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लूणी
( १४०।
लूणियो
लूणो (बो)-देखो 'लुवणो' (बो)।
लूगड़ी-स्त्री० स्त्रियों की ओढ़नी। लूथ-देखो 'लोथ'।
लगड़ (इ, डो) लगडू, लघडी-पु. १ मोढने का वस्त्र विशेष। लू दो-पु० गीली मिट्टी प्रादि का पिंड, लौंदा।
२ वस्त्र, कपड़ा। लूधियो-पु. सायंकाल का अंधरा।
लूघा-स्त्री० मुसलमानों की एक जाति ।-वि० ढीला-ढाला । लूब-स्त्री० [सं० लंबुक] १ माभूषण में लटकाई जाने वाली लूचारण-पु. एक प्रकार का कुत्ता।
छोटी लड़ी। २ ऊंट या घोड़े के चारजामें के लटकने वाला | लूट-स्त्री० १ बलपूर्वक कोई वस्तु या धन लेना क्रिया, डाका, कोड़ियों का गुच्छा, झूमका । ३ वस्तुओं का पुज। ४ वर्षा डकैती। २ चोरी, अपहरण । ३ इस प्रकार से लिया गया को फूहार। ५ दीपक रखने हेतु दीवार में लगाया हुमा सामान । ४ खुली वस्तु को अधिक से अधिक लेने की क्रिया। पत्थर । ६ छज्जे के नीचे के पत्थर में खोदे हुए गोले । ५ अधिक लाभ उठाने की प्रवृत्ति ।
७ झूले की प्रवरोह गति । ८ नारियल की जटा । चोटी। । लटक-वि० लूटने वाला, लुटेरा । लू बड़ी-पु० जटा या चोटी वाला नारियल ।
लूटखसोट-स्त्री० १ छीना-झपटी। २ लूटना क्रिया । खूबब-वि० १ सुसज्जित, शृंगारित, । २ पाच्छादित, प्रावे लटडू-पु. लुटेरा, डाकू।। ष्टित ।
लटणी (बो)-क्रि० [सं० लुट्] १ लूटना, डाका डालना । २ कोई लूबरणौ (बी)-क्रि० १ लटकना, झूमना । २ लटक कर झूलना।
वस्तु या धन बलात् लेना, छीनना । ३ बलपूर्वक चोरी ३ लिपटना, चिपटना। ४ आक्रमण या हमला करना।
करना। ४ धोखे या बईमानी से कोई वस्तु या धन लेना, ५ घेरना, पावेष्टित करना। ६ लूटना । ७ उमड़कर
कमाना । ५ छीनना, झपटना । ६ खुनी वस्तु को अधिक से पाना ।
अधिक लेना। ७ मजा, धानन्द या रसास्वादन करना । लू बल'बाळी-वि० जिसके किनारों में लूबें लगी हों।
८ किसी साधन या सुविधा का नाजायज उपयोग करना । लूबालूब-वि० 'लूबों' से परिपूर्ण ।
६ मोहित या प्राकर्षित करना। १० व्यापार में ठगी या लूबाळो-देखो 'लुबाळो' ।
चोर बाजारी करना । ११ नष्ट करना, बरबाद करना । लू बो-पु०१ धन, सम्पत्ति । २ लाभ ।
लूटमार-स्त्री० लूटने व मारने की क्रिया, तबाही। लूम-देखो 'लूम'।
लुटारणौ (बी), लूटावणो (बी)-देखो 'लुटारणो' (बो)। लूमभूम-देखो 'लूबझूम'।
लटी-स्त्री० चिपके या पिचके कानों वाली बकरी । लू मणौ (बो)-देखो 'लूबरणो' (बो)।
लुटेरो- देखो 'लुटेरों'। लूमी-देखो 'लूम'।
लूठानइ (ई)-देखो 'लाठी'। लू, लअ-पु. १ लोप । २ काल । ३ प्रलय । ४ छेदन । ५ गुदा।।
लड-वि० बदमाग, शैतान । ६ रुद्र ।-स्त्री०७ ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली प्रत्यन्त गर्म
लूडणी (बौ), लूडारणौ (बौ), लूडावरणी (बो)-क्रि० लड़खड़ाना । हवा । ८ पोंछना क्रिया।
डिगना। लूंअगो (बी)-क्रि० पोंछना ।
लूण-पु. नमक, क्षार। लूप्रर-देखो 'लूर'।
लगणौ (बो)-क्रि० १ भेड़ों की ऊन कतरना, काटना । २ फसल लूकड़ी-देखो 'लांकी'।
काटना। लूकमुख-पु० एक देश का नाम । लूको-पु. १ लुच्चा, बदमाश । २ लफंगा, चोर ।
लगपण (णो)-पु० स्वामी भक्ति । नमक हलाली ।
लगहरांम-वि० कृतघ्न, दुष्ट । बईमान । लूखट-पु० वृक्ष विशेष । लखाणो (बो)-क्रि० सूखना, रूखा होना, शुष्क होना ।
लूणहरांमी-स्त्री० कृतघ्नता, बईमानी। लखाणो, लखासरणी, लूखाहणी-वि० १ किसी परिवार में दूध |
लगाई-देखो 'लुणाई। " दही पादि का पूर्ण प्रभाव । २ ऐसे मवेशियों का पाभाव। लूणागर-पु० लूणी नदी का एक नाम । लखौ-वि. (स्त्री० लूखी) १ जिसमें चिकनाहट या स्निग्धता न लणाणी (बी), लूणावरणी (बी)-क्रि० १ भेड़ की ऊन कतर. हो। २ पौष्टिक तत्त्व की कमी वाला। ३ निस्सार ।
| वाना । २ फसल कटवाना । ४ नीरस, फोका । ५ शुष्क, रूखा । ६ अप्रिय, अरुचिकर । लरिण-पु० मांस, गोश्त । ७ बिना चुपड़ा। जो नम्र या शिष्ट न हो। ९ स्नेह, दया | लरिणयो-पु० । एक प्रकार का घास । २ मक्खन ' ३ वर्षा जैसी कोमल भावनामों के प्रभाव वाला । १० खुरदरा। । कालीन एक वनस्पती ।-वि० नमक का बना, नमकीन ।
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