं०] बखिनी] २ अनुष्ठान विधि साधना ३ स्त्री मिनी पत्नी हल्दी ५ नियोजन की क्रिया। बरलोस्ट बरोहित पु० छंद शास्त्र की एक किया। वरणी, वरणी - वि० [सं० वणिन् ] ( स्त्री० वरणी) १ वर्ण का, वर्ण संबंधी । २ किसी वर्ण या जाति से संबंधित । ३ रंग संबंधी । ४ रूप-रंग से सम्पन्न ।
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( क्रि० [सं० राम्] १ वरण करना, अंगीकार व स्वीकार करना, शादी करना २ चुनाव करना,
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पसंद करना । ३ स्वीकार करना, मानना । ४ वरदान या प्राशीर्वाद देना । ५ निगलना, खाना । ६ मांगना, याचना
करना ।
(बी) (बी) देखो 'बरसण' (बी)। वरती से पानी की मोट निकालने हाथ बांधने का चमड़े का मोटा रस्सा । २ नट क्रीड़ा में काम आने वाली रस्सी या डोरा । ३ देखो 'विरंत' । ४ देखो 'व्रत' ५ देखो 'व्रती' |
वरतरण, वरतरण- १ देखो 'बरतरण' । २ देखरे 'बरतन' । वरण (सी), बरलि देखो 'बस्ती'।
वरती वरतलो-देखो 'बरतो'
वरती (बौ), वरतणो (बो) - क्रि० १ घूमना, फैलना २ विद्यमान होना, वर्तमान होना । ३ देखो 'बरतणी' (बी) वरतन तन १ देखो 'वेतन' २ देखो 'बरतन' । वरमाण - (मान), वरतमाण- वि० [सं०] वर्तमान ]
विद्यमान, मौजूद । २ जीवधारी, जिन्दा । ३ जो अपने पस्तित्व या सत्ता में हो। ४ घूमने-फिरने वाला। ५ प्रभावशील लागू । - पु० १ व्याकरण में क्रियामों के तीन कालों में से एक 1 २ मोजूदा समय । ३ समय, वक्त ।
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बरवाइ
'घरतमा देखो 'राम'
वरतर, वरता देखो 'वरत' वरताड़ली (बी) बरताली (बी) व्रतानी (बी) देखो 'बरता (बी)।
वरतार, वरतार-१ देखो 'भरतार' २ देखो 'बरतारी'। बरतारी-देखो 'प्रत्तोरि' -
बरतारी, ब्रतारी पु० [सं० बुराचार ] १ प्रयोग इस्तेमाल करने की क्रिया । २ समय, वक्त । ३ देव योनि या प्रेत योनि में गई महात्मा का किसी प्राणी के शरीर में प्रवेश एवं उसकी क्रियाएं । ४ छंद रचना संबंधी पद्य विशेष । ५ प्राधार, सहारा ।
वरताव, बरताव देखो 'बरताय'
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वरतावणी (बी), वरतावणी (बी) - देखो 'बरताणी' (बो) । बरतियो, वरतीयों बरतियो, बरतियाँ देखो भरतियों'। वरतुळ, वरतूळ - पु० [सं० वतुल] १ चक्कर, गोला । २ चक्र । ३ वात चक्र । वि० चक्करदार, गोल ।
वरत, वरत-१ देखो 'वरत' । २ देखो 'व्रत' । ३ देखो 'व्रती' । वरसणी (बी) - देखो 'बरतणी' (बी) | वरत्तिकाविदु-पु० [सं० वर्तिकाविदु] हीरे का एक दोष । वर वर वरत की बरस को देखो 'वर'। । । वरश्म-पु० [सं०] बन्] [१] मार्ग, पच रास्ता, राह २ सड़क ३ पगडंडी । ४ पंथ । ५ स्थान। ६ लीक, रूढ़ि । ७ पद्धति परम्परा, चलन ८ किनारा, तट
वत्री स्त्री० [सं०] वर्तनि] मार्ग, रास्ता, सड़क
- वि० [सं०] १ वरदाता । वस्दान दाता । २ शुभ -पु० देवता २ देखो 'विरुद्ध' ।
रात स्त्री० [सं०] उदात्-परद ] सरस्वती, शारदा वरदपत (पति) - देखो 'विरुदपति' ।
वरवळ, वरबल (ळि, लि) बरबळ, वरवल--पु० १ दूल्हा, वर । २ वर पक्ष । ३ बारात ।
वरदांगी, वरवारणी-देखो 'वरदायिणी' ।
बरदान, वरदांन पु० [सं० वरदान ] १ प्रभीष्ट की पूर्ति हेतु इष्ट देव द्वारा प्राप्त सिद्धि । २ प्राशीर्वाद । ३ प्रभीष्ट वस्तु ।
वरांनी वरदांनी वि० १ वरदान देने वाला, मनोरथ सिद्ध करने वाला । २ सिद्धिधारी ।
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वरदा, वरदा स्त्री० १ कुंवारी कन्या, लड़की । २ प्रश्वगधा |
३ एक नदी का नाम । ४ मड़हुल ५ सरस्वती, शारदा । बरवाह, बरवा, बरदाई, बरबाद बाइक वाई वि० [सं०
वरदात] १ वर देने वाला, वरदाता । २ श्रेष्ठ, उत्तम ।