Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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स्थानाङ्गसूत्रम्
वक्तव्यता के समान है (८९)।
९०- एवं पुक्खरवरदीवड्डपच्चत्थिमद्धेवि महापउमरुक्खातो जाव मंदरचूलियति।
इसी प्रकार पुष्करवरद्वीपार्ध के पश्चिमार्ध के महापद्म वृक्ष से लेकर मन्दरचूलिका तक का सर्व वर्णन जम्बूद्वीप की वक्तव्यता के समान है (९०)। कूट-सूत्र
९१– जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वते भहसालवणे अट्ठ दिसाहत्थिकूडा पण्णत्ता, तं जहा— संग्रहणी-गाथा
पउमुत्तर णीलवंते, सुहत्थि अंजणागिरी ।
कुमुदे य पलासे य, वडेंसे रोयणागिरी ॥१॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दरपर्वत के भद्रशाल वन में आठ दिशाहस्तिकूट (पूर्व आदि दिशाओं में हाथी के समान आकार वाले शिखर) कहे गये हैं, जैसे
१. पद्मोत्तर, २. नीलवान्, ३. सुहस्ती, ४. अंजनगिरि, ५. कुमुद, ६. पलाश, ७. अवतंसक
८.रोचनगिरि (९१)। जगती-सूत्र
९२– जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स जगती अट्ठ जोयणाई उडे उच्चत्तेणं, बहुमझदेसभाए अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं पण्णत्ता।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप की जगती आठ योजन ऊंची और बहुमध्यदेश भाग में आठ योजन विस्तृत कही गई है (९२)। कूट-सूत्र
९३- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं महाहिमवंते वासहरपव्वते अट्ठ कूडा पण्णत्ता, तं जहासंग्रहणी-गाथा
सिद्धे महाहिमवंते, हिमवंते रोहिता हिरीकूडे ।
हरिकंता हरिवासे, वेरुलिए चेव कूडा उ ॥१॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के ऊपर आठ कूट कहे गये हैं, जैसे
१. सिद्ध कूट, २. महाहिमवान् कूट, ३. हिमवान् कूट, ४. रोहित कूट, ५. ही कूट, ६. हरिकान्त कूट, ७. हरिवर्ष कूट, ८. वैडूर्य कूट (९३)। ९४- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं रुप्पिमि वासहरपवते अट्ठ कूडा पण्णत्ता,