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नवम स्थान
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जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में भरत क्षेत्र में दीर्घ वैताढ्य पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं, जैसे
१. सिद्धायतन कूट, २. भरत कूट, ३. खण्डकप्रपातगुफा कूट, ४. माणिभद्र कूट, ५. वैताढ्य कूट, ६. पूर्णभद्र कूट, ७. तमिस्त्रगुफा कूट, ८. भरत कूट, ९. वैश्रमण कूट (४३)।
४४- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं णिसहे वासहरपव्वते णव कूडा पण्णत्ता, तं जहा
सिद्धे णिसहे हरिवस, विदेह हरि धिति अ सीतोया।
अवरविदेहे रुपगे णिसहे कूडाण णामिवि ॥१॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में निषध वर्षधर पर्वत के ऊपर नौ कूट कहे गये हैं, जैसे१. सिद्धायतन कूट, २. निषध कूट, ३. हरिवर्ष कूट, ४. पूर्वविदेह कूट, ५. हरि कूट, ६. धृति कूट, ७. सीतोदा कूट, ८. अपरविदेह कूट, ९. रुचक कूट (४४)। ४५- जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्वते णंदणवणे णव कूडा पण्णत्ता, तं जहा
णंदणे मंदरे चेव, णिसहे हेमवते रयय रुयए य ।
सागरचित्ते वइरे, बलकूडे चेव बोद्धव्वे ॥१॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के नन्दन वन में नौ कूट कहे गये हैं, जैसे१. नन्दन कूट, २. मन्दर कूट, ३. निषध कूट, ४. हैमवत कूट, ५. रजत कूट, ६. रुचक कूट, ७. सागरचित्र कूट, ८. वज्र कूट, ९. बल कूट (४५)। ४६- जंबुद्दीवे दीवे मालवंतवक्खारपव्वते णव कूडा पण्णत्ता, तं जहा. सिद्धे य मालवंते, उत्तरकुरु कच्छ सागरे रयते ।।
सीता य पुण्णणामे, हरिस्सहकूडे य बोद्धेव्वे ॥ १॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के [उत्तर में उत्तरकुरु के पश्चिम पार्श्व में] माल्यवान् वक्षस्कार पर्वत के ऊपर नौ कूट कहे गये हैं, जैसे
१. सिद्धायतन कूट, २. माल्यवान् कूट, ३. उत्तरकुरु कूट, ४. कच्छ कूट, ५. सागर कूट, ६. रजत कूट, ७. सीता कूट, ८. पूर्णभद्र कूट, ९. हरिस्सह कूट (४६)। ४७- जंबुद्दीवे दीवे कच्छे दीहवेयड्ढे णव कूडा पण्णत्ता, तं जहा—
सिद्धे कच्छे खंडग, माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा ।
कच्छे वेसमणे या, कच्छे कूडाण णामाई ॥१॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में कच्छवर्ती दीर्घ वैताढ्य के ऊपर नौ कूट कहे गये हैं, जैसे१. सिद्धायतन कूट, २. कच्छ कूट, ३. खण्डकप्रपात कूट, ४. माणिभद्र कूट, ५. वैताढ्य कूट, ६. पूर्णभद्र कूट, ७. तमिस्त्रगुफा कूट, ८. कच्छ कूट, ९. वैश्रमण कूट (४७)।