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राक्षसकेबी
रागरण
राक्षसकेदी-पु. राक्षसों को कैद करने वाला, इंद्र।
या वर्ण का । श्याम । -पु. एक प्रकार का घोड़ा। राक्षसो-वि० १ राक्षस का, राक्षस संबंधी । २ राक्षसों के | राखस-देखो 'राक्षस'।-पुरि, पुरी= राक्षसपुरी'।
अनुरूप, प्रमानुषिक ।-स्त्री०१ राक्षस जाति की स्त्री। राखसि, राखसो-देखो 'राक्षसी' । २ कर या दुष्ट स्त्री।
राखसु-देखो 'राक्षस'। राक्षा-स्त्री० [सं० लाक्षा] लाख, लाह, जतु ।
राखी(पूनम)-स्त्री०१ श्रावण शुक्ला पूर्णिमा की तिथि जो रक्षा राक्षिसी-देखो 'राक्षसी'।
बंधन का पर्व दिन होता है । २ इस दिन बांधा जाने वाला राखंद, राखदौ-वि० रक्षण ।
मंगल सूत्र जो बहने भाइयों के तथा ब्राह्मण मादि यजमानों राख-स्त्री०१ पूर्ण जल जाने वाले पदार्थ का रहने वाला मिट्टी-| के हाथ के बांधते हैं । ३ गंडा-ताबीज ।
नुमा अंश, भस्म । २ धूल, खाख । ३ भूमि । -क्रि० वि० | राखीबध (बंधण, बंधन)-पु. [स. रक्षाबंधन] मंगलसूत्र, नहीं सो, ऐसा न हो।
रक्षा बंधन। राखाउडियो-वि० निर्लज्ज, बेशर्म । -स्त्री. एक गाली। राखीबंधमाई-पु० जिसको राखी बांध कर भाई बनाया गया हो। राखडी-स्त्री० [सं० राक्षिका] १ स्त्रियों के गिर का स्वर्णा- राखेड़ियो, राखोड़ियो, राखोड़ो-पु. १ राख का ढेर, राख ।
भूषण। २ शीशफूल। ३ रक्षा-सूत्र, गंडा, ताबीज । २ देखो 'रखड़ियो' । ४ ऊंट की गर्दन व बैलों के सींगों में बांधा जाने वाला राखो-प. रोग निवारणार्थ गर्म लोहे का किया जाने डोरा विशेष । ५ देखो राखी'।
- वाला दाग। राखडीडोरी (डोरो)-देखो 'राखी'।
रागंगी-वि० गायक, गवैया । राखडा-पु. १ शिरोभूषण, चूडामणि । २ देखो 'राख' ।
राग (गु)-पु० [सं०] १अनुराग, प्रेम, स्नेह। २ ममत्व, ममता, राखडी-देखो 'राखड़ी'।
मोह । ३ लगाव, संबंध । ४ भाकर्षण । ५ श्रद्धा, भक्ति, राखण-वि० रखने वाला, रक्षा करने वाला ।-स्त्री० रखने प्रास्था, विश्वास । ६ मैथुन की भावना । ७ इच्छा, को क्रिया या भाव।
अभिलाषा, कामना । ८ राग-रंग । ९ मन की सुखद अनुराखणभगत-पु. ईश्वर, विष्णु।
भूति । १० सुन्दरता, खूब सूरती। ११ पाभा, कांति, राखणीप्राण-पु० कवच, जाली।
शोभा। १२ हर्ष, खुशी, मानन्द । १३ मनोरंजन । राखणौ-वि० (स्त्री० राखणी) रखने वाला, रक्षा करने वाला। १४चुटकी, व्यंग । १५ भाव, प्राशय । १६ खेद, शोक । राखणौ (बी)-क्रि० [सं० रक्षरणं] १ किसी माधार पर किसी १७ ईष्या, द्वेष । १८ क्लेश, पीड़ा । १९ क्रोध, गुस्सा ।
वस्तु को टिकाना, धरना । २ रक्षा करना, बचाना, २० स्वर या ध्वनि की विशेष संरचना (संगीत) । उबारना । ३ पालन-पोषण करना । ४ अपने अधिकार, २१ सगीत की कोई राग-रागिनी । २२ वाद्य की धुन, कब्जे या देख-रेख में करना, रखना। ५ सुपूर्द करना, तान, लय । २३ मावाज, स्वर, ध्वनि । २४ मारमा की सौंपना । ६ एकत्र या संग्रहीत करना । ७ नियुक्त या तैनात मूर्छा अवस्था । २५ रंग । २६ लाल रंग । २७ ललाई, करना, काम पर लगाना । ८ रोकना प्रबरोध करना, लालिमा। २८ हाथ का कवच । २९ छोटा हरिण । वजन करना । ९ ठहराना, गतिरोध करना । १० माश्रय ३० घोड़ा । ३१ राजा । ३२ सूर्य। ३३ चन्द्रमा। २४ पैर देना, संरक्षण देना । ११ मावास कराना, बसाना । मरने में लगने वाला मलता। ३५ एक वर्ण वृत्त विशेष । पास रखना । १२ धारण करना, मानना, वहन करना, ३६ कवच । ३७ रान । -स्त्री० ३८ छ: की संख्या । स्वीकार करना । १३ चोट करना । १४ मारोपित करना, -वि० छः। मढना, थोपना, लादना। १५ रेहन या गिरवी रखना। रागकर-पू० एक प्रकार का रत्न । १६ सामने लाना, मागे रखना, प्रस्तुत करना । १७ पारि- रागड, रागड़ियो, रागड़ी-पु. १ मैसा । २ बड़ी उम्र का काला वारिक या सामाजिक संबंध बनाना, मेल-जोल करना। हरिण। १८ रखवाली करना, चौकसी करना । १६ प्रवलंबित | रागजांगड़ी-पु. वीररस पूर्ण राग । सिंधुराग । करना,माधारित करना । २० निभाना, पालन करना।रागजोगिया-स्त्री० एक राग विशेष ।
२१ कुछ तैयार करना । २२ करना । २३ रखना । रागण (रिण, रणी)-स्त्री० [सं० रागिणी] १ किसी राम की राखदुपी-पु. १ चीता, तेंदुप्रा । २ रखने का ढंग ।
स्त्रो, रागिनी । २ कोई राग । ३ चतुर स्त्री। ४ मेना की राणवरण (बरणी)-वि० (स्त्री० राखवरणी) राख जैसे रंग | बड़ी कन्या । ५ जयश्री नामक लक्ष्मी । ६ स्वेच्छाचारिणी
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