________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
भकार
www.kobatirth.org
मकारी (बी) देखो 'वाकारणी' (बी)।
मकारी-देखो 'भखारी' ।
( २६३ )
मकार - पु० १ 'भ' अक्षर, वर्णं । २ भगरण के लिये प्रयुक्त | भक्षणों (बौ) - क्रि० [सं० भक्षण] १ भोजन करना, माहार
शब्द |
करना, खाना । २ अशिष्टता से खाना । ३ काटना, देशना । मक्षाखौ (बौ) - क्रि० [सं० भक्षण] १ भोजन कराना, महार कराना, खिलाना । २ अशिष्टता से खिलाना । ३ कटाना, दंशाना |
भकावटो-देखो 'भखावटी' ।
'देखो 'मातृ'ड'
अकूट - पु० [सं०] विवाह की गणना में शुभ मानी जाने वाली राशियों का समूह ।
मकूडी - पु० तोप में बत्ती ठूसने का मोटा गज ।
भक्करण (ब)- १ देखो' भक्षणी' (बी) । २ देखो' भाखरणी' (बी) । भक्ख- देखो 'भक्ष' ।
मक्खी (बो) -१ देखो भक्षणी' (गो) २ देखो 'भाखों (दो)। भक्खर भक्खर - १ देखो 'भाखर' । २ देखो 'भास्कर' । भक्खरी स्त्री० १ एक प्रकार की रोटी । २ देखो 'भाव' । मक्खी देखो 'सी' |
भक्त - वि० [सं०] १ ईश्वर, किसी देवता या महात्मा के प्रति श्रद्धा-भक्ति व प्रास्था रखने वाला । २ भजन करने वाला । ३ जो किसी के प्रति प्रत्यन्त श्रद्धालु हो, धनुयायी । ४ पक्षपाती - पु० १ भोजन । २ उपासना या भक्ति करने वाला मनुष्य । ३ धार्मिक वृत्ति वाला प्राणी । - तारण तरण - वि० भक्तों का उद्धारक । -पु० ईश्वर । गरुड़ । दास-पु० अपने स्वामी से भोजन कपड़ा पाने वाला भक्त परायण
ईश्वर भक्तों का पालक-बल बल भक्तवत्सल' - राक्षस पु० विभीषण-बल, वत्सल - वि० भक्तों पर दया, स्नेह रखने वाला । - पु० ईश्वर । भक्ति स्त्री० [सं०] १ ईश्वर, किसी देवता या महात्मा के प्रति
होने वाली टूट श्रद्धा, प्रास्था । २ उपासना, भजन, तपस्या । ३ विश्वास, निष्ठा, श्रद्धा । ४ सेवा-शुश्रूषा । ५ अनुराग । ६ प्रादर-सम्मान । ७ मान प्रदर्शन ८ पूजा अर्चना । ९ भोजन १० सजावट ११ भात । १२ उबाला हुआ भोज्य पदार्थ । १३ भिन्नता, पृथकता । १४ बंटवारा बाट १५ हिस्सा अंश विभाग १६ साहित्य में ध्वनि विशेष १७ छन्द शास्त्र में एक वृत्त विशेष १८ जेन मतानुसार एक वमन । १९ नौ की संख्या * -कर, कारक - वि० जिससे भक्ति उत्पन्न हो । भक्तियोग्य । - मारग पु० भक्ति करके युक्ति वा सिद्धि प्राप्त करने की विधि।
तर,
सूत्र पु० वैष्णव संप्रदाय का एक सूत्र ग्रन्थ । -
।
भक्ष - पु० [सं०] १ भोजन, श्राहार । २ भोज्य पदार्थ । वि० १ प्रहार करने वाला । २ देखो 'भक्ष्य' । भक्षक - वि० [सं०] खाने वाला, प्राहारी । भक्षण पु० [सं०] १ माहार भोजन २ भोजन करने वाला भक्षणी स्त्री० [सं०] [भक्षिणी] भक्षण करने वाली ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भगवंती
मक्षि, मक्षी - वि० [सं० भक्षिन् ] ( स्वी० भक्षिणी) १ खाने वाला आहार करने वाला । २ पदार्थ या वस्तु विशेष को खाने
वाला ।
देखो 'भिक्षु'
भक्ष्य-वि० खाने योग्य पदार्थ ।
।
-देखो 'भूखंड' |
भख पु० [सं० भक्ष्] १ पानी २ किसी देवता को चढ़ाई जाने वाली बलि । ३ भखना या निगलना क्रिया । ४ बलात् खाने की क्रिया । ५ देखो 'भक्ष' ।
खास स्त्री० [सं० प्राशु+भक्षी ] मकड़ी भखख देखी 'भक्षण' । भखरणी-देखो 'भक्षणी' ।
मखणी (बौ) - क्रि० [सं० भक्षरणम् ] १ प्रहार करना, खाना ।
२ बलात् खाना, निगलना । ३ दंश करना, काटना । ४ देखी 'भाव' (बो)।
भखपनंग- पु० [सं० पन्नगः + भक्षक ] १ मयूर, मोर । २ गरुड़ । भखमूर-देखो 'भकपूर' |
मखभूरी-स्त्री० भोजन की चिन्ता । भखभूरी-देखो 'भकभूरी'।
भखमंगार पु० [सं०] मार्जार भक्ष्य ] चूहा मूषा भखरी-१ देखो 'भाखर' । २ देखो 'भक्खरी' ।
भखाखौ (बौ) - १देखो 'भक्षारणी' (बो)। २ देखो 'बहकारणी' (बो)। भखार - देखो 'भखारी' ।
भखारणी (बी) - देखो 'वाकारणो' (बी) ।
भखारी, भखारी रंत्री० [सं० भक्षागार) किसी दीवार में बा जीने के नीचे बना कक्ष ।
भखावटी पु० उपाकाल, ब्राह्ममुहूर्त। भखावणो (बी) - १ देखो 'भक्षाणी' (बो)। २देखो बहकारी' (बी) भखी-स्त्री० १ एक घास विशेष । २ देखो 'भक्षी' ।
For Private And Personal Use Only
भखंड, भड - वि० [सं० भू-खंड ] धूल से सना, धूसरित । भवी० पेट के बाजू का स्थान ।
भखखणी-देखो 'भक्षणी' ।
खणी (बौ) - देखो 'भक्षणी' (बी) ।
मस्तु देखो 'भक्षी'।
भगंबर - पु० [सं०] गुदावर्त के पास होने वाला एक रोग ।
| भगवंती - देखो 'भगवती' ।