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मोडली
( ४२० )
मोटम
घुमाने वाला। २ झुकाने वाला, नमाने वाला । ३ मिटाने | मोचक-पु० [सं०] १ साधु, भक्त । २ मोक्ष, मुक्ति । ३ केसे का वाला।
पेड़ । -वि० छुड़ाने या मुक्त करने वाला। मोडगो (दो)-क्रि० [सं० मुरणम) १ किसी सीधी वस्तु में बल मोचड़ि, मोड़ी-स्त्री. १ पैर की जूती । २ देखो 'मोछ' ।
देना. खड़े को झुकाना, घुमाना । २ धारदार वस्तु की धार ३ वह गाय जिसका बछड़ा मर गया हो और दूध देती हो। टेढी करना। ३ ऐंठन देना, मरोड़ना । ४ किसी चलते | मोचडी-पु. १ जूता, बूट । २ घोडों को प्राख का एक रोग । हुए की दिशा परिवर्तन करना । ५ लौटने के लिये कहना, | मोचण-पु० [सं० मोचनं १ छोड़ना क्रिया या भाव । २ रिहाई लौटाना । ६ वापस करना। ७ पराङ मुख करना, पृष्ठ छुटकारा, मुक्ति। ३ दूर करना, हटाना क्रिया । ४ उऋण फिरवामा, विमुख करना । ८ शरीरांग घुमाना । ९ लौट होने की अवस्था या भाव । ५ बहाव, स्राव । ६ खींचा जाने के लिये मजबूर करना, पीछे हटाना, खिसकाना, तानी, छीनाझपटी । ७ विनाश, समाप्ति। ८ मोची भगाना । १० नष्ट करना, मिष्टाना, तोडना । ११ छिन्न- जाति की स्वी। -प्रध-वि० पाप या दोष मिटाने वाला । भिन्न करना, अस्त-व्यस्त करना । १२ टेढी-मेही स्थिति मोचरणी (बौ)-क्रि० [सं० मोचनम] १ रिहा करना, मुक्त में करना १३ विमुख करना, विरुद्ध करना । १४ गिराना, करना, छोड़ना। २ त्यागना, छोड़ना। ३ मिटाना, पटकाना । १५ कागज वस्त्रादि में सलवट डालना, समाप्त करना । ४ बहाना, प्रवाहित करना। समेटना । १६ काटना।
मोचबो-पु. रबी की फसल की बुवाई से पूर्व की जाने वाली मोड़-तोड़-पु० घुमाव-फिराव, चक्कर ।
जुताई। मोड़बंध (धौ)-देखो 'मोडबंध' ।
| मोचन-देखो 'मोचण'। -अध='मोचणप्रध' । मोहाणी (बो)-क्रि० १ किसी सीधी वस्तु में बल दिगना, मोचरस-पु० [सं०] १ सेमल वृक्ष का गोंद । २ सेवरी का
खडे को झुकवाना घुमवाना । २ धारदार वस्तु की धार फूल । ३ मोर पंख, मयूर पिच । ४ घोड़े के पैरों का टेढी कराना । ३ ऐंठन दिराना, मरोड़वाना । ४ चलते हुए | की दिशा परिवर्तन कराना । ५ लौटने के लिए कहलाना, मोची-पु. (स्त्री० मोचन) जूते बनाने वाली एक जाति व इत लोटवानी । ६ वापस कराना । ७ पगड मुख कराना, पृष्ठ जाति का व्यक्ति । फिरवाना, विमुख कराना । ८ शरीरांग घुमवाना । ६ लौटने | मोचौ-पु० १ झुकाव । २ जूता। को मजबूर कराना, पीछे हटवाना, खिसकवाना, भगाना । | मोन्छ-देखो 'मोक्ष'। १० नष्ट कराना। मिटवाना, तुडवाना । ११ चिन्न-भिन्न | मोच्छष, मोठव-देखी 'महोत्सव' । कराना, अस्त-व्यस्त कराना । १२ टेढ़ी-मेढी स्थिति में मोचरण-देखो 'मूछण'। कराना । १३ विमुख कराना, विरुद्ध कराना। १४ गिरवाना. | मोज-१ देखो 'मौज'। २ देखी 'मोजो' ।
पटकवाना । १५ कागज वस्त्रादि में सलवट पटकवाना। मोजड़ी-१ देखो 'मोचड़ी' । २ देखो 'मोजी'। मोहि, मोड़ी-पु० खलिहान में घूमने वाले बैलों में से अन्दर की | मोजड़ो-देखो 'मोजो'। पोर घूमने वाला बल।
मोजांण-देखो 'मौज'। मोड़री-क्रि० वि० देर से, विलंब से।
मोजी-देखो 'मौजी'। मोड़ों-पु० १ दरवाजा, द्वार । २ विलंब, देरी ।-क्रि० वि० । मोजूद-देखो 'मौजूद'।
(स्त्री. मोडी) १ विलंब से, देरसे । २ लंबी प्रतीक्षा | मोवा-देखो 'मौजूदा' । के बाद।
मोजो-पु. [फा० मोज:] १ पैर का जुर्राब, पायताबा । मोचंग-देखो 'मुखचंग' ।
२ जूता । ३ पंर का कवच । ४ कुश्ती का एक दाव, पेच । मोच-स्त्री० [सं० मुच] १ झटके से शरीर के संधि स्थलों की | ५ देखो 'मोजो'।
नश का हटना । २ संधिस्थलों पर सूजन माना। | मोट, मोटउ-स्त्री. १ बड़प्पन, बढ़ाई। २ गर्व, घमंड । ३ कूए ३ माघात व झटका। ४ धात प्रादि के पात्रों में होने वाले से पानी निकालने की चडस । ४ देखो 'मोटो'। गडढे या उभार में पड़ने वाला बल । ५ हटना क्रिया या मोटको-देखो 'मोटो'। भाव । ६ नाश, समाप्ति । ७ शंका, संदेह । ५ त्याग, निवा- | मोटड़ी-१ देखो 'मोठड़ो'। २ देखो 'मोटो'। रण । ९ खड़ी लकड़ी को चीरने के लिए करोत के चारों | मोटनक-पु० [सं०] एक वर्ण वृत्त विशेष । पोर लगने वाली चौखट । [सं० मोचं, मोचः] १. केले मोटम-स्त्री० १ बड़ाई, बड़प्पन । २ महत्त्व, विशेषता । का फल या वृक्ष । ११ शोभांजन वृक्ष । १२ देखो 'मौछ' ।। ३ गर्व, अभिमान । ४ देखो मोटो'।
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