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लवरणाकार
। ५२३ )
लस्सी
लवणाकार-पु० [सं०] समुद्र, सागर ।
लवी-पु. १ भवन निर्माण में दीवार नापने का उपकरण लवरणाचळ-पु० [सं० लवणा-चल] नमक का पहाडनुमा ढेर। । विशेष । २ एक वृक्ष विशेष । ३ भुना व फूला हुपा अनाज लवणालय-पु० स०] १ मथुरा का एक नाम । २ नमक का दाना । ४ तीतर जाति का छोटा पक्षी। का घर।
लस-पु० [सं० लस्] १ चिपचिपाहट, चिपकने का गुण । लवणासुर पु० [सं०] मधु राक्षस व रावण की मौसी का पुत्र २ लबी लकीर ।-वि० पतला व लम्बा। एक राक्षस ।
लसकर, लसकरि-पु० [फा० लश्कर] १ सेना. फौज । २ समूह, लवरिणम, लवरिणमा-स्त्री० [सं० लवरिणमन्] १ सुन्दरता, ___झुण्ड । ३ फौज का सामान । ४ सेना का पड़ाव, छावनी। लावण्य । २ नाजुकता, कोमलता।
५ जहाज पर काम करने वालों का दल । ६ भाला, बरछा । लवणेस्वर-पू०म० लवगेश्वर] शिव का एक नाम ।
७ लुटेरा। लवणोद, लबरपोवक (दधि)-पु० [सं०] समुद्र, सागर । | लसकरी-पु० १ सेनापति । २ जहाज संबंधी। ३ देखो 'लसकर'। लवणी-पु. १ कनपटी । २ एक प्रकार की घास ।
लसक्कर-देखो 'लसकर'। लवणी (बो)-क्रि० [सं० लवनं] १ पक्षियों का बोलना, ध्वनि | लसड़को-पु० १ रगड़, खरोंच ' २ टक्कर, धक्का, झटका।
करना । २ गाय का रंभाना। ३ कुत्तों का भौंकना ।। ३ सिल पर कोई चीज पीसने की क्रिया। ४ सहारा, ४ मेढ़क का दर्शना । ५ भेड़ की ऊन कतरना ।
मदद । ५ खुशामद, चापलूसी। ६ फडकना।
| लसण-पु० १ प्याज जाति का एक अन्य पौधा व इस पौधे के लवधवरण-देखो 'लब्धवरण'।
नीचे को गांठ । २ जन्म से ही,शरीर पर अंकित कोई दाग । लवधुलउ. लवधुलो-वि० [सं० लुब्ध] प्रासक्त, लुब्ध।
३ मानक एक दोष । ४ एक रत्न विशेष । लवन-स्त्रो० १ घेदन क्रिया । २ लवण ।
लसरिण-स्त्री. १ भाव-भंगिमा। २ लसण । लवबांन-देखो लोबान'।
लसणियाहींग-स्त्री० एक प्रकार की हींग । लवरु (रू)-पु. एक पक्षी विशेष ।
लसणियो-देखो 'लसण'। लवल-स्त्री० अग्नि की ज्वाला, शिखा।
लसणी-स्त्री० १ एक प्रकार की गाय । २ घर, दर । लवलबी-देखो 'लबलबी' ।
लसणीग्रौ-देखो 'लसण'। लबळी-पु. १ हरफखोरी नामक वृक्ष व उसका फल। २ एक
लसणौ (बौ)-क्रि० १ शोभित होना, शोभा देना । २ लज्जित विषम वर्ण-वृत्त । ३ एक लता विशेष ।
या शर्मीन्दा होना । ३ युद्धस्थल से भागना । लवलीन-वि० [सं० लयलीन] १ तल्लीन, मग्न, तन्मय ।
लसन-देखो 'लसण'। २ लयलीन।
लसपस-देखो 'लचपच'। लवलेस-वि० [सं० लव-लेश] किंचित, लेशमात्र ।
लसरको-देखो 'लसड़को' । लवल्पा-स्त्री० १ लगन, सुधि । २ इच्छा, उत्कण्ठा । ३ एका
लसलसाट, लसलसाहर-स्त्री. चिपचिपाहट । ग्रता, तन्मयता।
लसलसागो (बी)-क्रि० चिपचिपाना, चिप-चिप करना । लवाजमो, लवाजीबो-पु० [अ० लवाजिम] १ राजा-बादशाह
लसलसौ-वि० (स्त्री० लसलसी) चिपचिपा । की सवारी के साथ चलने वाला साज-सामान, नौकरचाकर प्रादि । २ सामग्री, सामान ।
लसारणी (बो), लसावणो (बौ)-क्रि० १ शोभित करना।
२ पराजित कर भगाना। ३ शर्मीन्दा करना, फीका पटकना। लवार, लवारको-पु० १ पशु का छोटा बच्चा । २ देखो 'लुहार'। लवारणव-पु० [सं० लवाणेव] एक क्षेत्रपाल ।
लिप्त करना। लवारियो, लवारी-१ देखो 'लुहार' । २ देखो 'लवार'।
लसी-स्त्री. १ चिपचिपाहट, चेप । २ लस्सी। लवावसप्पो लवावसरपी-पु० जो कर्म बंधन वाले अनुष्ठानों से | लसोका-पु. [सं० लसिका थूक, लार। दूर रहता हो।
लसीलो-वि० (स्त्री० लसीली) १ चिपचिपा । २ सुन्दर । लविंग, लवोंग-देखो 'लवग'।
लसूबौ-पु. १ लालिमा। २ चमक । लवीरी-स्त्री० एक प्रकार की सब्जी। .
लसोड़ो-पु० गूदे का पेड़ व फल। लवेष-देखो 'लिबास'।
लस्कर-देखो 'लसकर'। लव-देखो 'लव'।
लस्सी-स्त्री० दही का गाढा मट्ठा, पेय पदार्थ ।
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