Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 17 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०३० उ.१ सू०१ जीवाना कर्मबन्धकारणनिरूपणम् ६७ वादिनो न तु अक्रियाऽज्ञानिकनयिकवादिनो भवन्ति । 'सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्ता' सयोगिनो यावत् पदेन मनोयोगिनो वचनयोगिनः काययोगिना सलेश्यजीववदेन क्रियावादिनोऽपि अक्रियावादिनोऽपि अज्ञानिकवादिनोऽपि चैनयिकवादिनोऽपि भवन्तीति । 'अजोगी जहा अलेस्सा' अयोगिनो यथा अलेश्याः, अलेश्यजीववदेव अयोगिनः केवलं क्रियावादिनो भवन्ति न तु अक्रियावादिनोऽ ज्ञानिकवादिनो वैनयिकवादिनश्च! 'सागारोवउत्ता अनागारोवउत्ता जहा सलेस्सा' सलेश्यजीववदेव साकारोपयोगयुक्ता अनारारोपयोगयुक्ताः क्रियावादिनो यावद वैनयिकवादिनो भवन्तीति । 'नेरइयाणं भंते ! किं किरियावाई पुच्छा' नैरयिका जहा अलेस्सा' अकषायी जीव अलेश्य जीवों के जैसे केवल क्रियावादी ही होते हैं अक्रियावादी नहीं होते हैं, अज्ञानवादी भी नहीं होते और न वैनयिकवादी ही होते हैं। 'सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा' सलेश्य जीवों के जैसे सयोगी यावत् काययोगी जीव क्रियावादी भी होते हैं, अक्रियावादी भी होते हैं अज्ञानवादी भी होते हैं और वैनथिकवादी भी होते हैं यहां यावत्पद से मनोयोगी, वचनयोगी का ग्रहण हुआ है । 'अजोगी जहा अलेस्सा' अयोगी जीव अलेश्य जीवों के जैसे केवल क्रियावादी ही होते हैं। अक्रियावादी, अज्ञानवादी और वैनयिकवादी नहीं होते हैं। 'सागारोवउत्ता अना. गारोवउत्ता जहा सलेरसा' सलेक्य जीवों के जैसे साकारोपयुक्त और अनाकारोपयुक्त जीव क्रियावादी भी होते हैं, अक्रियावादी भी होते हैं, अज्ञानवादी भी होते हैं और वैनधिकवादी भी होते हैं । 'नेरयाणं भंते ! कि किरियाबाई पुच्छा-'हे भदन्त ! नैरयिक जीव क्या क्रिया: 'अकसाई जहा अलेक्सा' मषायी वेश्या विनान वाना थन प्रभारी કેવળ ક્રિયાવાદી જ હોય છે. અકિયાવાદી હેતા નથી. અજ્ઞાનવાદી પણ હતા नथी. तथा नयि:पाही ५९५ डाता नथी. 'सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा' લેશ્યાવાળા જીવે.ના કથન પ્રમાણે સગી યાવતુકાય ગવાળા જી ક્રિયાવાદી પણ હોય છે, અકિયાવાદી પણ હોય છે. અજ્ઞાનવાદી પણ હોય છે, અને નયિકવાદી પણ હોય છે. અહિયાં યાવત્પદથી મનેયેગવાળા, અને વચનગवाणामी, ४२राय छे. 'अजोगी जहा अलेस्सा' अयोगी ७१ मवेश्य वानी જેમ કેવળ કિયાવાદી જ હોય છે. અક્રિયાવાદી, અજ્ઞાનવાદી, અને વનયિકવાદી डाता नथी. 'सागारोवउत्ता अनागारोवउत्ता जहा सलेस्सा' वेश्यावा वानी જેમ સાકારપયુક્ત અને અનાકારોપયુક્ત જી ક્રિયાવાદી પણ હોય છે. અજિયાવાદી પણ હોય છે. અને અજ્ઞાનવાદી પણ હોય છે. અને વનયિક
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭