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लाला
लाहरगो
लाला-पु. १ कायस्थों का एक संबोधन । २ बनिया, व्यापारी। लावणी-पु. पड़ोसियों एवं संबधियों में बांटा जाने वाला
३ छोटों के लिये स्नेह युक्त संबोधन । ४ प्रभाव, कमी । मिष्ठान्न ।
५ मुश्किल, मुसीबत । ६ ध्यान, समाधि । ७ देखो 'लालसा'। लावणो (बो)-देखो 'लाणो' (बी) लालाटि-पु० १ भृगु कुलोत्पन्न एक गोत्रकार। २ ललाट । लावण्ण, लावण्य लावण्यता-पु० [सं० लावण्यता] १ सुन्दरता, लालाटिक-पु० [सं०] १ सावधान अनुचर । २ निठल्ला। सौन्दर्य । २ मोहकता, मनोहरता । ३ चातुर्य, सुघड़ता ।
३ एक प्रकार का प्रालिंगन ।-वि० १ माल संबंधी। ४ नमकीन पना।
२ भाग्यवादी । ३ नीच, कमीना । ४ निरर्थक । | लावण्यवती-स्त्री. १ सुदर अंगों वाली स्त्री। २ रथंतर कल्प लालमिक-पु० एक नरक का नाम ।
के राजा पुष्पवाहन की पत्नी । लालाभक्ष-पु० एक नरक का नाम ।
लावन्न, लावन्य-देखो 'लावण्य' । लालासख, लालासव, लालास्रव, लालास्राव-स्त्री०१ मकड़ी। लावर-पु० कटु शब्द, क्रोधपूर्ण भाषा ।
२ मकड़ी का जाला। ३ मुह से लार गिरने की क्रिया। | लावरी-पु. कुत्ता, श्वान । लालिमा-स्त्री० ललाई सुर्थी, अरुणता।
लावल्द-वि० [अ०] नि: संतान । लाळियौ-पु०१ शिशुनों की छाती पर लटका रहने वाला एक | लावल्दी-स्त्री० [अ०] नि: संतान होने की दशा या अवस्था।
छोटा वस्त्र । २ ग्वार के डंठल व पत्तियां । ३ देखो 'लाळो'। लावा-वि० खराब, बुरा। ४ वह बच्चा जिसके लार टपकती हो।
लावारिस-वि० १ जिसका उत्तराधिकारी या वारिस न हो। लाळी-स्त्री. १ बाजरी या ज्वार की बालों पर पाने वाली बारीक २ जिसका स्वामी, मालिक न हो। फूबी, कपी । २ भूसे का बारीक भाग । ३ देखो 'ल्याळी'।
| लावाळी-स्त्री० 'रहट' का एक उपकरण । लाली-स्त्री० १ लाल रंग की झांई, ललाई, लालिमा; सुर्थी।
लावालूत्र-स्त्री० लबालीपन । २ प्रतिष्ठा, इज्जत । ३ जीभ, जबान । ४ रौनक, शोभा।
लावो-पु० [सं० लवा] १ एक पक्षी विशेष । [सं० लाभ] लालुरणो (बो)-देखो 'लालरणो' (बो)।
२ अानन्द,मौज । ४ लाभ । ४ नव-वधू या पुत्री को ससुराल लालु.लालू,लालूडो-प्रव्य०१ पादपूरक अव्यय । २ देखो 'लालो'।
से लाने वाला व्यक्ति । ५ ज्वालामुखी का लावा। ६ बुरा लालूवाड़-स्त्री० एक प्रकार की तलवार ।
शकुन । लाळो-पु० १ घोड़े की मोरी के नीचे लगने वाली कपड़े की पट्री |
लास-स्त्री० १ मृत शरीर, शव । २ पशुओं को भूसी चराने का ___ २ घोड़े के मुह का छोर।
काष्ठ का उपकरण। ३ दल, समूह । ४ देखो 'ल्हास' । लालो-पु० १ पुत्र, बेटा। २ लडका, बालक । ३ स्नेहयुक्त |
५ देखो 'लासू। संबोधन । ४ कायस्थ, बनिया प्रादि का संबोधन । लाल्हरणौ (बौ)-देखो 'ललरणो' (बो)।
लासक-पु० [सं०] (स्त्री० लासकी) १ मोर, मयूर । २ मटका,
घड़ा । ३ नाचने वाला । ४ पक्षाघात जैसा कोई रोग । लाल्हरियो-पु. ऊंटों के खाने का पौधा विशेष ।
लासरियेगाळी-पु० बिना मूछों वाला युवक । लाल्हरौ-पु० 'ल' वर्ण या प्रक्षर ।
लासरीक-वि० [अ०] जिसका सहायक न हो, नि: सहाय, लाव-स्त्री० १ कूए से मोट खींचने का मोटा रस्सा ।-पु० २ लाभ।
प्रसहाय । लावक (कि, की)-पु० [सं०] एक प्रकार का पक्षी।-वि० लासलूसणो-क्रि० वि० पोंछने की क्रिया, पोंछ । १ लाने वाला । २ काटने वाला । ३ योग्य, लायक ।
लासियो देखो 'ल्हासियो' । लावडो-पु. लोमड़ी। लूमड़।
लासू लासूड़ो-पु०१ फोग वृक्ष की पतली टहनी । २ वृक्ष के लावरण-पु०१ गायन विशेष । २ नमकीन पदार्थ। ३ रोटी से | तार ।
लगाकर खाने का पदार्थ । ४ देखो 'लावण' ।-वि० नमकीन। लास्य-पु० [सं०] एक प्रकार का नत्य । लावणता-देखो 'लावण्यता'।
लास्यप्रिया-स्त्री० एक देवी विशेष । लावरिणयो, लावणीयो-पु० बैरों की एक अवस्था या इस अवस्था लाह-पु० १ दौड़ में छ नांग लगाकर प्रागे निकल जाने वाला में गये हुए बैर।
घोड़ा ।-स्त्री० २ छलांग, कूद। ३ देखो 'लाख' । ४ देखो लावणी-स्त्री० १ एक चतुस्पदी छंद । २ गीत या ख्याल गायन 'लाभ' । ५ देखो 'ल्हास' ।
की एक शैली। ३ तारक छंद का एक भेद । [सं० लव] | लाहण-स्त्री० एक जाति विशेष । ४ फसल काटने की विधि विशेष ।
लाहणी (बो)-देखो 'लाभणो' (बी)।
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