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रागरसो
( ४७२ )
राजसी
व छिनाल स्त्री । ७ छत्तीस की संख्या । -वि०१ प्रेम से | राघवेंद्र-पु० [सं०] रघवंशियों में इद्र, श्रीरामचन्द्र । मनुरक्त । २ छत्तीस।
राघवेस-पु० [सं० राघवेश] श्रीरामचन्द्र । रागणी (बो)-क्रि. १ कोई राग गाना, बलापना, साधना । | राघवो, राघव, राघो-देखो 'राघव' ।
२ अनुराग या प्रेम करना । ३ अनुरक्त होना । ४ लीन | राइ-स्त्री० [सं० रारि] १ युद्ध, झगड़ा, समर । २ कलह, या लिप्त होना।
गृह-कलह । ३ तकरार, हुज्जत । ४ दिक्कत, समस्या, रागवोख (रीसस)-पु० [सं० राग-द्वेष] १ प्रेम-ईया | रगड़ा । ५ दगर । ६ शाप, बदुप्रा।
प्रादि भाव, राग-द्वेष । २ छल, कपट, पक्ष-पात । राड़क-पु. योद्धा, वीर । -वि० कलह-प्रिय, झगड़ालू । रागनि-स्त्री०१ जांध, जंघा, रान । २ देखो 'रागरण'। रागारौ-देखो 'राड़ीगारी' (स्त्री० राडीगारी)। रागमाळा-स्त्री० १ समान रूप वाली विभिन्न रागों की शुखला। राडपंभ-पु. योद्धा, वीर।
२ रामों के देवमय स्वरूप का काव्यात्मक बशन एवं राधड़ा, राइधरा-स्त्री० बाडमेर जिलान्तर्गत एक क्षेत्र, जहां चित्रांकन।
के घोड़े उत्तम माने जाते थे। रागरग-. १ मानन्द, उत्साह प्रसन्नता । २ उत्सव, समारोह। राजधरी-वि. 'राडधरा' की, राइधरा संबंधी।
३ पामोद-प्रमोद, क्रीड़ा। ४ नृत्य-गायन । ५ हास-विलास, | राडाजीत, राडाजीत, राडाजीती-वि० (स्त्री० राहांजीतणी, मौज मस्ती। ६ प्रेम, प्रोति । ७ रति कोड़ा।
राडाजीती)वीर योद्धा, युद्ध में सफल रहने वाला। रागरज्जु-पु. कामदेव ।
राहि-१ देखो 'राड़' । २ देखो 'राड़ी'। रागरस-देखो 'रागरग'।
राड़िगार, राडिगारी-देखो 'राडीगारौ'। रागलता-स्त्री० कामदेव की स्त्री रति ।
राडी-वि० १ लड़ाई करने वाला, झगड़ने वाला । २ जबरदस्त रागळी-देखो 'राग'।
जोरदार । ३ योद्धा, वीर । ४ देखो 'राई'।-गार,गारी-वि. रागलो-वि० (स्त्री० रागली) राग-द्वेष वाला।
योद्धा, वीर । कलहप्रिय, झगड़ालू । रागवाळी-पु. वीररस पूर्ण राग, सिंधुराग।
| राडो-देखो 'राई। रागारळ. रागारळी-स्त्री० पामोद-प्रमोद, हंसी-खुशी से होने
रावणी-वि०१ जिसका रंग गहरा व अच्छा जमता हो, रंजित वाली तृप्ति ।
होने वाली । २ शोभा देने वाली, शोभित होने वाली। रागाउर, रागातुर-वि० [सं० राग-प्रातुर] प्रेम, मोह मादि के
३ अनुरजित होने वाली। -स्त्री० मेहंदी। लिये प्रातुर। व्याकुल ।
राधरणी-वि० (स्त्रो. राचरणी) रजित होने वाला शोभा रागि-देखो 'रागी'।
देने वाला। रागिरणी, रागिनी-देखो 'रामणी'।
रावणो (बो)-क्रि० [सं० रक्तिति] १ किसी वस्तु पर कोई रंग रागी-वि० [सं० रागिन् (स्त्री० रागणी, रागिणी) १ राग
मच्छा बैठना, जमना, खिलना । २ मेहंदी का रंग जमना, से युक्त रागमय । २ मोह-माया में फंसा हुपा । ३ ईर्ष्यालु
गहरा बैठना । ३ रंजित होना, रंगा जाना ।। अनुरक्त या द्वेष करने वाला । ४ अनुरक्त, मासक्त, मोहित। ५ विषयो,
प्रासक्त होना, प्रेम में फंसना। ५ लीन, मग्न या मस्त कामी, वासना में लीन । ६ प्रेमी, अनुरागी। ७ प्रेम-पूर्ण,
होना । ६ लिप्त होना उलझना, फसना । ७ प्रभावित प्रीति युक्त। ८ लाल रंग का, लाल। ९ रंगा हमा, रंजित ।
होना। ८ शोभित होना, फबना । ६ प्रसन्न या खुश -पु.१ अशोक वृक्ष । २ मंडवा या मकरा नामक कदन्न।
होना। १० फैलना, छा जाना। ३ छः मात्रा का एक छन्द । ४ भाभूषणों पर खुदाई करने का भौजार विशेष ।
राघोड़ी-स्त्री. १ बढई की प्रौजार रखने की पेटी, संदूक ।
२ देखो 'रछांनी'। रागु-देखो 'राग'। राघव-पु० [सं०] १ ईश्वर, परमेश्वर । २ विष्णु का एक |
राष-पु० [सं० रम] १ प्रोजार, उपकरण । २ अस्त्र-शस्त्र । नामान्तर । ३ दशरथ सुत श्रीरामचन्द्र । ४ रघु का
राछांनी, राछोडी-१ देखो 'रछांनी' । २ देखो 'राचोड़ी'। वंशधर । ५ मज । ६ एक प्रकार की बड़ी मछली।
राछपीछ, राछापूजी-स्त्रो०१अौजार या उपकरणों का समूह । राधवराई-पु. [सं० राघवराजा] १ श्रीरामचन्द्र ।२ ईश्वर ।
२ घर गृहस्थी का सामान । राघवानंदी-स्त्री० एक वैष्णवी सम्प्रदाय।।
राजद राजा-देखो 'राजेंद्र'। राधवि (बी)-देखो 'राधव' ।
राजसी-वि० [सं० राज-वंशी] राजा के वंश या बान-दान का ।
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