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माळविया
(
३७४ )
मानु
माळविया-स्त्री० लुहारों की एक शाखा ।
माळिो -देखो 'माळियो। माळवियो-पु०१ मालव देश का निवासी । २'मालविया' शाखा
। शाखा | मालिक-पु० [अ०] १ ईश्वर, परमात्मा । २ अधिपति, स्वामी। का लोहार । -वि० मालव का, मालव संबंधी।
३ सम्पत्ति या जायदाद का हकदार, वारिस । ४ पति, माळवी, मालवी-पु. १ मालवा प्रान्त का घोड़ा। २ मालवे का
खांविंद । ५ पदाधिकारी, अधिकारी । ६ अध्यक्ष, सरदार । निवासी । ३ एक रागिनी विशेष । ४ एक प्रकार का ७ नरक का अधिपति, देव । ८ माली। ९ रंगरेज । गुड। -वि० मालव का, मालव संबंधी ।
१० चित्रकार, चितेरा। माळवीक, माळवीख-स्त्री० १ घोड़े की एक चाल विशेष । मालिकपणी-१०१ मालिक होने की अवस्था या भाव । २ऊंट की एक चाल ।
२ स्वामित्व । ३ हकदारी। माळवीविद्या-स्त्री० मालव प्रदेश की विद्या ।
माळिण, माळिणी, माळिन-स्त्री० [सं० मालिनी] माली जाति माळवी, मालवी-पु० मध्य भारत का एक प्रदेश।
की स्त्री। मालस-देखो 'मालिस'।
मालिणी (नी)-स्त्री० [सं०मालिनी] १ दुर्गा का एक नामान्तर । मालसाहिब-पु०पूजीपति, धनवान ।
२ सात वर्ष की कन्या । ३ गौरी । ४ स्कन्द की मालसेपी-पु० किसानों से लिया जाने वाला एक कर ।
एक मातृ का । ५ प्राकाश गंगा । ६ रोच्य मनु की मालारणी-स्त्री० मारवाड का एक प्रदेश ।
माता का नाम । ७ एक प्राचीन नदी। ८ विभीषण को माळा, माला-स्त्री० [सं० माला] १ पुष्पहार, गजरा । २ हार,
माता का नाम । ९प्रज्ञातवास में द्रौपदी का एक नाम । कण्ठहार। ३ प्राभूषण । ४ मणिकों की माला, सुमरणी।
१० एक छन्द विशेष। ५ पंक्ति, कतार, शृखला । ६ नाम जप, जाप । ७ मुण्डों मालिम-देखो 'मालम'। का हार। क्रम, जखला । ९झुण्ड, समूह । १० रेखा। मालियत-स्त्री० [अ०१ धन, द्रव्य । २ सम्पत्ति, जायदाद । ११ एक मात्रिक छन्द विशेष । १२ निसाणी छन्द का एक ३ मूल्य, कीमत। भेद । १३ उपजाति छन्द का एक भेद । १४ दूब । माळियौ, मालियो-पू० १ ऊपरी मंजिल पर बना कमरा । १५ पांवला । १६ एक प्राचीन नदी का नाम । १७ तलवार २ ऊपरी मंजिल का कक्ष । ३ महल, अटारी। ४ घर, का एक भाग । १८ राठोड़ों की एक शाम्बा। १९ देखो
मकान । ५ दालान ।
| मालिस-स्त्री० [फा० मालश] १ मलने की क्रिया या भाव । माळाकार, मालाकार-पु० [सं०माला-कर:]१ माली। २ मालियों
२ उबटन, मर्दन । ३ उबटन करने का स्निग्ध पदार्थ । की एक जाति । ३ विश्वकर्मा के वंशजों का एक वर्ग ।
४ चमकीला करने की क्रिया, रगड़न । मालाखाड-पु० [सं० मल्ल-अक्षवाट] व्यायामशाला, अखाड़ा। माळागर-देखो 'माळवगिरी'।
माळी, माली-पु० [सं० मालिन] (स्त्री० माळण) १ प्रायः माळागळ-स्त्री. मालवा की भूमि, प्रदेश ।
बागवानी, साग-सब्जी व कृषि कार्य करने वाली जाति । माळागिर-देखो 'माळवगिरी'।
२ उक्त जाति का व्यक्ति । ३ मिट्टी के कोठे में छोटी माळाजप-पु. नाम जप, रट, जाप । सुमिरन ।
वस्तुओं के लिये बना कंगूरा, प्राचीर। ४ बागवानी का माळादोपक-पु० दीपक अलंकार का एक भेद ।
कार्य करने वाला कोई व्यक्ति । ५ राजीव-गण नामक माळादेवि, माळादेवी-स्त्री. विध्याचल की एक देवी।
छंद विशेष । -वि. १ माला धारी । २ माल संबंधी। माळाधर-पु. १ एक छन्द विशेष । २ एक अन्य वणिक छन्द ।।
३ देखो 'माळा'। माळाधरा-पु० एक वणिक छन्द ।
मालीइ-देखो ‘माळियो। माळाधार (धारी)-वि० माला धारन करने वाला -पु. १ | मालीकार-देखो 'माळाकार'।। संन्यासी। २ वैष्णव । ३ साधु। ,
माळीडो-देखो 'माळी'। मालाळी-स्त्री० बायें से दाय प्राकर शकुन देने वाली चिड़िया।
मालोत-स्त्री० [अ० मालियत] द्रव्य, सम्पत्ति, धन । मालाठी-पु. १ शकुन देने वाला तीतर । २ बायें से दायें प्राकर शकुन देने वाला हरिन ।
माळीपनो, माळीपन्नो-पु० किसी धातु का अत्यन्त बारीक-पत्र । मालावती-स्त्री० एक रागिनी विशेष ।
मालीबापची (बापचौ)-स्त्री० एक पौषधि विशेष । मालि-पु० [सं०] १ एक राक्षस । २ देखो 'माळा'। ३ देखो मालोयड़ो-पु० जंगलो बाकुची। 'माळो'।
मालु-स्त्री० [सं०] १ स्त्री, प्रौरत । २ एक लता विशेष ।
'माळ'।
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