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ललीम
। ५२२
लवरगाह
ललाम-पु० [सं० ललामः] १ घोड़ा। २ घोड़े का प्राभूषण | ललूना-देखो ललना'।
विशेष ।-वि. १ सुन्दर, रमणीय । २ श्रेष्ठ, सत्तम। | ललोचपी, ललोपो, ललोचप्पो, ललोपती-पु.१ चापलूसी, च टु.
३ प्रधान, मुख्य । ४ लाल रंग का। ५ देखो 'लीलाम'। कारिता, खुशामद । २ चिकनी-चुपड़ी व मीठी बातें। लला-पु. १ एक पौधा विशेष । २ देखो 'लालो'।
३ फुसलाने की बातें । ४ हाथाजोड़ी। ललाइ (ई)-स्त्री० लालिमा ।
ललोपतो-क्रि० वि० बिना पते, बेखबर ।-पु०मेल-जोल, संपर्क । लळाक-क्रि० वि० लचक के साथ, लचकता हुमा ।
ललो-पु.१'ल' वर्ण । २ लाली। ललाड़-देखो 'ललाट'।
लल्ल-देखो लल'। ललाट-पू० [सं०] १ माथा, मस्तक, भाल । २ भाग्य, तकदीर ।
लल्लउ-देखो 'ललो'। ३ भाग्य के लेख, तकदीर ।
लल्लवळ- देखो 'लळवळ'।
लल्लू-देखो 'लालो'। ललाट-पटळ-पु० [सं० ललाट+पटल] माथे का तल, भाल । ललाटरेखा-स्त्री० [सं०] भाग्य की रेखा, प्रारब्ध ।
लल्लूचप्पू-देखो 'ललोचपी'। ललाटाक्षि-स्त्री० रावण की अनुचरी एक राक्षसी।
लवंग-पु० [सं०] १ एक वृक्ष जिसकी कलियां व फूल औषधि, ललाटि-देखो 'ललाट'।
मसाला प्रादि में काम पाती हैं । २ इस वृक्ष के फूल व कलियां ललाणी (बो)-देखो 'ललावणो' (बो)।
३ स्त्रियों के नाक का प्राभूषरण विशेष। ४ कानों का लळावट-स्त्री० झुकाव, रुख ।
पाभूषण।
लवंगादिचूरण-पु० लवंग के योग से बना चूर्ण (पौषधि)। लळावरणौ (बी)-क्रि० मोड़ना, टेढ़ा करना, झुकाना ।
लवंगादिवटी-स्त्री. औषधि विशेष । ललावणी (बी)-क्रि० टिलाना, फुसलाना ।
लवंगि-देखो 'लवंग' । ललित-पु० [सं०] १ शृगार रस में शरीरांगों के सुन्दर हाव
लवड-पु. दीवारों से उतरने वाली चूने प्रादि की पपड़ी। भाव । २ एक विषम वर्ण-वत्त । ३ संगीत में एक राग । ४ एक गौण प्रलंकार । ५ एक वणिक छंद । ६ बालक ।
लब-स्त्री० [सं०] १ भेड़ की ऊन । २ ऊन उतारने का कार्य। ७ एक गंधर्व ।-वि०१ सुन्दर, कमनीय। २ कोमल, नाजुक
३ पल्प मात्रा, लेश मात्रा । ४ कवि, पंडित । ५ काल का
एक छोटा भाग । ६ श्रीराम का एक पुत्र । ७ लवा नामक ३ शुभ, कल्याणप्रद ।
एक चिडिया । ८ लवंग, लोंग । ९ सुरा गाय की पूछ का ललितकांता-स्त्री० [सं०] दुर्गा, देवी।।
बाल । १० जायफल । ११ देखो लिव' ।-वि.१ किंचित ललितकीसवर-पु० हनुमान, बजरंग।
सूक्ष्म । २ ममान, सदृश । ललितगरभेसर-पु० [सं० ललित गर्भेस्वर] एक प्रकार का द्रव्य ।
लवक्रव-वि० भयभीत, मातंकिंत । ललितलता-स्त्रो० माधवी लता।
लवण-पु० [सं० लवणं] १ नमक । २ क्षार । ३ एक राक्षस ललिता-स्त्री० [सं०] १ राधिका की मुख्य सखियों में से एक ।
लवणासुर । ४ समुद्र, सागर । ५ एक नरक का नाम । २ दक्ष सुता सती । ३ श्रीकृष्ण की एक पत्नी। ४ रमणी। --वि०१ नमकीन, खारा । २ लावण्य युक्त । ५ स्वेच्छाचारिणी स्त्री। ६ दुर्गा देवी का एक रूप । लवणत्र-० [सं० लवण-यत्र] प्रौषध बनाने का पात्र विशेष । ७ कस्तूरी, मुश्क । ८ एक वर्ण वृत्त विशेष ।
लवणत्रय-पु० [सं०] सेंधव, विट और संचल, तीनों लवणों ललिताई-स्त्री० सौन्दर्य, मनोहरता।
का समूह । ललितापंचमी-स्त्री० [सं०] पाश्विन शुक्ला पंचमी तिथि। लवणधनु-स्त्री० दान के लिये बनाई गई नमक की गाय । ललितासस्ठी-स्त्री० [सं० ललिता-षष्ठी] भादव कृष्णा षष्ठी लवणभास्कर-पू० [सं०] एक प्रकार का चूर्ण । तिथि।
लवणवरस-पु० [सं० लवणवर्ष] कुश द्वीप के अन्तर्गत एक ललितासप्तमी, ललितासातम-स्त्री० [सं०] भादव शुक्ला सप्तमी प्रदेश । तिथि।
लवणसमंद (समुद्र)-पु० विशेष खारे पानी का समुद्र। ललितोपमा-स्त्री० [सं०] उपमा अलंकार का एक भेद । लवणांतक-पु० [सं०] १ लवणासुर को मारने वाला, शत्रुध्न । ललिता-देखो 'ललिता'।
२ नींबू । ललित्थ-पु० [सं०] १ एक प्राचीन राजा । २ कौरव पक्षीय एक | लवणा-स्त्री. १ दीप्ति, प्रामा, कांति । २ देखो 'लवल्या'। राजा । ३ एक लोक समूह (प्राचीन)।
लवणाइ (ई)-स्त्री० [सं० लावण्य] १ सौन्दर्य, सुन्दरता । ललूडो-देखो 'लालो'।
. २ लूणी नदी का एक नाम ।
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