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मारहती
( ३७२ )
माल
मारहती (थो)-वि० मारने वाला, मार करने वाला।
राग । १२ युद्ध का वाद्य । १३ कुम्हारों की एक शाखा । मारांकुस-पु० [सं०] नाखून, नख ।
१४ एक निसांणी छंद । -वि. १ मारने वाला, समाप्त माराज, मा'राज-पु० महाराज, ब्राह्मण, पंडित, साधु ।
करने वाला । २ मित्र, दोस्त, यार । माराजा, मा'राजा-पु० महाराजा । बड़ा राजा।
मालाड-देखो 'मारवाड़' । मारा-मार-स्त्री० मार-धाड, युद्ध ।
मारुमाडि-देखो 'मारवाडी'। मारि-स्त्री० [सं०] १ नाश, विध्वंस, हनन । २ मरी, प्लेग । मारूमौराव-देखो 'मारूराज' । मारिक-देखो 'मारक'।
मारूड़ी. मारूडो-पु. १ एक लोक गीत । २ देखो 'मारू'। मारिग-पु. मार्ग।
मारूजी-पु. प्रियतम, पति । मारिच-पु० मारीच ।
मारूणी -स्त्री. १ मरुप्रदेश की स्त्री। २ मारवाणी। मारिणी (बो)-देखो 'मारणो' (बी)।
मारूत-देखो 'मारुत, मारुति' । मारित-वि० १ जो भस्म कर दिया गया हो। २ मृत, वधित । मारूदेस (धर, धरा)-पु० मा प्रदेश, मारवाड़। ३ पिटा हुमा, पाहत ।
मारूभाखा (भासा)-स्त्री० मारवाडी, राजस्थानी भाषा । मारिस-पु० [सं० मारिष] १ नाटकों का सूत्रधार । २ प्रति- | माख्याड़, मारूयाडि, मारूयाउ (डि)-१ देखो 'मारवाड़' । ___ष्ठित, माननीय व्यक्ति ।
२ देखो 'मार-वाड़ी'। मारी-स्त्री. मरी, बीमारी।
माहरण (राई, राज, राजा, राव) मारूवाराव-पु. मा'री-देखो 'म्हारी'।
[सं० मरु+राजा, राद] १ मारवाड का राजा, अधिपति । मारीच (छ)-पु० [सं० मारीच] १ रावण का मामा एक | २ राठौड़।
राक्षस । २ एक ऋषि । ३ राजा, बादशाह की सवारी का | मालवी-पु०१ राठौड़ । २ मरु प्रदेश का निवासी। बड़ा हाथी । ४ मरीचि ।
मारे-सर्व० मेरे । मार, मारुअई. मारुप्रउ-देखो 'मारू'।
मारेल-वि० १ दबा हुआ। २ थका हुआ। ३ घायल । मारप्रति (भाड़, माड, मारि)-देखो 'मारवाड़।
मारोट (8)-स्त्री०१ विवाह के समय दूल्हे या दुल्हिन के मुख पर मारुनौ-देखो 'मारूवो'।
की जाने वाली सुनहरी चित्रकारी। २ एक प्रान्त का नाम । मारुडो-देखो 'मारूडो' ।
मारोमार-कि०वि० १ चोट पर चोट करते हए । २ निरन्तर मारजी-देखो 'मारूजी' ।
लगातार । २ अत्यन्त शीघ्रता से, द्रुतगति से। ३ क्रमश: मारुरिण, मारुणी-देखो 'मारूणी'।
एक के बाद एक । -पु० भगदड़, हुल्लड़ । मावत-पु० [सं०] १ हवा, पवन । २ वायु का अधिष्ठाता पवन | देव । ३ स्वांस । ४ शरीर के त्रिदोषों में से एक । ५ हाथी
मारो-देखो 'मार'। की सूड । ६ एक ऋषि । ७ एक गोत्रकार । ८ स्वाति | मारी-देखो 'म्हारी'। नक्षत्र । ९ मारुति । -चक्र-पु० वातचक्र । -सखा-पु० माळ(माल)-स्त्री० [सं०माल : १ किसी गांव या कस्बे की समस्त अग्नि । -सुत-पु. हनुमान, भीम ।
कृषि भूमि । २ खेत, भूमि । ३ वन, जगल । ४ ऊंची भूमि । मारुति-पु. [सं०] हनुमान, भीम ।
५ ककरीली भूमि । ६ स्थान, जगह । [सं० माला) मार-निसांणी-स्त्री० डिंगल का एक छन्द ।
७ कुए पर चलने वाले रहट पर धूमने वाली, मिट्टी या धातु मारुखेंगरण (बैंगण)-पु. वृताख की एक जाति व इस जाति के पात्रों की माला । ८ चरखे की डोरी जो बेलन व तकुवे __ का वृताख ।
को घुमाती है । ९ किसी चक्र को घुमाने वाली रस्सी। माख्याड़ (कि)-स्त्री० मारवाड़, मारवाड़ी।
१० नदी। ११ फसल की उपज । १२ मेघमाला, धनघटा। मारवणी-देखो 'मारवणी'।
१३ फसल पर लिया जाने वाला कर, राजस्व । १४ बाल, मारवी-देखी 'मारवी'।
कंश । १५ पंक्ति, कतार, श्रेणी । १६ झुण्ड, समूह । मारवो-१ देखो 'मारूवो' । २ देखो 'मारू'।
१७ देखो 'माला'। माइ-पु.१ मारवाड़ का राजा, अधिपति । २ राठौड़। ३ मरु | माल-पु० [सं०] १ द्रव्य, धन । २ सम्पत्ति, जायदाद । ३ सामान
प्रदेश का निवासी । ४ मरु प्रदेश, मारवाड़। ५ मारवाड़ी | सामग्री। ४ क्रय-विक्रय का सामान। ५ स्वादिष्ट या भाषा, बोली। ६ पति, प्रियतम । ७ नायक । ८ रसिक उत्तम भोजन । ६ हरताल । ७ किसी वस्तु का सार, तत्त्व । ९ एक रागिनी। १० एक लोक गीत । ११ युद्ध का एक | ८ मुन्दर स्त्री, युवती । ९ संगृहीत वस्तुओं में से कीमती
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