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चतुर्थ स्थान द्वितीय उद्देश
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इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. मन्द और भद्रमन- कोई पुरुष स्वभाव से मन्द किन्तु भद्र मनवाला होता है। २. मन्द और मन्दमन- कोई पुरुष स्वभाव से मन्द और मन्द ही मनवाला होता है। ३. मन्द और मृगमन— कोई पुरुष स्वभाव से मन्द और मृग मनवाला होता है। ४. मन्द और संकीर्णमन- कोई पुरुष स्वभाव से मन्द और संकीर्ण मनवाला होता है (२३८)।
२३९– चत्तारि हत्थी पण्णत्ता, तं जहा–मिए णाममेगे भद्दमणे, मिए णाममेगे मंदमणे, मिए णाममेगे मियमणे, मिए णाममेगे संकिण्णमणे।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा–मिए णाममेगे भद्दमणे, मिए णाममेगे मंदमणे, मिए णाममेगे मियमणे, मिए णाममेगे संकिण्णमणे।
पुनः हाथी चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. मृग और भद्रमन— कोई हाथी जाति से मृग (भीरु) किन्तु भद्रमन वाला (धैर्यवान्) होता है। २. मृग और मन्दमन-कोई हाथी जाति से मृग और मन्द मनवाला (कम धैर्यवाला) होता है। ३. मृग और मृगमन- कोई हाथी जाति से मृग और मृग मनवाला होता है। ४. मृग और संकीर्णमन—कोई हाथी जाति से मृग और संकीर्ण मनवाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. मृग और भद्रमन- कोई पुरुष स्वभाव से मृग, किन्तु भद्र मनवाला होता है। २. मृग और मन्दमन— कोई पुरुष स्वभाव से मृग और मन्द मनवाला होता है। ३. मृग और मृगमन- कोई पुरुष स्वभाव से मृग और मृग मनवाला होता है। ४. मृग और संकीर्णमन- कोई पुरुष स्वभाव से मृग और संकीर्ण मनवाला होता है (२३९)।
२४०- चत्तारि हत्थी पण्णत्ता, तं जहा संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, संकिण्णे णाममेगे मंदमणे, संकिण्णे णाममेगे मियमणे, संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, संकिण्णे णाममेगे मंदमणे, संकिण्णे णाममेगे मियमणे, संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे।
पुनः हाथी चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे
१. संकीर्ण और भद्रमन– कोई हाथी. जाति से संकीर्ण (मिले-जुले स्वभाववाला) किन्तु भद्रमन वाला होता है।
२. संकीर्ण और मन्दमन— कोई हाथी जाति से संकीर्ण और मन्द मनवाला होता है। ३. संकीर्ण और मृगमन- कोई हाथी जाति से संकीर्ण और मृग मनवाला होता है। ४. संकीर्ण और संकीर्णमन—कोई हाथी जाति से संकीर्ण और संकीर्ण मनवाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. संकीर्ण और भद्रमन— कोई पुरुष स्वभाव से संकीर्ण, किन्तु भद्र मनवाला होता है।