Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका पद १७ २०१७ लेश्यायाः वर्णनिरूपणम
___२२१ पण्णता ? गोयमा ! से जहा नामए ससरुहिरएइ वा उरभरुहिरेइ वा वराहरुहिरेइ वा संवररुहिरेइ वा मणुस्सरुहिरेइ या इंदगोपेइ वा बालेंदगोपेइ वा बालदिवायरेइ वा संझारागेइ वा गुंजद्धरागेइ बा जातिहिंगुलेइ वा पवालंकुरेइ वा लक्खारसेइ वा लोहितवमणीइ वा किमिरागकंबलेइ वा गयतालुएइ वा चीणपिटुरासीइ वा पारिजायकुसुमेइ वा जासुमणकुसुमेइ वा किसुयपुप्फरासीइ वा रत्तुप्पलेइ वा रत्तासोगेइ वा रत्तकणवीरएइ वा रत्तबंधु य जीवएइ वा भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणटे समढें, तेउलेस्सा णं एत्तोइट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव वण्णेणं पण्णत्ता, पम्हलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पण्णता ? गोयमा ! से जहा नामए चंपेइ वा चंपयछल्लीइ वा चंपयभेदेइ या हालिद्दाइ वा हालिदगुलियाइ वा हलिदाभेदेइ वा हरियालेइ वा हरियालगुलियाइ वा हरियालभेदेइ वा चिउरेइ वा चिउररागेइ वा सुवन्न. सिप्पीइ वा वरकणगणिहसे इ वा वरपुरिसवसणेइ वा अल्लइकुसुमेइ वा कपिणयारकुसुमेइ वा कुहंडयकुसुमेह वा सुवण्णजुहियाइ वा सुहिरनिया कुसुमेइ वा कोरिंटमल्लदामेइ वा पोतासोगेइ वा पीतबंधुजीवएड वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणटे समटे, पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया जाय मणामयरिया चेव वण्णेणं पण्णत्ता, सुकलेस्सा o भंते! केरिसिया वण्णेणं पण्णता ? गोयमा ! से जहा नामए अंकेइ या संखेइ वा चंदेइ वा कुंदेइ वा दगेइ वा दगरएइ वा दधीइ वा दहिघणेइ वा खीरेइ वा खीरपूरएइ वा सुक्कच्छिवाडियाइ वा पेहुणमिजियाइ वा धंतघोयरुप्पपट्टई वा सारदबलाहएइ वा कुमुददलेइ वा पोंडरीयदलेइ वा सालिपिटुरासीइ वा कुडगपुप्फरासीइ वा सिंदुवारमल्लदामेह सेयासोएइ वा सेयकणवीरेइ वा सेतबंधुजीवएइ वा, भवेयारूवे ? गोयमा! णो इण? समटे, सुक्कलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया चेव मणुण्णय. रिया चेय वपणेणं पपणत्ता, एयाओणं भंते ! छल्लेस्साओ कइसु
श्री प्रशानसूत्र:४