Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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स्थानाङ्गसूत्रम्
१. युक्त और युक्तरूप- कोई घोड़ा युक्त और युक्तरूप वाला होता है। २. युक्त और अयुक्तरूप- कोई घोड़ा युक्त, किन्तु अयुक्तरूप वाला होता है।। ३. अयुक्त और युक्तरूप— कोई घोड़ा अयुक्त, किन्तु युक्तरूप वाला होता है। ४. अयुक्त और अयुक्तरूप- कोई घोड़ा अयुक्त और अयुक्तरूप वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे१. युक्त और युक्तरूप— कोई पुरुष युक्त और युक्तरूप वाला होता है। २. युक्त और अयुक्तरूप— कोई पुरुष युक्त, अयुक्तरूप वाला होता है। ३. अयुक्त और युक्तरूप— कोई पुरुष अयुक्त, किन्तु युक्तरूप वाला होता है। ४. अयुक्त और अयुक्तरूप— कोई पुरुष अयुक्त और अयुक्तरूप वाला होता है (३८२)।
३८३ - [चत्तारि हया पण्णत्ता, तं जहा—जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे। ___ एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे]।
पुनः घोड़े चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे१. युक्त और युक्तशोभ— कोई घोड़ा युक्त और युक्तशोभा वाला होता है। २. युक्त और अयुक्तशोभ- कोई घोड़ा युक्त, किन्तु अयुक्तशोभा वाला होता है। ३. अयुक्त और युक्तशोभ— कोई घोड़ा अयुक्त, किन्तु युक्तशोभा वाला होता है। ४. अयुक्त और अयुक्तशोभ- कोई घोड़ा अयुक्त और अयुक्तशोभा वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे१. युक्त और युक्तशोभ- कोई पुरुष युक्त और युक्तशोभा वाला होता है। २. युक्त और अयुक्तशोभ- कोई पुरुष युक्त, किन्तु अयुक्तशोभा वाला होता है। ३. अयुक्त और युक्तशोभ- कोई पुरुष अयुक्त, किन्तु युक्तशोभा वाला होता है।
४. अयुक्त और अयुक्तशोभ— कोई पुरुष अयुक्त और अयुक्तशोभा वाला होता है (३८३)। ___३८४- [चत्तारि गया पण्णत्ता, तं जहा—जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते ]।
हाथी चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे१. युक्त और युक्त- कोई हाथी युक्त होकर युक्त ही होता है। २. युक्त और अयुक्त– कोई हाथी युक्त होकर भी अयुक्त होता है। ३. अयुक्त और युक्त– कोई हाथी अयुक्त होकर भी युक्त होता है।