Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका पद २१ २० ७ आहारकशरीरनिरूपणम् __ ७४९ मनुष्याहारकशरीरम्-असंयतसम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, संयतासंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्योहारकशरीरम् ? गौतम ! संयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युस्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम् नो असंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्मव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, नो संयतासंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयकर्मभूमिगगर्मकर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (असंजतसम्मट्टिी पज. त्तगसंखेनवासाउय कम्मभूमगगन्भवतिय मणूस आहारगसरीरे) या असं. सम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (संजयासंजय सम्मट्टिीपज्जत्तगसंखेज वासाउय कम्मभूमगगन्भवतियमणूस आहारग सरीरे ?) या संयतासंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होतो है ? (गोयमा! संजय सम्मदिट्टी पज्जत्तगसंखेब्रवासउय कम्मभूमगगन्भवतिय. मणूस आहारगसरीरे) हे गौतम ! संयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (नो असंजयसम्मदिट्टीपज्जत्तगसंखेजवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मणुस आहारगसरीरे) असंयतसम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता (नो संजयासंजयसम्मट्ठिीपज्जत्तगसंखेनवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) संयतासंयत सम्यग्दृष्टि पर्यास संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहा
વ્યનું આહારકશરીર હોય છે તે શું સંતસમ્યગ્દષ્ટિ પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુ ध्याय भभूमिना म भनुष्यना 2081२४शरी२ डाय छे (असंजय सम्मदिवी पज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) अथवा मसयत સમ્યદ્રષ્ટિ પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુષ્યવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહાર४शरीर डाय छे. (संजयासंजय सम्मदिट्टी पज्जात्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवकतिय मणस आहारगसरीरे) २०११। सयतासयत सम्५४४टि पयात सध्यात ना आयुष्यवाणा भभूमिना गम भनुध्यना माह।२४शरीर हाय छ (गोयमा ! संजयसभदिवी पज्जत्तगस खेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कंतियमणूस आहारगसरीरे) गौम ! સંયત સમ્યદૃષ્ટિ પર્યાપ્ત સંખ્યાતવર્ષની આયુષ્યવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહા २४शरीर हाय छे. (नो असंजय सम्मदिट्ठी पज्जतग सखेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवतिय मणूस आहारगसरीरे) मसयत सभ्य३६ष्ट पति सभ्यातनी आयुष्यवाणा भभूमिना शल मनुष्यना माह२४१५२ उता नथी (नो सजयासंजय सम्मदिवी पज्जत्तग सखे. ज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंवतिय मणूस आहारगसरीरे) यासयत सभ्यpale
श्री. प्रशान। सूत्र:४