Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 760
________________ प्रमेयशोधिनी टीका पद २१ स० ७ आहारकशरीरनिरूपणम् ५४७ कसरीरम् ? अपर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूभिंगगर्भव्युत्क्रान्तिनमनुष्याहारकशरीरम् ? गौतम ! पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, नो अपर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, यदि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं किं सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युस्क्रान्तिकमनुष्याहारककरीरम्, मिथ्यादृष्टि पर्याप्त कसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्ति कमनुष्याहारकशरीरम्, सम्यग्मिथ्यादृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिमनुष्य का आहारकशरीर होता है ? (गोयमा ! पजत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगन्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) हे गौतम ! पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (नो अपज्जत्त. संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवतिय मणूस ओहारगसरीरे) अपर्याप्त सं. ख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भजमनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता (जइ पज्जत्तगसंखेजवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कंतियमणूस आहारगसरीरे किं सम्मट्टिीपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्कंतियमण्स आहारगसरीरे, मिच्छद्दिट्ठीयपज्जत्तग संखेन्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, सम्मामिच्छट्टिीपज्जत्तग संखेजवासाउय कम्मभूमगगम बक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे ?) यदि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है तो क्या सम्यग्दृष्टि पर्यास संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है, अथवा मिथ्यादृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्मज कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे ?) तो पर्याप्त संध्यात पनी सायुવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, અગર અપર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુ વાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે? (गोयमा ! पज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गमवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) હે ગૌતમ ! પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકशश२ सय छ (नो अपज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवतिय मणूस आहारगશરીર) અપર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારક શરીર નથી હું (जइ पज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस ओहारगसरीरे किं सम्म द्विढि पज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गठमवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, मिच्छादिद्धि पज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, सम्मामिच्छदिदि पज्जत्तग सखेज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवतिय मणूस आहारगसरीरे १) यहि परित સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, તે શું સમ્ય श्री. प्रशापनासूत्र:४

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