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रतप
रतरण - देखो 'रत्न' ।
रतणाकर देखो 'रत्नाकर' ।
रतवान- देखो 'रतिदान' ।
रद्रय-देखो 'रतने
रतनकूट- देखो 'रनवूट' |
रतनगरभ- देखो 'रत्नगरभ' ।
रतन पु० १ सूर्य, रवि । २ चन्द्रमा, शशि । ३ उढगन, तारा ।
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५ प्रमृत, सुधा ६ शंख ७ छप्पय एक डिगल छंद विशेष । ९ एक
४ हग नेत्र, भांख । छद का एक भेद । मात्रिक छद । १० देखो 'रत्न' । कर 'रत्नकर' । रतनकचोलियो (चोळी) -पु० रत्नों से बना प्याला, कटोरा । रतनकाळ (स) देखो 'नवळ'
रतनगरमा - देखो 'रत्नगरभा' ।
रतनगिरि (गिरी) - देखो 'रत्नागिरि' । रतनघर देखो 'रत्नघर' ।
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( ४५२ )
रतनचंद्र - देखो 'रत्नचंद्र' ।
रतनचोक पु० एक प्रावस विशेष
रतनजोत (जोतियों, जीत ) स्त्री० १ एक प्रकार की मणि पु० २ एक ग्रुप विशेष ३ पुनर्नवा नामक क्षुप विशेष ४ घाव ठीक करने की एक बूटी ।
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रतनपारखी-देखो 'रत्नपरीक्षक' ।
रतनपेच पु० पगड़ी पर धारण करने का प्राभूषण विशेष । रतनमरी-देखो 'रत्नभरिता' ।
रतनमालती स्त्री० १ एक प्रकार की लता । २ उक्त लता का
फूल ।
रतन वि० [सं० रत्नमन] रत्नों से युक्त ।
रतनराणी- पु० ऊमरकोट के राणा रतन की स्मृति में गाया जाने वाला एक लोक गीत ।
रतनरासि ( रासी) - देखो 'रत्नरासि' ।
रतनसान (सांनु) - देखो 'रत्नसानु' । रतनगरम- देखो 'रत्नवरभा' |
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रतनळिय पु०१ एक मांसाहारी पक्षी विशेष । २ रुधिर की नाली । रतनाकर (पर, घर) - देखो 'राकर' |
रतनार - वि० १ लाल रंग का लाल । २ सुखं । पु० पुरुवंशीय राजा रंतिभार का नामान्तर ।
रतनारा, रतनारी स्त्री० १ वालिमा लाली २ सुर्वी रतनाळ, रतनाळिय रतनाळी, रतनानीय, रतनाळी- वि० बाल, सुर्ख २ देखो 'रतनांलिय
रतनावळी- देखो 'रत्नावळी' ।
रतन (त्रि, त्री) - १ देखो 'रतन' २ देखो 'रश्न' । - गरमा प्रभा 'रत्नगरभा' ।
रतनासबोध पु० सागर, समुद्र रतपंड- देखो 'रक्तपिंड' ।
रतपति तपती-देखो 'रतिपति'
रतपरस० [सं० ऋतु-स्पर्श] श्वान कुत्ता।। रपि-देखो 'रक्तपिट' ।
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रतफळ - पु० वट वृक्ष । रतबंध - देखो 'रतिबंध' ।
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रतमु हो- वि० [सं०] रक्त-मुख] लाल मुंह वाला २ जिसका मुंह खून से भरा हो।
रतमेळ - देखो 'रतिमेळ' ।
रतरस - पु० [सं० रतिरस] शुगार रस प्रेम रस ।
रतराज- देखो 'रितुराज' ।
रतनु-देखो 'रखाळू'।
रति
रतयंती - स्त्री०
० १ गजल की तरह का गाना एक लोक गीत विशेष ( मेवात ) । २ देखो 'रतिवंती' ।
रतवा स्त्री० १ एक प्रकार की घास । २ गेहूं की फसल का
एक रोग । ३ बच्चों संबंधी एक रोग ।
की फुंसी ।
रतांनी वि० लाल मुंह वाली रता स्त्री० दक्ष प्रजापति की
श्रासक्त ।
रतवाह, रतवाही देखो 'रातीबाही' ।
रतसाई पु० [सं० फतुवामा
रतांजणि, रताजणी -स्त्री० १ वनस्पती । २ प्रांख की पलक पर
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(भेड़)
एक कन्या । - वि० धनुरक्त,
रताळ, रताळ, रताळू - पु० पिंडालू नामक कंद ।
रति स्त्री० [सं०] १ कामदेव की स्वी २ रतिक्रिया, संभोग, मैथुन । ३ कामेच्छा, वासना ४ प्रेम, अनुराग ५ श्रानन्द ६ तृप्ति संतुष्टि पासक्ति प्रेम भावना कांति
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दीप्ति, श्राभा ९ सौभाग्य। १० गुप्त भेद, रहस्य । ११ शृंगार रस में स्थाई भाव १२ अलकापुरी की एक अप्सरा । १३ ऋषभदेव के वंशज बिभुराजा की पत्नी 1 १४ स्वर्ण आदि का एक तोल । १५ घुघवी चिरमी | १६ देखो 'रितु' । १७ देखो 'रात' । १८ देखो 'रत' । १९ देखो 'रती' । २० देखो 'रितु' ।-कर- वि० प्रानन्द, सुखप्रद कामी, विलासी कलह पु० रतिकोड़ा, मैथुन -कळा- स्त्री० संभोग कला 1-कांत - पु० कामदेव 1 - कुहर पु० योनि भक्रिया केळी संभोग
० योनि भन केलिगृह या किसा स्त्री की मांग या इच्छा करने पर किया जाने वाला मैथुन-नाथ, नायक, नाह-पु०कामदेव पति, पती-० कामदेव : प्रिय-पू० कामदेव विलासी प्राणी । प्रीता नवी
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