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मातरा
माथासरी
मातरा-स्त्री० १ धन, दौलत, सम्पत्ति । २ मात्रा । ३ माता।। माता। ३ आर्यमा नामक मादित्य की पत्नी। ४ एक मातरौ-पु० मूत, पेशाब।
तांत्रिक यंत्र । ५ यंत्र में लिखे जाने वाले अंक या लिपि । मातळ, मातळि-पु० [सं० मातलि] १ महावत । २ इन्द्र का | मात्रमोम-देखो 'मात्रिभूमि' । सारथी, रथवान ।
मात्रा-स्त्री० [सं०] १ नाप या तोल के अनुसार कोई परिमाण । मातलोक-पु० [सं० मृत्यु लोक] १ मृत्युलोक, मनुष्य लोक । २ नाप या तोल का उपकरण । ३ अक्षर के प्रागे-पीछे व २ मातृ भूमि।
ऊपर लगने वाला चिह्न। ४ छन्दशास्त्र के अनुसार कला । मातवट (टि)-देखो 'मथावटि' ।
५ परिमाण, संख्या। ६ पौषधि की मात्रा, खुराक । ७ अंश मातवर-देखो 'मातबर'।
भाग। ८ करण, अणु । ९ पल, लहमा । १० धन, सम्पत्ति । माता-स्त्री० [सं० मात] १ जन्म देने वाली मां, जननी, अंबा । | ११ तत्त्व । .१२ शक्ति, बल। १३ संगीत में ताल का
२ माता के स्थान वाली स्त्री। ३ प्रादरणीय व वृद्धा स्त्री। निश्चित भाग । १४ स्वर के उच्चारण का समय । ४ पार्वती । ५ दुर्गा, देवी, शक्तिश६ लक्ष्मी । ७ गौ।।
१५ संगीत में गीत और वाद्य का समय, निरूपख । ८ पृथ्वी, भूमि । ९ धन, दौलत । १० शीतला या चेचक १६ काम की बाली। १७ एक माभूषण या रत्न । नामक रोग । ११ नव दुर्गाएँ। १२ इन्द्र वारुणी। मात्रि-वि० [सं० मातृ माता संबंधी, माता का। १३ जटामासी।
| मात्रिक-वि० [सं०] १ मात्रा संबंधी, मात्रा युक्त । २ मात्रा से मातामता-क्रि० वि० घूमते-फिरते।
बनने वाला । -पु० १ छन्दों का एक वर्ग व इस वर्ग का मातामह-पु० माता का पिता, नाना।
छन्द । २ देखो 'मात्रक' । मातीगोठ-स्त्री० बड़ी गोष्ठी ।
मात्रिभाखा (भासा)-स्त्री० [सं० मातृ भाषा] १ घर, परिवार मातीमुरगी-स्त्री० धनवान व सम्पन्न प्रासामी।
प्रदेश व देश की भाषा, बोली । २ राष्ट्रभाषा। मातु-देखो 'माता'।
मात्रिभूमि-स्त्री० [सं० मातृभूमि] जन्म भूमि, अपना मातुळ (ल), मातुलि (लो)-पु० [सं० मातुल] १ मामा।| देश, स्वदेश ।
२ धतूरे का पौधा । ३ एक सर्प विशेष । ४ देखो 'मातलि'। मात्रिमुख, मात्रीमुख-पु० [सं० मात मुख मूढ या मूर्ख। माते-देखो 'माथै'।
मात्रिरिस्ट-पु० [सं० मातृरिष्ट] प्रशुभ लग्न में संतान जन्मने मातेत-वि० [अ० मातहत] १ अधीनस्थ, अधीन रहने वाला।
पर माता-पिता पर पाने वाला संकट । २ पराधीन । -पु. १ अधीनस्थ कर्मचारी। २ सहायक कार्यकर्ता।
माथ, माथह-१ देखो माथी'। २ देखो 'माथै'। मातेती-स्त्री० [५० मातहती] १ 'मातहत' होने की दशा
माथइयो, माथउ, माथड़ो, मालियो-देखो मायो। अवस्था या भाव । २ अधीनता ।
माथाकर-क्रि० वि० ऊपर होकर, ऊपर से। मात-देखो 'मार्थ'।
माधाधोवरण, माथानावरण-पु० [सं० मस्तक+धोवनं, स्नान] मातो-वि० [सं० मत्त] (स्त्री० माती) १ मोटा-ताजा, स्थूल
१ प्रसव के कुछ दिन बाद जच्चा को कराया जाने वाला काय । २ हृष्ट-पुष्ट, तंदुरुस्त । ३ मस्त, मतवाला। स्नान । २ घी और छाछ मिला, शिर धोने का पानी। ४ मदमस्त, नशे में चूर । गर्क, लीन । ५ घायल ।
माथापच, माथापची, माथाफोड़, माथाफोड़ी-स्त्री. १ किसी ६अभिमानी, अहंकारी। ७ प्रसन्न, खुश । ८ अधिक दिन का
बात या विषय पर दिमाग लगाने की क्रिया, बुद्धि का श्रम । पड़ा हुमा, विकृत । ९ बलवान, शक्ति-शाली। १० भयंकर
२ प्रपंच, झट । ३ मन या बुद्धि पर अनावश्यक बोझा । भयानक । ११ जबरदस्त, जोरदार । १२ सघन, घना,
४ परिश्रम, मेहनत । ५ बहस, हुज्जत । ६ किसी बात या गहरा । १३ तेज, तीव्र, उग्र । १४ अत्यधिक । १५ भारी,
कार्य को समझने के लिये बुद्धि पर लगाया जाने वाला वजनी । १६ देखो 'माता' ।
जोर। मातंग-देखो 'मातंग'। मात्र-अव्य० [सं०] १ केवल, सिर्फ । २ समान, भर । ३ देखो
माथायलो-वि० (स्त्री० माथायली) मस्तक के ऊपर वाला। 'माता'
ऊपर वाला। मात्रक-पु० [सं०] माता का भाई, मामा।
माथारखी-स्त्री० १ छुपने की जगह । २ सुरक्षित स्थान । मात्रका-स्त्री० [सं० मातृका] १ अंधकासुर का खून चूसने हेतु माथासरी, माथासिरौ-पु. १ शिखर, चोटी। २ उद्गम स्थान ।
शिव द्वारा निर्मित शक्तियां । लोक देवियां। २ देवी, देव । ३ किसी वस्तु का सब से ऊपर का शिरा। ४ अन्तिम
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