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भोक्ता
( ३०३ )
भोगेसर
व्यक्ति । २ महावत का सहायक । ३ खैरादी। ४ भोजन | भोगपाळ-पु० [सं० भोग-पाल] १ भोग पति । २ सईस ।
करने वाला, भोजी । ५ तीर में होने वाला छल्ला। भोगभाड़ो-पु० [सं० भोग-भाटक] कृषक द्वारा जागीरदार को भोक्ता-वि० [सं० भोक्त] । खाने वाला, भोजन करने वाला। दिया जाने वाला एक कर।
२ भोगने वाला । ३ उपभोग करने वाला । -पु० स्त्री का | भोगभूमि-स्त्री० [सं० भोग्य भूमि] १ क्रीड़ा स्थल । २ विलास पति, स्वामी।
। का स्थान । ३ जैन मतानुसार एक लोक विशेष । भोग-पु० [सं०] १ भोगने की क्रिया या भाव । २ सुख-दुःख की भोगळ, भोगल-स्त्री० [सं० भुजार्गल] प्रर्गला।
अवस्था। ३ सुख-सुविधा की सामग्री । ४ उपयोग, उपभोग। भोगळाऊ, भोगळावू-वि० [सं० भोग-लाभ] ऋण के बदले रखी ५ देवतामों का प्रसाद, नैवेद्य । ६ भोजन, खाना। ७ खाना हुई भूमि, जायदाद या वस्तु जिसका उपभोग करने पर क्रिया । ८ जमीन-जायदाद पर अधिकार होकर मिलने वाला ऋण का ब्याज नहीं होता। लाभ । ९ कब्जा, भुक्ति । १० प्राराम, चैन, ऐश। भोगळावी-पु० [सं० भोग-लाभ:] एक प्रकार का ऋण । ११ संभोग, मैथुन । १२ संभोग शक्ति। १३ घर, मकान । | भोगलिप्सा-स्त्री० [सं०] संभोग की इच्छा, व्यसन । १४ निवास स्थान । १५ सुख, माराम । १६ दुःख, कष्ट । | भोगळियाळ, भोगळियाळी-स्त्री० कटार । १७ पाप, पुण्य का फल । १८ किसी घटना या बात का भोगळी (ली)-स्त्री० १ स्त्रियों के शिर के बोर के पीछे की प्रतिफल । १६ किराया, भाड़ा । २० राज्य कर, लगान। नलिका । २ देखो 'भूगळी'। २१ कृषि उपज का हिस्सा, हासिल । २२ ज्योतिष में सूर्य | भोगळी-पु. बैलगाड़ी के चक्के के बीच में लगने वाला लोहे का आदि ग्रहों का काल या समय । २३ सांप, सर्प । २४ सांप | उपकरण । का फन । २५ प्राय, प्रामदनी । २६ बलि । २७ दावत, । भोगवरण-पु० भोग करने योग्य वस्तु । प्रीतिभोज । २८ लाभ, फायदा । २९ धन संपत्ति । भोगवरणो (बो)-देखो 'भोगणी' (बी)। ३० संभोग के बदले वेश्या को दिया जाने वाला धन ।। भोगवती-स्त्री० [सं०] १ गंगा । २ पाताल गंगा । ३ नागिन । ३१ शरीर, देह । ३२ परिमाण, मान । ३३ प्रारब्ध, भाग्य । ४ नागलोक या नागपुरी। ५ द्वितीया तिथि की रात्रि । ३४ शासन, हुकूमत। ३५ माल गुजारी। ३६ छप्पन की | भोगवांन-पु० [सं० भोगवन्] १ साँप । २ गाना, गीत । संख्या * ।
भोगविलास-पु० [सं०] १ सुख-चैन, प्रानन्द-मौज, एशोमाराम । भोगण-वि० भोगने वाला।
२ संभोग । मोगरगजमी-पु० गजा, नृप ।
भोगसील-देखो 'भोगीसल'।. भोगणी-वि० (स्त्री० भोगणी) १ उपभोग करने वाला, भोक्ता। | भोगांतराय-पु० सुख व भोगों के बीच पड़ने वाला विघ्न ।
२ खाने वाला । ३ उपयोग करने वाला, काम में | भोगाणी (बौ), भोगावणो (बी)-क्रि० १ सुख-दुःख की दशा में लाने वाला । ४ संभोग करने वाला। ५ सहन करने वाला, रखना । पुण्य-पाप का फल भुगताना । २ स्त्री-प्रसंग या भुगतने वाला।
संभोग कराना।। उपभोग कराना। ४ भुगतवाना। भोगणी (बो)-क्रि० १ सुख या दुःख की अवस्था में रहना, पाप ५ ऐण कराना, मौज कराना । ६ उपयोग कराना।
पुण्य का फल भुगतना । २ स्त्री संभोग करना । ३ उपभोग | भोगि, भोगियो-देखो 'भोगी'। करना । ४ काम में लाना । ५ भुगतना । सहना । | भोगियोभमर, भोगियो भवर-वि. विलासी, विलास प्रिय ।। ६ आनन्द या ऐश करना । ७ सद्-उपयोग करना ।
"। भोगी-पु. १ सर्प, नाग । २ एक छन्द शास्त्रकार। ३ शेषनाग । ८ शासन या राज्य करना।
४ नृप, राजा। ५ जमींदार । ६ धनी, वैभवशाली । भोगता-पू० [सं० भोक्ता] १ पति, भरतार । २ उपभोक्ता । ७ संगीत में एक राग। -वि० १ भोगने वाला, भोक्ता । ___३ जागीरदार।
२ उपभोक्ता । ३ खाने वाला। ४ विषयासक्त, विलासी। भोगदेह-पु. मरणोपरांत मिलने वाला सूक्ष्म शरीर।
५ ऐश आराम करने वाला । मोजी। ६ पय्याश, रण्डीभोगनौ-पु. १ कान के प्रागे का भाग, कनपटी । २ मस्तिष्क ।। बाज। बुद्धि । ३. शिर, मस्तक । ४ प्रारब्ध, भाग्य ।
भोगीकुसुम-पु० भ्रमर, भौंरा।. भोगपत, भोगपति-पु० नगर का शासक, सूबेदार ।
भोगीसल-पु० [स. भोगीशैल:] जोधपुर के पास स्थित एक भोगपतर, भोगपत्र-पु० [सं० भोग-पत्र] किसी वस्तु के उपभोग पर्वत श्रेणी। के लिये दिया गया अधिकार-पत्र ।
भोगेसर, भोगेस्वर-पु. एक तीर्थ का नाम ।
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