Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 768
________________ प्रमैयसोधिनी टीका पद २१ सू० ७ आहारकशरीरनिरूपणम् संख्येयवर्षायुष्कर्म धूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति, नो असंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्ति कमनुष्याहारशरीरं भवति, गौतमः पृच्छति-'जइ संखेजवासाउयकम्मभूमगगम्भवक्कतिष मणूस आहारगसरीरे किं पज्जत्तमसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवकतिय मणूसआहारगसरीरे अपजत्तगसंखेजवासा उय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूसआहारगसरीरे ?' योदे संख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं तत् किं पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति ? किं वा अपर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्या हारक शरीरं भवति ? भगवानाह 'गोयमा!" हे गौतम ! 'पज्जत्तग संखेजवासाउय कम्मभूमगगब्भवतियमणूस हारगसरीरे, नो अपजत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भववतिय मणूस आहारगसरीरे' पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति नो अपर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति, गौतमः पृच्छति-'जइ पज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवतिय मणूस आहारसरीरे किं सम्मदिट्ठि पजत्तगसंखेज्जवासाउय का आहारक शरीर होता है, असंख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता। __ श्रीगौतमस्वामी-हे भगवन् ! यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है तो क्या पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है अथवा अपर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है ? भगवान्-हे गौतम ! पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है अपर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता। શ્રીભગવાન ગૌતમ ! સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, અસંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર નથી હોતાં. શ્રીગૌતમસ્વામી–હે ભગવન! યદિ સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મનાભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, તે શું પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના હોય છે અથવા અપર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે? શ્રીભગવાન ગૌતમ પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, અપર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર નથી હોતાં. श्री. प्रशानसूत्र:४

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