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रड़बड़ी
रज
ध्वनि । ४ कार्य । ५ प्रवारागर्दी । ६ कुचलने की क्रिया ४ उत्पादन, उत्पत्ति । ५ निर्मित या उत्पादित वस्तु । या भाव।
६ बनावट, स्वरूप। ७बनाने का ढंग | प्रकार। सजावट, रबड़णी (बी)-क्रि०१इधर-उधर लुढकना, पड़ना ।२ भटकना, शगार । ६ केश विन्यास । १० व्यूह, जाल, फंदा ।
ठोकरें खाना। ३ धावारागर्दी में फिरना। ४ ध्वनि होना, ११ कोई लेख, काव्य, कृति । ग्रंथ । १२ कल्पना । पावाज होना । ५ टकराना, भिड़ना।
१३ स्थापना । १४ कार्य, काम । १५ विश्वकर्मा की पत्नी रबड़ाट-स्त्री० ध्वनि विशेष ।
का नाम । -कार-वि० निर्माता । लेखक । रवी-पु० १ बूढ़ा व बदसूरत ऊंट । २ दूषित व विकृत तरबूज। रचयिता-वि० [सं० रचयित] निर्माता, सृष्टा, लेखक । रड़बड़-देखो 'रड़बड़।
रचांनी-देखो 'रछांनी'। रसम्बदरणी (0)-देखो 'रड़बड़णों' (बौ)।
रचादरणी (बी), रचाणी (बी), रवावरणी (बी)-क्रि० १ बनारममा-देखो 'रड़बड़।
कर तैयार करवाना, बनवाना । २ सृजन कराना, सृष्टि रसमड़पो (बी)-देखो 'रहबड़णो' (बी)।
कराना । ३ उत्पादन कराना, उत्पन्न कराना। ४गार रङमड़ाट-देखो 'रड़बड़ाट'।
कराना, सजवाना। ५ स्थापित कराना। ६ फैलवाना । रडमलपण (लो)-पु० वीरता, बहादुरी ।
७ कुछ करवाना। ८ लगवाना। १ लेख लिखवाना। रहमाल-देखो 'रिड़माल'।
१० निश्चित कराना। ११ एकत्र कराना। १२ जमवाना। रवड़णो,(बी)-देखो 'रड़बड़णी (बी)।
१३ प्रायोजन करना, कराना । १४ रंजित करना, रहवड़-देखो 'रड़बड़।
कराना। १५ अनुरक्त करना, कराना। १३ शोभित रही-स्त्री. १ टीला, मगरा । २ छोटी पहाड़ी। ३ कंकरीली |
करना, कराना । १७ प्रसन्न करना, कराना । पहाड़ी भूमि । ४ देखो 'रई'।
१८ प्रभावित करना, कराना। रखक-पु० [सं०] १ धोबी।र टक्कर, भिड़त । ३ चोट,
रचित, रचिय-वि० [सं० रचित] १ रचा हुमा, बनाया हुआ। माघात, प्रहार । ४ लड़ाई, युद्ध । -वि. रचयिता । रचना
२ निर्मित, सृजित । ३ उत्पादित । ४ सज्जित, शुगारित। करने वाला।
५ लिखित । ६ स्थापित । रचण-वि० रचने वाला, रचयिता।
रचण-देखो 'रचण'। रचणवजवासी-पु. परमात्मा, ईश्वर ।
रच्चणी-देखो 'रचणी'। रवणा-देखो 'रचना'।
रचणी (बी)-१ देखो'रचरणो' (बी)। २ देखो'राचरणो' (बी)। रचणी-स्त्री०१ रचने की क्रिया या भाव । २ रचने का ढंग ।| -देखो 'क्ष', ३ देखो 'रचना'।
रच्यक-देखो 'रक्षक'। रचणी-वि०(स्त्री०रचणी) १ बनाने वाला, तैयार करने वाला।| रम्छया, रच्छा, रच्छ्या -देखो 'रक्षा'।
२ निर्माण करने वाला, सृष्टा, निर्माता । ३ उत्पन्न करने रच्छिक-देखो 'रक्षक'। वाला, उत्पादक । ४ शगार करने वाला, सजाने वाला। रच्छित-देखो "रक्षित'। ५ स्थापित करने वाला । ६ फैलाने वाला । ७ कुछ करने | रच्छी-स्त्री० धूलि, रज । वाला । ८ लगाने वाला । लेख-लिखने वाला।| रछक-देखो 'रक्षक'।
१० निश्चित करने वाला। ११ एकत्र करने वाला। रछपाळ-देखो 'रक्षपाल'। रचरणौ (बो)-क्रि० [सं०रचन] १ बनाकर तैयार करना बनाना। रछस-देखो 'राक्षस' ।
२ सृजन करना, निर्माण करना, ३ उत्पादन करना।। रछांनी-स्त्री० नाइयों के पोजार रखने की सन्दूकची। ४ शुगार करना, सजाना । ५ स्थापित करना ।६ फैलाना ।
रछाकरण-स्त्री० माता, जननी ।-वि० रक्षक, पोषक । ७ कुछ करना । ८ लगाना ।९ लेख-लिखना, रचना ।
रछिपाळ-स्त्रो० १ रक्षा । २ देखो 'रिछपाळ'। करना । १० निश्चित करना । ११ एकत्र करना । १२ देखो | रचिया-देखो 'रक्षा'। 'राचणी' (बी)।
रज-स्त्री० [सं० रजस्] १ धूल, रेत । २ बालू रेत । ३ गर्द रचन-स्त्री. १ रचने की क्रिया या भाव । २ रचने का ढंग। रंजी। ४ पृथ्वी, भूमि । ५ रात, रात्रि । ६ गौरव, रचना-स्त्री० [सं०] १ रचने की क्रिया या भाव, सृष्टि, प्रतिष्ठा, इज्जत । ७ मर्यादा । ८ कीति, यश । | चांदी
निर्माण । २ लीला, माया । ३ निर्माण कला, कौशल ।। रजत ।-पु० १० जल, पानी । ११ बादल, मेघ ।
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