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रगड़
( ४४० )
र गिरोळ
साळा-स्त्री० नाटयशाला, रंगमंच, महफिल । -स्थळ- रंगरातो-वि० [सं० रंगरत्त] (स्त्री० रंगराती) १ प्रेम या -पु० युद्धस्थल. रणभूमि। रंगमंच । क्रीडागृह ।
अनुराग में मग्न, प्रेमासक्त, अनुरक्त । २ भोग-विलास रंगड़ रघड़-पु० १ एक राजपूत वंश । -वि० १ वोर, बहादुर ।।
व रतिकोड़ा में रत, विलासी। ३ छल- छबीला, रसिक २ उद्दण्ड, उत्पाती।
प्रेमी। ४ किसी के प्रभाव में प्राया हुमा। रंगजणणी (जननी)-स्त्री० [सं० रंग-जननी] लाख, लाक्षा। | रंगरूट-पु० नया भर्ती किया गया सिपाही । रंगट-देखो रंघड़'।
रंगरेज (जो)-पु० [फा०] (स्त्री० रंगरेजण, रंगरेजणी) १ वस्त्र रगढग-पु० १ हाल-चाल, हालात । २ व्यवहार, बर्ताव ।। रंगाई का कार्य करने वाली एक जाति । २ इस जाति का
३ चाल-ढाल, गतिविधि । ४ सजावट । ५ लक्षण, गुण । व्यक्ति। रंगरणी (बो)-क्रि० १ लीन होना, तल्लीन होना, तन्मय होना। रगरेटा-स्त्री०सिक्ख सम्प्रदाय के अन्तर्गत एक जाति ।
२ पासक्त, अनुरक्त होना। ३ मोहित होना, मुग्ध होना। रंगरेलो-देखो 'रंगीलो' । ४ रंग से युक्त होना । ५ भीगना । ६ किसी रंग विशेष से | रंगली-देखो 'रंगीली'। रंगाजाना, रंगना । ७ अनुकूल करना । ८ प्रभाव में | रंगवाग-पु० जनाना बाग, महिला उद्यान । करना । ९ प्रेम में फंसान।। १० मधिक लिखना, विरुद्ध रंगविद्याधर-पु० ताल का एक भेद । लिखना।
रंगसाई-स्त्री० रंग से सज्जित करने की क्रिया । रंगत-स्त्री० [सं०] १ दशा, हालत, अवस्था, ढंग । २ प्रानन्द, | रंगसाज-पु० [फा०] १ वस्त्रों की रंगाई करने वाला व्यक्ति,
मौज । ३ रंग, वर्ण । ४ शोभा, छबि । ५ सूर्जी, प्राभा, रंगरेज । २ चित्रकार, चितेरा । ३ रंग बनाने वाला। कांति, झलक । ६ प्रभाव, छाप । ७ संतोष । ८ चन, रंगाई-स्त्री०१ रंगने का कार्य । २ इस कार्य का पारिश्रमिक । शांति, पाराम । ९ तृप्ति । १० गोष्ठी, महफिल । रगाउळि, रंगाउळिय, रंगाउळीय-देखो 'रंगावली'। ११ रंगमय होने की अवस्था । १२ रंगने का कार्य । | रंगाणी(बौ)-क्रि० १ लीन या तल्लीन कराना । २ अनुरक्त या १३ राग विशेष (मेवात)।
पासक्त कराना । ३ मोहित या मुग्ध कराना । ४ रंग से रंगना-स्त्री० १ स्त्री, औरत । २ रमणी, सुदरी।।
युक्त कराना। ५ भीगाना। ६ किसी रंग विशेष से रंग रंगनाथ-पु० १ विष्णु का एक नामान्तर । २ एक तीर्थस्थान ।। वाना । ७ अनुकूल कराना । ८ प्रभाव में कराना । ९ प्रेम रंगपंचमी (पांचम)-स्त्री० चैत्र कृष्णा पंचमी।
में फंसवाना । १० अधिक लिखवाना, विरुद्ध लिखवाना । रंगपोत-पु० [सं० पीतरंग] १ बृहस्पति का एक नाम । रंगाभरण-पु० ताल का एक भेद विशेष । (संगीत) २ ब्रह्मा।
| रगार-पु. १ मेवाड क्षेत्र की एक राजपूत जाति । २ रंग देने रंगबिरंगु (बिरंगो)-वि० (स्त्री० रंगबिरंगी) अनेक रंगों से देने वाला व्यक्ति । युक्त । विविध रंगी, बहुरंगी।
रगाळ, रगाल-वि० १ रंग का, रग सम्बंधी। २ रंगीन । रंगभीनी-स्त्री० १ वेश्या, रंडी । २ प्रेम आदि में निमग्न स्त्री ३ रंगोला ।
३ अनुरक्त, प्रासक्त। ४ किसी रंग में भीगी हुई, तर । रंगालय-पु० [स०] १ नाट्यशाला, रंगमंच । २ युद्ध भूमि, ५ सुन्दरी।
रणक्षत्र । रंगभीनी-वि० (स्त्री० रंगभीनी) १प्रेम या रतिक्रीड़ा में निमग्न रंगाळो-वि० (स्त्री० रंगाळी) १ रंग का, रंग सम्बन्धी । २ रंग
२ प्रेमी, रसिक । ३ रंग में रत्ता, रंग से सना, तर । वाला, रंग से युक्त। ३ देखो 'रंगीलो' । ४ रगवाला।
रंगावट-स्त्री० १ रंगने की क्रिया । २ रंगने की कला, रंगाई। रंगभूति-स्त्री० पाश्विन मास की पूर्णिमा की रात्रि । रंगावणो (बो)-देखो 'रंगाणो' (बो)। रंगमल्ली-स्त्री० [सं०] बीन, वीणा ।
रगावळ, रगावळि, रंगावळी-पु० १ एक प्रकार का कवच । रंगर्माण-पु० रतिक्रीड़ा, भोग विलास ।।
२ रान का कवच, ऊरुत्र । रंगमाळ-पु० १ एक मात्रिक छन्द विशेष । २ देखो 'रंगमहल'।
रंगि-१ देखो 'रंग' । २ 'रंगी'। रंगरंगीलो-वि० (स्त्री० रंगरंगीली) १ छल-छबीला, शौकीन ।
रंगिका-स्त्री० एक छन्द विशेष । २ प्रेमी, रसिक । ३ विभिन्न रंगों वाला। रंगरजबो-देखो 'रंगरेजो' ।
रंगिया-स्त्री० मत पशु की खाल को रंगने का कार्य करने वाली रंगराग-देखो 'रागरग।
____एक जाति । रंगराज-पु० ताल का एक भेद । (संगीत)
रंगिरोळ, रंगिरोळी, रंगिरोळ-देखो 'रंगरळो' ।
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