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रखवाळू
( ४४५ )
रगतबंबाळी
रखबाळु (ळ, ळो)-देखो 'रुखाळो'।
रगड़, रगड़क, रगड़को-स्त्री० [सं० घर्षणम्] १ रगड़ने की रखस-देखो 'राक्षस' ।
क्रिया या भाव । २ किन्हीं दो वस्तु या अंगों में होने वाला रखाराज-देखो "रिसिराज'।
घर्षण । ३ उक्त घर्षण से होने वाला निशान, चिह्न । रखाई-स्त्री. १ रखने की क्रिया या भाव । २ हिफाजत, रक्षा। ४ उलझन, झगड़ा। ५ कठोर परिश्रम । ६ गतिमान ३ निगरानी, चौकसी।
वस्तु का किसी से होने वाला स्पर्श । ७ घिसाव । रखाणो (बो)-क्रि० १ किसी पाधार या तल पर ठहराना, रगड़णो (बो)-क्रि० [सं० घर्षणम्] १ घर्षण करना, घिसना ।
धरवाना, टिकवाना । २ रक्षा या बचाव कराना । ३ नष्ट २ किन्हीं दो वस्तुओं या अंगों का परस्पर स्पर्श कराना । होने या बिगड़ने से बचवाना । ४ पालन-पोषण कराना । | ३ पीसना, घोटना । ४ अभ्यास के लिये कोई कार्य बार५ एकत्र कराना, इकट्ठा कराना। ६ सुपुर्द कराना । बार करना । ५ श्रम करना । ६ व्यर्थ तंग करना, परेशान ७ अधिकार या कब्जे में कराना, अधीन कराना । ८ नियुक्त करना । ७ घसीट में लिखना । - घसीटना । मसलना । कराना । ९ रुकवाना । १० पकड़वाना । ११ चोट कराना। १. संभोग या मैथुन करना। ११ धोखना, रटना । १२ धारण कराना।१३ मागेपित कराना. माक्षेप लगवाना। बार-बार पढ़ना। १४ लदवाना। १५ प्रस्तुत कराना, सामने धराना । रगड़ासी (बौ), रगडावरणौ (बी)-क्रि० १ घर्षण कराना, १६ ठहराना, मावास कराना। १७ गिरवी या रेहन घिसवाना । २ किन्हीं दो वस्तु या अंगों का स्पर्श करवाना । धराना । १५ रखवाली, निगरानी या देख-रेख कराना। ३ पिसवाना, घुटवाना । ४ अभ्यास के लिये कोई कार्य बार१९ संबंध बनवाना । २० अवलंबित कराना । २१ भार- बार कराना। ५ परिश्रम कराना । ६ व्यर्थ तंग करवाना । क्षित कराना, सुरक्षित कराना।
परेशान करवाना। ७ घसीट में लिखवाना। मसलवाना । रखाळ ()-देखो 'रुखाळी'।
९ घसीटवाना । १० संभोग या मैथुन कराना। रखि-देखो रिसि'।
रगड़ी-वि• रगड़ा या झगड़ा करने वाला । झगड़ालू । रखित-देखो 'रखत'/'रक्षित' ।
रगडो-पू०१ झगड़ा, टंटा, फिसाद । २ उलझन, समस्या, रखिस-देखो 'रिखीस'।
झझट । ३ विपत्ति, संकट । ४ निरंतर किया जाने वाला रखी-स्त्री० [सं० रक्षी] १ कंधों पर लटकाने का थैला विशेष । श्रम । ५ रगड़ने की क्रिया या भाव । २ देखो 'रिसि'।
रगटळ, रगटाळ-पु. १ ऊंटों का एक रोग। २ ऊंटों का एक रखीकेस-देखो 'रिसिकेस'।
अवगुण । ३ देखो 'रुगटाळ' । रखीराज-देखो "रिसिराज'।
रगण-पु० १ छंदशास्त्र में एक गण। २ गजानन, गणेश । रखीसर (सुर, स्वर)-देखो 'रिसोस्वर'।
रगणो (बी)-क्रि० १ रेंगना, रेंगते हुए चलना । २ पशु का रखे-प्रव्य० १ कदाचित्, शायद, संभवतः । २ ऐसा न हो ।
रभाना।
रगत-देखो 'रक्त' । -कमळ = 'रक्तकमळ' । -कास्ठरखेड़ियो-पु० १ केवल राख लपेट कर घूमने वाला साधु ।
'रक्तकास्ठ' ।-कुस्ठ,कोढ='रक्तकुस्ठ'।-गुल्म-'रक्तगुल्म' । २ ढोंगी साधु ।
-चचु-'रक्तचंचु' ।-चंबण, चंदन='रक्तचंदरण' ।रखेल, रखेली-स्त्री० उप पत्नी, बिना विवाह के पत्नी के रूप
='रक्तचचु। -तु- 'रक्ततुड' ।-बंता, दतिका, बंती में रखी जाने वाली स्त्री।
== रक्तदता'।-घरा= 'रक्तधरा'-धारा = 'रक्तधारा' । रखेवाळ-देखो 'रखवाळ'।
-नेत्र- 'रक्तनैत्र'। -पक्ष, पख, पांख' = 'रक्तपक्ष' ।-पित, रख-देखो 'रखे'।
पित्त- रक्तपित्त'। -प्रदर='रक्तप्रदर'।-बिदू = 'रक्तबिंदू'। रखोपो-पु. रक्षा का स्थान ।
बीज = 'रक्तबीज' । -मंडळ = 'रक्तमंडळ' ।-मोचन : रखो-पु० [सं० रक्षा] १ परहेज । २ सुरक्षा, बचाव ।
'रक्तमोचन' ।-बरण = 'रक्तवरण' । विदु='रक्तबिंदू'। रख्ख-देखो 'रक्ष'।
-बीज = 'रक्तबीज' । -स्टि : 'रक्तवस्टि'। -स्राव रत्खरण-देखो 'रक्षण'।
='रक्तस्राव'। रख्या-देखो 'रक्षा'। रग-स्त्री० [फा०] १शरीर के अन्दर की नश, रक्त सिरा. रगतधातु-पु० [सं० रक्तधातु] १ लाल रंग का कोई बात,
तांबा । २ गेरू। नाड़ी, स्नायु । २ पत्ते की नश । ३ ऋग्वेद । ४ प्रोढ़ने का मोटा ऊनी वस्त्र ।
रगतबंबाळी-स्त्री. दुर्गा का एक नामान्तर ।
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