Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 755
________________ ७१२ प्रशापनास्त्रे गारे पण्णत्ते, जइ एगागारे किं मणूस आहारगसरीरे, अमणूस आहारगसरीरे ? गोयमा! मणूस आहारगसरीरे नो अमणूस आहारगसरीरे, जइ मणूस आहारगसरीरे किं समुच्छिम मणूल आहारगसरीरे, गन्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे ? गोयमा ! नो संमुच्छिममणूसआहारगसरीरे, गन्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, जइ गभवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे किं कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, अकस्मभूमगगम्भवतिय मणूस आहारगसरीरे अंतरहीवगगब्भवतिय मणूस आहारगसरीरे ? गोयमा ! कम्म. भूमगगभवतिय मणूस आहारगसरीरे, नो अकम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसीरे, नो अंतरद्दीवगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, जइ कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे किं संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, असंखेज्ज वासाउथ कम्मभूमगगन्भवतिय मणूस आहारगसरीरे ? गोयमा ! संखिज्जवालाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, नो असंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवतिय मणूस आहारगसरीरे, जइ संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारंगसरीरे किं पज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे अपज्जनगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवतियमणूस आहारगलरीरे ? गोयमा ! पजत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवतिय मणूस आहारगसरीरे, नो अपज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगभवतिय भणूस आहारगलरीरे, जइ पज्जत्तग संखेजवासाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे किं सम्मट्ठिी पजत्तग संखेजवासाउय कम्मभूमगगन्भवतिय मणूस आहारगसरीरे, मिच्छाट्ठिी पजत्तग संखेजवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे, सम्मामिच्छद्दिट्ठी पजत्तग संखेज वासाउय कम्मभूमग श्री. प्रशान। सूत्र:४

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