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लदारौ
लपेटको
कराना। ४ सामान या कार्य का अधिक बोझ डालना। कराना,संलग्न करना । २ स्पर्श कराना, छुवाना। ३ प्रावत ५ व्यतीत कराना । ६ पलायन या प्रस्थान कराना ।
करना, प्रावेष्टित करना । ४ लिप्त कराना। ५ प्रालिंगन लवारी-पु० गुदा द्वार ।-वि० लदने वाला।
कराना। लदाव-पु० १ लादने की क्रिया या भाव । २ बोझ, भार। | लपटो-पु.१ कम घो का, अवलेह की तरह का हलवा । २ इसी ३ छत पाटने की एक क्रिया विशेष ।
तरह का कोई पदार्थ । ३ गीली व नर्म वस्तु । लदावणी-वि० (स्त्री० लदावणी) लदाने वाला।
लपणी बो)-देखो लपकरणो' (बी)। सदावणी (बौ'-देखो 'लदाणी' (बी)।
लपतरो-पु. १ मांस सहित त्वचा का टुकडा । २ जूता । लद्दगो (बो)-देखो 'लदणी' (बो)।
लपता-छिपता-क्रि० वि० छिप-छिप कर। लद्द -पु० भार ढोने वाला पशु । बोझा उठाने वाला। लपतोळणी (बी)- क्रि०लथ-पथ करना । लथ-पथ होना। लख-वि० [सं० लब्ध] १ मुग्ध, मोहित । २ मिला हुमा, प्राप्त । लपत्तड़-वि० फटा हुआ जीर्ण-शीर्ण । लद्धणी (बी),लधरपो(बी),लध्धरणो(बी)-देखो 'लाभणी' (बी)। लपन-पु० [सं०] १ मुंह, मुख । २ भाषण, कथन । लप-स्त्री. १हाथ की अंगुलियों को परस्पर सटाकर पात्र की लपना-स्त्री. १ जीभ, जिह्वा । २ बोली।
तरह बनाई गई हाथ की मुद्रा, अंजली, पसर । २ वस्तु की लपर- वि० वाचाल, बातूनी। उतनी मात्रा जो उक्त स्थिति में हाथ में पाती हो । ३ बेंत
लपरक, लपरको-पु०१ सर्प की तरह बार-बार जीभ निकालने की पादि लचीली वस्तु को हिलाने से उत्पन्न ध्वनि । ४ बरछी,
क्रिया । २ बार-बार बीच में (बात के) बोलने की क्रिया । तलवार प्रादि की चमक या गति । ५ ध्वनि विशेष ।
३ निरर्थक बात करने की क्रिया । ४ जीभ से चाटने की -क्रि० वि० प्रति शीघ्र, लपक कर। तुरंत ।
ध्वनि। लपक-स्त्री०१ चमक, कांति, प्राभा । २ स्फूर्ति ।
| लपरणो (बो)-क्रि० १ जीभ से चाटना। २ बार-बार जीभ लपकरणो(बी)-क्रि० १ शीघ्रता से जाना, दौड कर जाना। २ तेजी |
निकालना। से पाना । ३ किसी पर झपटना। ४ लपक कर कोई चीज
| लपराइ (६)-स्त्रो० १ वाचालता, लबारपन । २ चापलूसी। लेना, झपटो मारना।
लपराणी (बो)-क्रि० १ बार-बार बीच में बोलना । २ बारलपकारणी (बी), लपकावरणौ (बौ)-क्रि० १ खाना । २ शीघ्रता
__ बार जीभ बाहर निकालना । ३ निरर्थक बात कहना। मे जाने, दौड़ने के लिये प्रेरित करना । ३ तेजी से प्राने की
लपरणो-देखो 'लपर। प्रेरणा देना। ४ किसी पर झपटाना । ५ झपटने, झपटी
लपळको-देखो 'लपरकों। मारने को कहना।
लपचप, लपलपाट-स्त्री० १ बार-बार बोलने की क्रिया । २ लप लपको-पु.१ किसी बात के बीच में बोलने या व्यर्थ बात
लप करने की क्रिया। ३ बकवास । ४ चमक, कौंध । करने की क्रिया । २ बड़ा ग्रास ।
५ जीभ निकालने की क्रिया विशेष । लपड़कनौ, लपडकन्नौ-वि० (स्त्री० लपड़कन्नी) लंबे कानों वाला।
लपसी देखो 'लापसी'। लपडो-देखो 'लफड़ों'।
लपाक-क्रि० वि० शीघ्रता से, तुरंत, तपाक । लपचप-स्त्री. १ किसी के बीच में अनावश्यक बात-चीत, व्यर्थ बाल । २ चंचलता । ३ प्रशिष्ट मानी जाने वाली बात ।
लपादार-पु० तार गोटे की लपी (पट्टी) लगा वस्त्र । लपचडो, लपचेड , लपचेडो-देखो लफड़ो'।
लपालप. लपालपी-क्रि० वि० झटपट, शीघ्रता से, तेजी से, लपचोळी, लपचोली-वि० लालची, लोभी।
फटाफट । लपलप। लपक्षप-क्रि० वि० १ दीपक की लौ की झपकी। २ देखो लप
लपेक-वि० करीब एक पसर में समाए जितना । 'लपचप' ।
लपेट, लपेटण-स्त्री. १ लिपटाने की क्रिया। २ पावरण । लपट-स्त्री. १ प्राग की लपट, पग्नि शिखा । २ दीप्ति, कांति, ३ प्रावृत्ति का क्रम, फेरा, बंधन । ४ सलवट । ५ ऐंठन शोभा । ३ प्रभाव, पसर । ४ तलवार । ५ वायु का झोंका ।
बल, मोड़। ६ घेरा, परिधि । ७ उलझन, फसाव, पकड़, ६ सुगधित वायु । ७ चमक । ८ वेष्टन ।
___ बंधन । चक्कर । ८ कुश्ती का दाव । लपटणी (बी)-क्रि.१ किसी चीज पर कोई अन्य चीज चिपकना, लपेटणी-स्त्री० जुलाहों के काम प्राने वाली एक प्रकार की संलग्न होना । २ स्पर्श करना छूना। ३ प्रावृत्त होना,
लकड़ी। मावेष्टित होना । लिप्त होना । ५ प्रालिंगन करना। लपेटणी (बौ)-क्रि० १ किसी वस्तु को अन्य बस्तु में समेटना, लपटापो (बो), लपटावरणो (बौ)-क्रि० १ चिपकाना, लेप बांधना, पारो भोर ढककर बांधना। २ प्रावेष्टित करना ।
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