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भीड
( २८९ ।
भीर-स्त्री० १ समूह, जमघट । २ ग्रामश्यकता से अधिक वस्तुमों भीठो-पु. कपटी मित्र ।
का समूह । ३ फालतू व्यक्तियों की उपस्थिति । ४. सकट, | भीड-देखो भीड़। . विपत्ति। ५ सहायता, मदद । ६ बाहुल्य, अधिकता। भीडगो (को)-देखो 'भीड़णी' (को)। ७ भिड़ने की क्रिया या भाव। . मौजार या उपकरण भीडी, भीडू-देखो 'भोड़ी। विशेष । ६ बैलगाड़ी के थाटे का एक भाग । १० बैलगाडी भीत-वि० [सं०] १ डग हुप्रा, भयातुर । २ प्राप्तंकित, व्याकुल । के तख्ते के बीच का रिक्त स्थान ।।
-स्त्री० [सं० भीनि] १- भय, डर, प्रातक । २ दीवार। भीड़णी-स्त्री० घोड़े का चारजामा कसने की क्रिया या भाव। भीतड़ौ-देखो 'भीतड़ो। भीड़णी (बौ), भीड़वणी (ो)-क्रि० १ कसकर, पहनना । मोतर-प्रव्य [सं० अभ्यंतर] १ अन्दर में । २ किसी सीमा या
२ कसना। ३ चिपकाना। ४ कंजूसी करना। ५ बंद करना। दायरे या कक्ष में । ३ बाहर के विपरीत में। ४ गुप्त रूप ६ बाहु-पाश में लेना, प्रालिंगन करना । ७. शास्त्र धारण से, चुपके से । -पु. १ प्रान्तरिक कक्ष । २ भीतरी भाग। करना, बांधना। अंगों को परस्पर मिलाना।
३ पन्त पुर, रनिवास। भीडाणी (बी), मेडावनी (बी)-देखो 'भिडाणी' (बी)। भीतरलो-वि० [सं० अभ्यंतर १ भीतर का, अन्दर का। मीडि, भीड़ी, भोर-पु. १ सहायक, मददगार । २ मित्र, २.पापस का, पारस्परिकः ।।
दोस्त । ३ अपनी टोली, दल या संगठन का सदस्य। भीतरवाड़ियो-पु० (स्त्री० भीतरली).१ राजमहल के अन्दर का ४. संगी, साथी। ५ रक्षक । ६ जीवन साथी, पति। -वि०, नौकर । २ देखो 'भीतरियो। [सं०. भीरु] कायर, डरपोक ।
भीतरि-१ देखो 'भीतर'। २ देखो 'भीतरी'। भीड़ो-पु. १ बेंगन । २ देखो 'भीड़' ।
भौतरियौ-पु. १ निज मन्दिर का पुजारी। २ अन्दर वाला। भीच-देखो 'भींच।
भीतरी-वि० १ अन्दर का, भीतर का। २ गुप्त, गोपनीय । भीचड़ो-देखो 'भींच। ..
३ सच्चा । ४ अभिन्न । ५ देखो 'भीतर'। भीचरणो (बौ)-देखो 'भींचरणों (बी)।
भीतरीटांग-पु० कुश्ती का एक दाव। भीचरड़-वि०१ विध्वंसक, संहारक । २ देखो 'भींच' । भीति-स्त्री० [सं०] १ भय, डर, मातंक। २ देखो 'भीत। मीच्छा-देखो 'भिक्षा'।
३ देखो 'मांति'। भीछ देखो 'भीच'।
भीतिकर, भीतिकारी-वि० डरावना, भयानक । भील-स्त्री० भीगने की क्रिया या भाव ।
भीतिहर-पु० [सं० भित्तिः+हर] दुर्ग, किला। भीजण-देखो 'भीनण'।
बोलाउ-देखो 'भीनो। भीजणी (बो)-क्रि० [सं० प्रम्यंज : गीला होना,, पानी प्रादि | मीनण-पु. १ छाछ या म8 में भिगोई हुई सूखी रोटियां ।
मे तर होना। २ पार्द्र होना, नम होना। ३ पानी के छींटे | २ इसी तरह मिगोपा हुमा कोई खाद्य पदार्थ ।। लगना। ४ पानी आदि में डूबे रहने से फूल जाना। मीनणी (बी)-कि० १ किसी तत्वः विशेष या मार विशेष से ५ दयार्द्र होना, द्रवीभूत होना। ६ किसी रस या भावना युक्त होना, प्रभावित होना। २ परिपूर्ण होना, पूर्ण होना। से अभिभूत होना । [सं० भिध] ७ भेवा जामा, छेवाः |
३ अनुरक्त होना। ४ युक्त होना । ५ देखो'भीजणी' (बी)। जाना।
| भीनरवाइ-स्त्री० मा भूमि, गीली या नम जमीन । भीजोगो (बो), भीजोवणी (को)-देखो 'भिजोणों' (बी)। भीनरवाड़ो, भीनोटी-पु० नम या पाद भू-भाग। भीट. मोटकियो, मीटको, मोटा-पु० १ झड़बेरी के काठे पौधा भीनी-वि० [सं० भीनी] १ अनुरक्त । २ युक्त, सहित । ३ पूर्ण, का छोटा ढेर । २ केर की छोटी झाड़ी । ३ देखो भीट' ।।
परिपूर्ण । भरा हुमा। ४ भीगा हमा, गीला, श्रा। मोटसो (यो)-देखो 'भीटणी' (बी)।
| ५ मंद, धीमा। ६ मस्त, मतवाला । ७ श्याम रंग का। भीटहरी-देखो ‘भीटोरौं'।
८ प्रोत-प्रोत, सना हुमा। भीठ-पु० १ युद्ध, लड़ाई, संग्राम । २ शस्त्र समूह का प्रहार । | पोकरणो (ब)-देखो 'विफरणों' (बो)।
३ भीड़। ४ शस्त्र, प्रहार की ध्वनि । ५ किसी शस्त्र का भीमळ - देखो 'बिभळ'। प्रहार । वार । ६ देखो 'भीट' ।
भीभळपो (बी)-क्रि० । गर्म होना, उष्ण होना । २ बिल मीठकियो, मीठको-देखो 'भीडको।
होना। भीठहरौ-देखो 'भीटोरी'।
मोभू-पु. सिंह, शेरं ।
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