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मालक
मारिणी
सामान । १० विष्णु का एक नामान्तर। ११ छल, कपट, ६ रात्रि, रात। ७ ज्योत्स्ना, चांदनी. ८ एवः छन्द दगा। १२ बंगाल का एक जिला । १३ मालवा देश । विशेष । ९ एक वर्ण वृत विशेष । १० मत्तगयद छन्द का १. एक प्राचीन अनार्य जाति । १५ सामर्थ्य, हस्तो। एक नाम । ११ एक मात्रिक छन्द । १२ मद्र देश के राजा १६ शकुन चिड़ी जो दाहिनी और बैठकर शुभ शकुन की पत्नी । १३ शत्रुधातिन राजा की पत्नी। देती है । १७ गरिणत में वर्ग का पात, वर्ग अक । मालतीटोडी-स्त्री० एक रागिनी विशेष । १८ देखो 'मल्ल'।
मालतोड़-पु० बड़ा हथौड़ा। मालक-देखो ‘मालिक'।
मालदार-वि० [फा०] धनवान, अमार । मालकत-देखो ‘मालकियत'।
मालदौ-पु. एक प्रकार का प्राम । मालकपण (परणौ)-स्त्री. १ मालिकाना हक, स्वामित्व । | मालनेरी-पु. एक प्रकार का मूल्यवान कपड़ा। २ बड़प्पन, दयालुता।
मालपुरो (पुवो, पूौ, पूौ)-पु० [स० पूय] एक प्रकार का मालकांकरलो,मालकांगणी-स्त्री. १ हिमालय में पाई जाने वाली | पकवान।
लता विशेष । २ उयत लता कं बोज। ३ एक प्रकार का | मालपसोसामेरी-स्त्री० एक गिनी विशेष । कदन्न ।
मालबंध-पु० बैलगाड़ी के अग्र भाग में बाधने की रसो। मालकियत, मालकी - स्त्री स्वामित्व ।
माळबधरण-स्त्री० तलवार । मालकेत, मालकेतु-पृ० १ लोहार्गल पर्वत के एक लोक देवता। | मालम-वि० [अ०मालूम] १ जाना हुआ, ज्ञात, विदित । २ प्रगट, २ इस पहाड़ का नामान्तर ।
जाहिर। ३ स्पष्ट, साफ। ४ सूचित । ५ -पु० नाविक, मालकोत-स्त्री० [सं. माल कोश] सम्पूर्ण जाति को एक राग । मल्लाह। मा लक्ष्मी-स्त्री महालक्ष्मी। .
| मालमता, मालमत्ता-स्त्री० १ धन, दौलत, द्रव्य, सम्पत्ति । मालखम-देखो 'मलखंभ' ।
२ व्यापारिक सामान, सामग्री। मालगाड़ी-स्त्री० माल, असबाब, व्यापारिक सामान ढोने की मालमलीदौ-पु० बढ़िया भोजन, खाद्य सामग्री। पकवान । रेलगाड़ी ।
मालमाटियार, मालमोट यार-पु० पूर्ण युवा, जवान । मालगुजारी-पु. १ लगान । २ जमीदारों से लिया जाने वाला |
माळयौ-देखो 'माळियौ'। एक कर।
माळव, मालव-पु० [सं० मालव] १ मध्य भारत का एक प्रदेश । मालगुरजरी-स्त्री० एक राग विशेष ।
२ पंजाब प्रान्त का एक प्राचीन भू-भाग। ३ इन प्रदेशों का मालगोडो-स्त्रा. एक गगिनी विशेष ।
निवासी । ४ एक राग विशेष । मालगोदाम-पु. १ व्यापारिक माल संग्रह करने का स्थान । • पार्सल संग्रह का स्थान ।
माळवउ-देखो 'माळवो' । मालड़ी पु० चा र जामे पर रखा जाने वाला चमड़े का उपकरण।
मालवकौसिक-देखो ‘मालकोस'। मालजादी-स्त्रो० १ दुश्चरित्र व व्यभिचारिणो स्त्री, पतिता। माळवगिरी-पु. १ मालवा स्थित एक पर्वत । २ मालवा प्रदेश । २ वेश्या पुत्री, वेश्या।
माळवगौड़-स्त्री. एक गग विशेष । माल जादो-पु. (स्त्री० मालजादी) १ दुश्चरित्र व वेश्यागामी माळवण-स्त्री०१ मालवे की तम्बाखू। २ मालवा की स्त्री । ___ व्यक्ति । २ वैश्यापुत्र।
३ किसी देवस्थान के चारों ओर का छोटा वन । मालटो-पु. लाल रंग को नारंगी विशेष ।
| माळवरणी, मालवणी-स्त्री० १ मालव देश की स्त्री। २ एक मालण-स्त्री० [देश॰] १ दुल्हा बारहठ की पुत्री एक देवी । प्रकार की लिपि। २ देखो 'माली'। (स्त्री०),
मालवराउ (राजा, राव)-पु० मालव देश का राजा। मालणी-स्त्री० १ ललाट प्रदेश को रक्षिका देवी मालाधरी।
माळवळी-पु० मकान की छाजन के बीच लगने वाली लकड़ी। २ योग के अनुसार प्रात्मा। ३ देखो 'माळो' । (स्त्री०) ४ देखो 'मालिनी'।
माळवसिरी, मालवस्री-स्त्री० [सं० मालवश्रो] एक रागिनी
विशेष । मालगो (बी)-देखो 'माल्हणों' (बी)। मालति, मालती-स्त्री० [सं० मालती] १ एक लता विशेष
मालवाखर-पु० १ घोडे का पाखर, कवच । २ धन, दौलत । जिसके फूल सुगंधित या श्वेत होते हैं। २ उक्त लता के | माळावर फूल । ३ कली। ४ क्वारी युवती । ५ जायफल का वृक्ष ।| माळविणी-देखो 'मालवणी' ।
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