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लाहरणी
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( ५३३ )
लाहरणो (बी) - देखो 'ललरणी' (बो) । लाहरा, लाहरे, लाहरं - देखो 'लारै' ।
लाहानु र वि० [फा० लाइ + घ० नूर] कच्चे रेशम का बना,
चमकदार ।
वस्त्र ।
साही देखो 'साहए'। लाहु- देखो 'लाभ' ।
लाड़ो लाड़ो देखो 'सामू'/'लघु'
लाहाली-देखो 'सिहानु
लाहि स्त्री० १ वनस्पती विशेष २ देखो 'लाही' | साहित्य- देखो 'लाहए ।
लाही स्त्री० [सं० लाक्षा] १ लाख, चपड़ी । २ एक प्रकार का
लाहोरणी स्त्री० एक प्रकार की बंदूक । लाहोरी पु. १ एक प्रकार का शिकारी कुत्ता २ लाहौर में निर्मित एक बंदूक विशेष । वि० लाहौर का, लाहौर संबधी | लाहौर में बना । —नमक - पु० सेंधा नमक । साहो-देखो 'साम', 'लाबी'।
माहोल - स्त्री० [अ०] घृणा व प्राश्चर्यं सूचक शब्द । अफसोस । लिंग - पु० [सं० लिंगम् ] १ चिह्न, निशान । २ नर-मादा के पहचान का चिह्न, लक्षण । ३ नर-मादा की पहचान सूचक शब्द ! ४] किसी बात, वस्तु की जानकारी का साधन हेतु (न्याय ५ प्रमाण, साक्षी । ६ रोग के लक्षण ७ शिव लिंग । ८ देव प्रतिमा । सूक्ष्म शरीर । १० मूल प्रकृति (सांख्य ) । ११ एक प्रकार का संबंध या सूचक । १२ जननेन्द्रिय शिश्न ( पुरुष ) । १३ प्रात्मा का सूक्ष्म रूप । १४ लिंगायतों द्वारा गले में लटकाई जाने वाली मूर्ति १५ स्याकरण में शब्दों का वर्गीकरण :
लिगटी- देखो 'लींगटी' । लिगतियो-देखो 'रिगतियों' । लिंगदेह - स्त्री० सूक्ष्म शरीर लिगनास पु० [सं०] एक प्रकार का नेत्ररोग
[सं०] स्थूल शरीर नष्ट होने पर मिलने वाला
।
लिंगपुराण - स्त्री० [सं०] शिव पूजा की विधि एवं माहात्म्य संबंधी एक पुराण ।
लिंगपूजा-स्त्री० शिव लिंग की पूजा । लिगसरीर देखो 'लिंगदेह' ।
लिंगायत - पु० १ एक शैव सम्प्रदाय विशेष । २ इस सम्प्रदाय का अनुयायी । लिगूर देखो 'लंगूर'।
लिगेंद्रिय, लिद्री- पु० [सं० लिगेन्द्रिय ] पुरुष जननेन्द्रिय शिश्न । लियो-५० वस्त्र विशेष ।
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लिखाण
लिया पु० लवर रियासत में बहने वाली एक नदी विशेष । लिपी (ब)- देखो 'लीपणो' (बो) ।
लि स्त्री० १ दासी । २ बिछी । ३ सखी सहेली । - पु० ४ सर्प, सांप ५ चूहा ।
- देखो 'लियण' ।
लिए - अव्य० व्याकरण में सम्प्रदान कारक में प्रयुक्त होने वाला शब्द हेतु निमित्त | वास्ते ।
निकली स्वी० १ मुहल्ले के बीच रखी रहने वाली जूठन प्रादि डालने की पत्थर की कूडी । २ लिक लिक करने की क्रिया या भाव। ३ खाते-पीते समय कुत्ते के मुंह से होने वाली प्रावाज ।
किरण (दो) क्रि० १ कुत्ता, सिवार धादि की कुछ पीने की क्रिया करना । २ देखो 'लिखरगो' (बो) । किलि देखो लकलक'
लिकारणी (बौ), लिकावरणौ (बो) - क्रि० १ कुत्ता, बिल्ली प्रादि का मुंह लगवा देना, पिला देना । २ देखो 'लिखाणी' ( बौ)। लिक्खर (ब) - देखो 'लिखणी' (बो) ।
(a) लिखाण (यो) देखो 'लिखाणी' (बी)। लिख- देखो 'लीख' । लिखरण- देखो 'ति ।
लिखलो पु० लिखने की क्रिया या भाव।
rant (1) ० १ कलम यादि से पट्टी या कागज पर कुछ
लिखना । २ अपने विचारों प्रादि को लेखबद्ध करना, लिपिबद्ध करना । ३ तीक्ष्ण या नुकीली वस्तु से कुछ अंकित करना । ४ लिखकर प्रेषित करना । ५ लेखन कार्य करना । ६ साहित्य सृजन करना । ७ कूंची, ब्रश प्रादि से चित्र बनाना । ८ भाग्यवश संयोग- कुयोग बनना ।
प्रारब्ध बनना ।
लिखत ० १ लिखने की क्रिया या भाव। २ विधामा लेख इबारत । ३ नियम । ४ लिखा हुधा प्रामाणिक दस्तावेज । ५ भाग्य का लेख ।
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देखो''।
-
-भरतार=
लिखमी, लिखम्मी- देखो 'लक्ष्मी' । - नारायण 'लक्ष्मीनारायण' । - नाह = 'लक्ष्मीनाथ' । बर' लक्ष्मीवर' - 'लक्ष्मीभरतार' । - वंत 'लक्ष्मीवंत' वर = लक्ष्मीवर ' । लिखाई (ई) - स्त्री० १ लिखने की क्रिया या भाव। २ लिखने का तरीका ढंग । ३ लिखने का पारिश्रमिक । ४ चित्रांकन । लिखाणौ ( बौ) - क्रि० १ कलम आदि से पट्टी या कागज पर लिखाना । २ लेखबद्ध कराना, लिपिबद्ध कराना । ३ तीक्ष्ण या नुकीली वस्तु से कुछ अंकित कराना । ४ लिखकर प्रेषित कराना । ५ लेखन कार्य कराना ।
कुछ