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लडाई
( ५१८ )
लदाणी
लडाई-देखो 'लड़ाई'।
लताड़णो (बी)-क्रि० १ लातों से कुचलना, रोंदना। २ लातों लडाड़णो (बौ), लडाणी (बी)-क्रि० १ लाड-प्यार करना। से मारना । ३ फटकारना, प्रताड़ना देना, भर्त्सना करना ।
दुलारना । २ इतारना, फुसलाना । ३ देखो 'लड़ाणी' (बो)। ४ डांटना, अपमान करना। ५ परेशान करना हैरान लडायत, लडायती, लडालो-वि० (स्त्री० लडायती, लडाळी) करना। प्रिय, प्यारा, लाडला ।
लतामणि-पु० [सं०] मूगा, प्रवाल । लडावणौ (बी)-देखो 'लहारणो' (बी)।
लतावेस्ठ, लतावेस्ठण-पु० [सं० लतावेष्ट] १ काम शास्त्रानुलडाविया-स्त्री० घोड़ों की एक जाति ।
सार एक रतिबंध । २ द्वारकापुरी के पास का एक पर्वत । लडीड़, लडीड़ो-पु० १ बड़े शस्त्र, लाठी या हाथ का भारी -वि० लतामों से वेष्टित । प्रहार । २ ऐसे प्रहार से उत्पन्न ध्वनि । ३ हानि, नुकसान।
लतासाधन-पु० [सं०] एक तांत्रिक साधना विशेष । ४ चोट।
लतिका-स्त्रो० छोटी लता। लडीयाळ-देखो 'लड़ीयाळ'।
लतियापण (पणौ)-पु० अप्राकृतिक मैथुन की प्रादत । लडूककार, लडूयार-पु० [सं०] लड्डू बनाने वाला, कंदोई।
लतियो-वि० अप्राकृतिक मैथुन करने, कराने वाला। लडेत-वि० लाड-प्यार से इतरा हुआ।
लतीफी-पु० [अ० लतीफो] हास्य व्यंग, चुटकला। लडोकड़ो-वि० १ प्रिय, प्यारा । २ देखो 'लड़ोकड़ो' ।
लतेड़-देखो 'लताड़। लडु-देखो 'लाड। .
लतेडणी, लतेडबौ-देखो 'लताड़णी' (बी)। लड्डु,-देखो 'लाडू'।
लत्त-१ देखो 'लत' । २ देखो 'लत्ती'। लढ़-क्रि० वि० १ लोट-पोट कर । २ लड्डु, की तरह गुडक कर ।
लत्ता-स्त्री०१ विवाह के मुहूर्त में होने वाला एक दोष । लढ़करणौ (बो)-देखो लुढकरणो' (बी)।
२ देखो 'लता'। लढकारणी (बो), लढकावरणौ (बो)-क्रि० १ बांधना । २ देखो
लत्ती-स्त्री. १ पशु द्वारा किया जाने वाला पैर का पाघात । 'लुढकाणी' (बी)।
२ चलने वाले या दौड़ने वाले के पांव में पांव प्रहाने की लढाक-पु. छद्म वेश में किसी समूह में भोजन करने वाला
क्रिया। व्यक्ति ।-क्रि० वि० सहसा, गुड़ककर, लुढककर । लढार-पु० कायस्थों की एक वैवाहिक रस्म ।
लत्ती-पु० [सं०लत्तक] १ फटा-पुराना वस्त्र । २ पहनने का वस्त्र । लढौ-पु० १ बैलगाड़ी । २ बैलगाड़ी में भरे सामान की सुरक्षा
लत्थबत्थ, लत्थोपत्थि, लत्योबाथ, लत्थोबथ, लत्योबथ्य, के लिये लगाया जाने वाला वस्त्र ।
लत्थोबत्थाणा-देखो 'लय-बथ'। लगणो (बो)-देखो 'लुणणो' (बो)।
लथपथ-वि० १ तरल पदार्थ में भीगा हुअा, तरबतर । २ मिट्टी लरिणयार, लणिहार-देखो 'लैणियार' ।
कीचड़ आदि से सना हुप्रा । लणीहार-देखो लैणिहार'।
लयबत्थ, लथबथ, लथुबत्थ, लथुबथ, लथोबत्थ, लथोबथ, लत-स्त्री० [अ० इल्लत] १ बुरी प्रादत, मादत । २ ऐव, | लथोबथ्थ-वि० १ गुत्थमगुत्था, उलझा हुपा, भिड़ा हुआ।
अवगुण । ३ देखो 'लात' ।- खोर खोरो-वि० बुरी प्राप्त २ आलिंगनबद्ध । या ऐब वाला । नीच।
लवणी (बी)-क्रि० १ भार, वजन से युक्त होना । २ वाहन या लता-स्त्री० [सं०] रस्सी या माला की तरह, किसी सहारे से पशु की पीठ पर वजनदार वस्तु या सामान रखा जाना ।
लिपट कर बढने वाली वनस्पती, बेल ।-प्रत-पु० पुष्प, ३ परिपूर्ण होना, पाच्छादित होना। ४ किसी पर अधिक फूल । --कु ज-पु. लता समूह ।- ग्रह, घर-पु. लताओं से समान या काम का बोझ पड़ना। ५ व्यतीत होना, कालाप्राच्छादित स्थान या मंडप । -भवन='लताग्रह' । तोत होना । ६ पलायन, प्रस्थान या गमन करना । ७ प्रत्य-मडप ----पु. लतामों से आच्छादित मंडप ।- मडळ-पु. धिक फल-फूल पाना। लतानों का समूह।
लदपड़ी-पु० लंबे कानों वाला। लताकर-स्त्री० नृत्य की एक मुद्रा या क्रिया।
लबाऊ-वि० लादने वाला ।-पु. लदाव, भराव । लतास्तूरिका, लताकस्तूरी स्त्री० एक वनस्पती विशेष ।
लदाणी (बी)-क्रि० १ भार, वजन से युक्त करना, कराना। लताड़-स्त्री० १ प्रताड़ना, डांट-फटकार । २ डराने, धमकाने २ वाहन या पशु की पीठ पर वजनदार वस्तु या सामान की क्रिया।
रखना, रखाना । ३ परिपूर्ण करना, माच्छादित करना
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